गुजरात के स्वयं सैनिक दल ने किया कोरॉना में महादान, लोगों को पहुंचा रही स्वास्थ्य सेवाएं और राहत सामग्री

(समाज वीकली)- बोरसद,आणंद,गुजरात कोविड आइसोलेशन सेंटर बनाया गया है। जहां दवाईया, ऑक्सीजन, एम्ब्युलेंस(ट्रांसपोटेशन), डाक्टर-नर्स और खाने-पीने की सभी व्यवस्था की गई है।

चोटिला सुरेन्द्रनगर में कोविड आइसोलेशन सेंटर बनाया गया है। जहां दवाईया, ऑक्सीजन, एम्ब्युलेंस(ट्रांसपोटेशन), डाक्टर-नर्स और खाने-पीने की सभी व्यवस्था की गई है।

सिक्का, जामनगर में कोविड आइसोलेशन सेंटर बनाया गया है। जहां दवाईया, ऑक्सीजन, एम्ब्युलेंस(ट्रांसपोटेशन), डाक्टर-नर्स और खाने-पीने की सभी व्यवस्था की गई है। (वेंटिलेटर के सिवाय सब कुछ)

सोमनाथ में भी कोविड आइसोलेशन सेंटर बनाया गया है। जहां दवाईया, ऑक्सीजन, एम्ब्युलेंस(ट्रांसपोटेशन), डाक्टर-नर्स और खाने-पीने की सभी व्यवस्था की गई है। (वेंटिलेटर के सिवाय सब कुछ)

बहुजन विचारधारा पर कार्यरत स्वयं सैनिक दल नामक संगठन ने गुजरात में जामनगर, सुरेन्द्रनगर, सोमनाथ और आणंद में कोविड आइसोलेशन सेन्टर और एम्बुलेंस की सेवाएं उपलब्ध करवाने का आयोजन किया और 15 जिलों से ज्यादा में ऑक्सीजन सिलिंडर पहुचाने का काम कर रहे है। जिसमे किसी भी राजनैतिक पार्टियों से कोई भी योगदान लिए बिना आम्बेडकर, फुले, पेरियार, कांशीराम और खापर्डे साहब के विचारो से जाग्रत होकर मानवता के लिए खुद ने ही योगदान किया है।

यह संगठन 2006 की साल से 365 दिन गुजरात के गाँव-गाँव में मानवतावादी विचारधारा को फैलाने का काम कर रहा है। यह संगठन बिनराजकीय है। यह संगठन पूरी तरह से खुद के टाइम, टिफ़िन और टिकट के नियम से काम करता है। इसमें किसी भी तरह के पद का चयन नहीं किया जाता। सभी एक समान है चाहे गरीब हो या अमीर, पढा लिखा या अनपढ़ या किसी बड़े सरकारी अफसर भी हो सभी को एक समान ज़मीन पर बिठाकर ही सब कार्यक्रम किए जाते है। किसी भी प्रकार के स्टेज या सन्मान समारोह के दिखावे में समय बर्बाद न करते हुए सिर्फ गली-गली गाँव-गाँव जाकर आम्बेडकरी विचारधारा पहुँचा रहे है। गुजरात के लगभग 25 जिलों से ज्यादा और उसके सभी तहसील और गाँव मे इस संगठन के सैनिक कार्यरत है। इस संगठन का मूल उद्देश्य हमारे महापुरुषों की विचारधारा के अनुरूप मानवतावादी बौद्धमय भारत बनाना है।

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