सप्रेम जयभीम
पुलगांव (समाज वीकली)- इस स्कूल के बारे मे मै अपने विचार इस पोस्ट के माध्यम से हर एक समाज के सामने रखना चाहता हुं, जो पिता अपने बच्चोका भविष्य सवाँरना चाहता है। वैसे तो हमारे इस पुलगांव मे स्कूल की कोई कमी नहीं है, लेकीन जब मेरे बच्ची का अँडमिशन मुझे करना था तो मैने बोधीसत्व डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर स्कूल गुंजखेडा, पुलगांव ईसी स्कूल का चयन कीया.दोस्तो जब कोई भी बच्चा स्कूल की तरफ अपना पहला कदम रखता है। तो उसे पता नहीं होता की वो जीवन की सबसे अच्छी और महत्त्वपुर्ण जगह पर जा रहा है। किसी भी बच्चे का व्यक्तीत्व निखारने और उसका भविष्य संवारने मे स्कुल की भुमिका सर्वाधिक होती है,जहाँ बच्चो का सामाजिक विकास तेजी से होता हो।वैसे तो सामाजीकरण के मामले मे घर को सबसे बडा स्कूल माना जाता है।जहाँ पर बच्चा प्राथमिक स्तर पर सबकुछ सिखने लगता है। लेकीन इसके बाद स्कूल उसे ऐसे प्लेटफाँर्म के रुप मे मिलता है। जिसके जरीये उसका सामाजिक विकास, आर्थिक विकास, व्यक्तीगत विकास यह सब चीजे बच्चो को अपना रास्ता बनाने मे सक्षम बनाते है, और ऐसे ही स्कूल की मुझे तलाश थी जो स्कूल प्रज्ञा,शिल,करुणा,विद्या,और मैत्री ईन पंचतत्वो की आधार पर उस स्कूल का निर्माण हुवा हो.और ये सारी बाते मुझे बोधीसत्व डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर स्कूल गुंजखेडा, पुलगांव इस.स्कूल में नजर आयी.मैने देखा की उस स्कूल में प्रार्थना के रुप में पंचशील पढाया जाता है। जहाँ विद्या के साथ प्रज्ञा, शिल,करुणा, मैत्री सिखायी जाती है। हर जो activity जो एक बच्चो को सिखनी चाहीये, फिर मैने तुरंत ही सामाजिक कार्य मे हमेशा आगे रहते है ऐसे मा.चंद्रसेनदादा डोंगरेजी से मुलाकात की और सन 2008 मे मैने मेरे बच्ची अनुश्री प्रविण कांबळे का अँडमिशन कर लिया। उस स्कूल मे पढने के बाद मेरी बच्ची आज हजारो लोगो के सामने किसी भी विषय पर स्टेजपर बोलने को डरती नहीं है,बोधीसत्व डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर स्कूल मे जो विद्यार्थी पढा हो उन सब बच्चो मे वो हौसला वो ताकद वो जज्बा इस स्कूल ने निर्माण कीया है। और आज भी उस स्कूल मे वो सबकुछ सिखाया जाता है,जिसमे विद्यार्थी का भविष्य निर्माण हो।
आज मेरी लडकी भारत के टाँप Azim premji University Bhopal मे History Research मे पढाई कर रही है।
डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर हमेशा कहते थे की आप शिक्षित हो इसका मतलब ये नहीं की सब कुछ हुआ। लेकीन शिक्षा के साथ साथ शिल नैतिकता भी सुधारी जानी चाहिये. नैतिकता के बिना शिक्षा का मुल्य शुन्य है,
मुझे गर्व महसुस होता है। की ऐसी स्कूल हमारे पुलगांव बनी हुवी है.जिसमे हर एक गरीब समाज के वर्ग को कम से कम फिस लेकर CBSE BOARD की पढाई सिखायी जाती है जिसमे गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, कँम्पुटर, आदी पढाया जाता है। इस स्कूल मे भव्य दिव्य लायब्ररी का भी निर्माण किया हुवा है जिसमे हर एक प्रकार की किताब बच्चो को पढने मिलती है। साथ ही साथ मिलिंद होस्टेल का निर्माण किया गया हुवा है जिसमे आज दुर दराज के बच्चे यहाँ शिक्षा प्राप्त करने आते है, मै चाहता हुं की पुलगांव के हर एक माता पिता ने अपने बच्चो का अँडमिशन बोधीसत्व डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर स्कूल गुंजखेडा पुलगांव मे करना चाहीये ताकी वै शिक्षा के साथ साथ सभ्य, सुसंस्कृत एवं योग्य नागरिक बन जाये।
मै आभार व्यक्त करता हुं स्कूल के निर्मिता माननीय सोहनलाल गिंडा जी का जो की बोधीसत्व डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के विचारो से प्रेरित होकर देश के हर स्टेट मे बोधीसत्व डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर स्कूल का निर्माण कर रहे है और जिसमे हमारे पुलगांव के सामाजिक कार्यकर्ता मा. चंद्रसेनदादा डोंगरे जिनका काफी योगदान रहा है इतनी भव्यदिव्य बोधीसत्व डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर स्कूल का निर्माण करने मे. और साथ ही साथ प्रिंसीपल सुनिता बोदिले मँडम और आयु. मनीषा अलोने मँडम इनका भी बच्चो को अच्छा मार्गदर्शन रहा है मै इनका आभार व्यक्त करता हुं.मै पुलगांव के सभी नागरीकोसे निवेदन करता हुं की एक बार इस स्कूल मे जाकर आईये और अपने बच्चो का भविष्य निर्माण किजीये
धन्यवाद
प्रविण कांबळे, भिम नगर, पुलगांव मो.नं.8856038035