रेल कोच फैकटरी द्वारा ई मेल से विक्रेताओं को डिजिटल रसीद आर्डर भेजने की प्रणाली शुरू

कैपशन-डिजिटल रसीद आर्डर भेजने की प्रणाली संबंधी जानकारी देते हुए रवीन्द्र गुप्ता महाप्रबंधक आर सी एफ

कार्य पारदर्शिता में बड़ा कदम

हुसैनपुर (समाज वीकली) (कौड़ा)-   रेल कोच फैक्टरी कपूरथला द्वारा अपनी कार्य प्रणाली को  डिजीटल करने की क्वा्यद को आगे बढ़ाते हुए ई मेल से विक्रेताओं को डिजिटल रसीद आर्डर  भेजने की  प्रणाली शुरू की गई है। ई-आर-नोट / ई-आरओ के साथ मौजूदा कागज आधारित आर-नोट और आरओ को बदलने के लिए इस वेब आधारित प्रणाली में संबंधित अधिकारित अधिकारियों के डिजीटल हस्ताणक्षर होंगें।

इस प्रणाली से  रेल डिब्बो में लगने वाले सामान आदि की प्रक्रिया में विक्रेताओं को भुगतान में  पारदर्शिता संभव होगी। रसीद आर्डर (आरओ ) की कॉपी  किसी भी मानवीय हस्तक्षेप के बिना ईमेल के माध्यम से वेंडर को भेजी जाएगी।
जब आर आर सी एफ में वैंडर द्वारा सामान भेजा जाता है तो उस सामान की प्राप्ति और इंसेपक्शयन के बाद  संबंधित वैंडर को रसीद आर्डर (आरओ )  दिया जाता है।

इस रसीद आर्डर की प्राप्ति के बाद वैंडर सामान का बिल भुगतान के लिए भेजता है। इस प्रक्रिया में वैंडर को खुद आर सी एफ में आना पड़ता था और रसीद आर्डर (आरओ )  प्राप्तड करने में उसे तीन से आठ दिन लग जाते थे। अब वैब सिस्टईम के जरिए इस प्रणाली के शुरू होने से कुछ सेकेण्ड  में ही वैंडर को  आरओ प्राप्त  हो जायेगा और वह बिल के भुगतान के लिए बिल भेजने के लिए सक्षम हो जायेगा। कोरोना वायरस के कहर के चलते इस प्रक्रिया से वैंडर और आर सी एफ के कर्मचारी सुरक्षित रह सकेंगें। आर ओ प्राप्ति के लिए आर सी एफ की यात्रा करने से वैंडर का समय और धन का बचाव संभंव होगा।

इससे सामान के वितरण के लिए प्रणाली में पारदर्शिता आयेगी और आर सी एफ प्रशासन के उच्चस अधिकारियों द्वारा निगरानी से  देरी की  समाप्ति संभव होगी।

इस प्रणाली को आज आर सी एफ के महाप्रबंधक श्री रवीन्द्रो गुप्ताे की उपस्थिति में शुरू किया गया। कार्यक्रम में आर सी एफ के चीफ मेकेनिकल इंजीनियर  (आई टी) श्री ए के सिन्हां ने इस प्रणाली के बारे में विस्तामर से बताया। इस अवसर पर सभी प्रमुख अधिकारी उपस्थित थे। श्री रवीन्द्रे गुप्ता  ने बताया कि इस प्रणाली का मुख्य  उद्देश्यप समय पर बिलों का भुगतान पारदर्शिता के साथ करना है। डिजीटल होने से कोविड के पसार को रोकने में भी बचाव होगा। इसके अलावा वैंडरों का कीमती समय और धन की बचत होगी।

यह ध्याेन रहे कि पिछले महीने आर सी एफ ने सभी वैंडरस से प्राप्त  होने वाले बिलां को जमा करने के लिए मानव रहित प्रणाली शुरू की थी।

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