आर.सी.एफ प्रशासन की तानाशाही सहन नहीं की जाएगी:- खालसा
हुसैनपुर (समाज वीकली) (कौड़ा)-आर.सी.एफ एंप्लाइज यूनियन की एक जरूरी मीटिंग साथी परमजीत सिंह खालसा की अगुवाई में हुई, जिसमें आर.सी.एफ व रेलवे के माड़े हालातों पर और प्रशासन के तानाशाही रवैया पर गंभीर विचार चर्चा हुई। प्रेस के लिए बयान जारी करते हुए परमजीत सिंह खालसा, अध्यक्ष व सर्वजीत सिंह, महासचिव, हरविंदर पाल कैसियर आर.सी.एफ एंप्लाइज यूनियन ने कहा कि आर.सी.एफ प्रशासन कोरोना वायरस संकट के हालातों में ट्रेड आइटम की क्वालिटी पर ध्यान देने की बजाय कर्मचारियों व कर्मचारी नेताओं की जुबान बंदी करने की कोशिश कर रहा है,
नेताओं ने कहा की आरसीएफ प्रशासन द्वारा इंडियन रेलवे एम्पलाइज फेडरेशन के कार्यकारी अध्यक्ष व फ्रंट अगेंस्ट एनपीएस इन रेलवे के राष्ट्रीय संयोजक व एन.एम.ओ.पी.एस के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव व आरसीएफ एंप्लाइज यूनियन के प्रेस सचिव साथी अमरीक सिंह को अखबार में लेख लिखकर सरकार की निजीकरण की नीतियों का विरोध करने का आरोप लगाकर एस.एफ.-5 चार्जशीट देने की निंदा की और कहा कि यह सरासर कर्मचारी नेताओं की जुबान बंदी करने का षड्यंत्र है। जिसको यूनियन किसी भी कीमत पर सहन नहीं करेगी, नेताओं ने कहा सरकार और प्रशासन रेलवे वसीयत को दोनों हाथों से लूटाने में लगे हैं और यूनियन नेता क्या इसका विरोध भी नहीं करेंगे?
उन्होंने कहा के सरकार व प्रशासन की गलत नीतियो व कामों का विरोध करना यूनियन नेताओं का संविधानिक अधिकार ही नहीं बल्कि नैतिक ड्यूटी/जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा के साथी की चार्जशीट के खिलाफ व प्रशासन के अन्यायपूर्ण वयवहार के खिलाफ यूनियन किसी भी तरह की लड़ाई लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार है चाहे इसके लिए किसी भी हद तक जाना पड़े।
यूनियन नेताओं ने कहा के आज अंधाधुंध आउटसोर्सिंग व ठेकेदारी के कारण कोच की गुणवत्ता के साथ बेहद खिलवाड़ किया जा रहा है। जिससे भविष्य में किसी बड़े रेल हादसे की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। इससे ना सिर्फ रेल यात्रियों की जान व माल की हानि हो सकती है बल्कि भारत देश, भारतीय रेलवे व आरसीएफ की दुनिया भर में बदनामी भी होगी। आरसीएफ एंप्लाइज यूनियन इस सब के खिलाफ रणनीति बनाकर संघर्ष के लिए पूरी तरह तैयार भर तैयार है। मीटिंग में साथी मनजीत सिंह बाजवा, प्रदीप कुमार, दलजीत सिंह थिंद, अमरीक सिंह गिल, तरलोचन सिंह, सुनील कुमार, तलविंदर सिंह, शरणजीत सिंह, अरविंद शाह, गुरतेज सिंह, सुखविंदर सुखी विशेष रूप में उपस्थित थे।