हस्ताक्षर अभियान को जन-जन तक ले जाने में अपना भरपूर योगदान दें-दर्शन लाल
हुसैनपुर (समाज वीकली) (कौड़ा)-आर.सी.एफ बचाओ संघर्ष कमेटी की तरफ से भारतीय रेलवे के निजीकरण के खिलाफ व बी.पी.सी.एल के निजीकरण के खिलाफ दो दिवसीय पड़ताल कर रहे बीपीसीएल कर्मचारियों के साथ एकजुटता प्रकट करते हुए सुबह 7:00 बजे से बाबा साहब भीमराव अंबेडकर चौक पर नारेबाजी कर गेट मीटिंग की गई। गेट मीटिंग में कोरोनावायरस संकट के भय को चकनाचूर कर सैकड़े कर्मचारियों ने भाग लिया। गेट मीटिंग को संबोधित करते हुए साथी बलदेव राज, केंद्रीय संगठन सचिव, आईआरटीएसए ने कहा के आज बेशक परिस्थितियां हमारे अनुकूल नहीं हैं परंतु हम अपनी एकता व संघर्ष से ना सिर्फ अपना बल्कि अपने बच्चों का भविष्य सुरक्षित कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि आज मोदी सरकार 30 वर्ष की नौकरी व 50 साल की आयु पर कर्मचारियों को जबरन घर भेजने के फरमान जारी कर रही है। उसके खिलाफ हमें एकजुट होकर संघर्ष के मैदान में आना होगा। बलदेव राज ने देशभर में रेलवे के निजीकरण के खिलाफ रेलवे निजीकरण विरोधी जन अभियान के तहत ऑनलाइन हस्ताक्षर अभियान में बढ़-चढ़कर भाग लेने की अपील की। उन्होंने कहा कि इस हस्ताक्षर अभियान में रेल कर्मचारी, उनके परिवार व देश का कोई भी नागरिक हस्ताक्षर कर सकता है। उन्होंने रेल कर्मचारियों से अपील की कि इस हस्ताक्षर अभियान को जन-जन तक ले जाने में अपना भरपूर योगदान दें।
श्री आर.सी मीणा, महासचिव, ऑल इंडिया एससी/एसटी एसोसिएशन आरसीएफ ने कहा कि आज जब देश की सरकार ने देश के सरकारी व सार्वजनिक क्षेत्र पर करोना संकट की आड़ में बड़ा हमला किया है, तो हमें उसके खिलाफ एकजुट संघर्ष शुरू करते हुए इस देश के मजदूरों किसानों नौजवानों व तमाम मेहनतकश लोगों के साथ एक बड़े संघर्ष की तैयारी करनी चाहिए। सर्वजीत सिंह, महासचिव, आरसीएफ बचाओ संघर्ष कमेटी ने कहा कि हमारा बीपीसीएल के संघर्षशील कर्मचारियों को पूरा रूप में समर्थन है।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार संसार बैंक, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष जैसी साम्राज्यवादी संस्थाओं व दुनियाभर की बड़ी बड़ी कारपोरेशनों के दबाव में भारतीय रेलवे समेत देश के तमाम सरकारी विभागों व संस्थाओं का निजीकरण करना चाहती है। जिसको हम किसी भी कीमत पर सहन नहीं करेंगे। क्योंकि यह सब देश हित में नहीं है।गेट मीटिंग में दर्शन लाल, मनजीत सिंह बाजवा, परमजीत सिंह, खालसा रंजीत सिंह, उमाशंकर, एम भटनागर, जीत सिंह, अरविंद प्रसाद, वेद प्रकाश, सुखबीर सिंह, धर्मपाल पैंथर आदि विशेष रूप में उपस्थित थे।