पंजाब शेड्यूल कास्ट कमीशन के चेयरमैन की सामान्य वर्ग से नियुक्ति अनुसूचित जाति के लोगों के साथ अन्याय और धोखा है

फोटो कैप्शन: प्रदेश अध्यक्ष जसविंदर वरियाणा की फाइल फोटो।

पंजाब शेड्यूल कास्ट कमीशन के चेयरमैन की सामान्य वर्ग से नियुक्ति
अनुसूचित जाति के लोगों के साथ अन्याय और धोखा है

जालंधर (समाज वीकली): ऑल इंडिया समता सैनिक दल, पंजाब इकाई के प्रदेश अध्यक्ष जसविंदर वरियाणाने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि ऑल इंडिया समता सैनिक दल (रजि.) पंजाब इकाई ने अंबेडकर मिशन सोसाइटी पंजाब (रजि.) और अंबेडकर भवन ट्रस्ट (रजि.) के साथ मिल कर संयुक्त रूप से दिनांक 16.08.2023 को पंजाब के राज्यपाल माननीय श्री बनवारी लाल पुरोहित जी को माननीय उपायुक्त जालंधर के माध्यम से एक ज्ञापन जारी कर अनुरोध किया कि पंजाब अनुसूचित जाति आयोग के सदस्यों की संख्या 5 से बढ़ाकर 10 की जाए, आयोग के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और उपाध्यक्ष के पदों को पुनर्जीवित किया जाए और आयोग के अध्यक्ष और अन्य सदस्यों के पदों को तुरंत भरा जाए।

जसविंदर वरियाणा ने कहा कि उपरोक्त ज्ञापन के माध्यम से माननीय राज्यपाल पंजाब, चंडीगढ़ के ध्यान में लाया गया कि पंजाब राज्य अनुसूचित जाति आयोग का गठन 16.02.2004 को पंजाब राज्य अनुसूचित जाति आयोग अधिनियम, 2004 के तहत किया गया था। आयोग के गठन का उद्देश्य पंजाब राज्य में अनुसूचित जाति के सदस्यों के हितों की रक्षा करना और उनसे जुड़े मामलों में उनके कल्याण और विकास के लिए विचारशील उपायों की सिफारिश करना है। आयोग में अध्यक्ष, 10 गैर-आधिकारिक सदस्य (वरिष्ठ उपाध्यक्ष और उपाध्यक्ष सहित) और एक सदस्य सचिव शामिल हैं। मूल अधिनियम को 2006 के दौरान पंजाब राज्य आयोग अनुसूचित जाति संशोधन अधिनियम, 2006 के माध्यम से संशोधित किया गया था। माननीय राज्यपाल के ध्यान में यह भी लाया गया कि पंजाब सरकार ने बजट सत्र के दौरान अधिनियम में संशोधन करके आयोग के सदस्यों की संख्या 10 से घटाकर 5 कर दी है और वरिष्ठ उपाध्यक्ष और उपाध्यक्ष के पद समाप्त कर दिए हैं। इसके साथ ही आयोग के सदस्यों का कार्यकाल पांच वर्ष से घटाकर तीन वर्ष कर दिया गया है और आयोग का सदस्य बनने की आयु सीमा 65 वर्ष निर्धारित की गयी है. जसविंदर वरियाणा ने कहा कि उपरोक्त ज्ञापन के माध्यम से माननीय गवर्नर साहब पंजाब से जनहित में अनुरोध किया गया है कि एक्ट में संशोधन करके आयोग के सदस्यों की संख्या 5 से बढ़ाकर 10 की जाए तथा सीनियर वाइस चेयरमैन व वाइस चेयरमैन के पद पुनर्जीवित किये जाएं। इसके साथ ही आयोग के सदस्य का कार्यकाल पांच वर्ष किया जाना चाहिए और आयोग का सदस्य बनने के लिए आयु सीमा खुली रखी जानी चाहिए।

जसविंदर वरियाणा ने कहा कि पंजाब अनुसूचित जाति आयोग के चेयरमैन का पद दो साल से खाली था और अब सरकार ने आयोग के चेयरमैन का कार्यभार सामान्य वर्ग के अधिकारी श्री डीके तिवारी को सौंप दिया है। पंजाब अनुसूचित जाति आयोग, पंजाब के अनुसूचित जाति के लोगों का एक सुरक्षा कवच है जिसकी अध्यक्षता एक सामान्य वर्ग के अधिकारी को सौंपी गई है और अनुसूचित जाति के लोगों का सुरक्षा कवच तोड़ दिया गया है। यह उनके साथ सरासर अन्याय और धोखा है। जसविंदर वरियाणा ने सरकार से अपील की है कि जल्द से जल्द पंजाब राज्य अनुसूचित जाति आयोग के चेयरमैन पद से सामान्य वर्ग के अधिकारी को हटाकर अनुसूचित जाति वर्ग से नियुक्त किया जाए जिससे इस वर्ग के लोगों को एक सुरक्षा छाता मिल सके।

जसविंदर वरियाणा
प्रदेश अध्यक्ष (मोबाइल: 75080 80709)
ऑल इंडिया समता सैनिक दल, पंजाब इकाई

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