(समाज वीकली)- बसपा के संस्थापक अध्यक्ष मान्यवर कांशीराम साहेब की ८७ वे जन्म दिवस के अवसर पर देवरिया जनपद के राम गुलाम बस्ती में लोगो ने अपने पैसे इकट्ठा कर और स्वयं के श्रमदान से जिले में कांशीराम साहेब की पहली प्रतिमा स्थापित की. आज शाम में ही बच्चे, बूढ़े और बुजुर्ग बस्ती के आंबेडकर चौक में इकठ्ठा हुए और फिर बौद्ध रीती रिवाज से इस मूर्ति का अनावरण किया गया. मूर्ति पर पहला माल्यार्पण मूर्तिकार श्री राजेंद्र जी ने किया. पिछले वर्ष लॉक डाउन के दौरान ही दो भाइयो सतीश और विन्ध्याचल ने अपने पट्टेदारी के अन्य लोगो से मिलकर रामगुलाम टोला के में बुद्ध विहार के लिए करीब २ डेसिमिल जमीन इस कार्य के लिए दान की. गत मई के महीने में आंबेडकर चौक की स्थापना की जिसमे तथागत बुद्ध और बाबा साहेब आंबेडकर के प्रतिमा स्थापित की गयी. फिर यहाँ के युवा साथियो को ख्याल आया के बहुजन समाज में बाबा साहेब के सन्देश को जन जन तक पहुंचाने वाले मान्यवर कांशीराम साहेब की प्रतिमा लखनऊ को अलावा अन्य स्थानो पर नहीं दिखाई देती है, तो उन्होंने निर्णय लिया के आंबेडकर चौक में बाबा साहेब की प्रतिमा के साथ ही मान्यवर कांशीराम साहेब की प्रतिमा लगाईं जाए.
इस कार्य के लिए राम गुलाम बस्ती के मूर्तिकार श्री राजेंद्र जी ने सहर्ष मान्यवर कांशीराम साहेब की मूर्ति बनाने का निर्णय लिया. बस्ती में करीब ३०-३५ घर चमार परिवारों के है और उन सभी ने इस कार्य के लिए सहर्ष सहमति दी. इस कार्य में सतीश, विन्द्यांचल और अन्य युवा साथियो ने लोगो में एकजुटता लाने की कोशिश की ताके सभी मिशन के प्रति निष्ठावान रहे. आज दलितों के घरो में दरवाजे पर ही बाबा साहेब की फोटो नज़र आती है. मूर्तिकार राजेंद्र जी के घर पर तो बाबा साहेब, बुद्ध और रविदास जी महाराज के चित्र दिखाई देते है.
मूर्तिकार राजेंद्र जी का घर यही पर आंबेडकर चोक के सामने है. वह सीमेंट की मूर्तिया बनाते है. कांशीराम साहेब की मूर्ति को बनाने में उन्होंने १५-२० दिन लगे. उनके चेहरे पर संतोष का भाव था . यहा पर तथागत बुद्ध और बाबा साहेब की मूर्ति पत्थर की बनी हुई है और उन्हें बनारस से बनवाया गया लेकिन मान्यवर कांशीराम साहेब की मूर्ति उन्होंने स्वयं ही बनाई और शायद इसका कारण यह भी रहा होगा के लॉक डाउन में लोगो की आय का श्रोत तो ख़त्म हो चुका था और सभी को तरह तरह की आर्थिक दिक्कते थी लेकिन जब दृढ इच्छा शक्ति हो तो कोई भा कार्य असंभव नहीं है. मूर्तिकार राजेंद्र जी ने स्वयं ही मूर्ति बनाकर ये कार्य संपन्न कर दिया. बुद्ध, बाबा साहेब आंबेडकर की मूर्तियों की मांग लगातार बड़ी है और उत्तर प्रदेश में न केवल दलित बस्तियों में अपितु अब पिछड़ी जातियों में कुशवाहा लोगो में भी इसका प्रचलन बढ़ रहा है. सम्राट अशोक के जयंती समारोह भी अब लोग जोर शोर से मना रहे है.
देवरिया जनपद में बाबा साहेब आंबेडकर के मिशन को गाँव गाँव में आगे बढ़ा रहे श्री डी पी बौध ने बताया के बहुजन समाज के लोगो के समक्ष बुद्ध धम्म का मार्ग ही उन्हें सही दिशा में ले जाएगा. उन्होंने मान्यवर कांशीराम के मिशन को याद किया और कहा के आज हमें मान्यवर कांशीराम की तरह गाँव गाँव जा कर लोगो से जनसंपर्क कर उन्हें मिशन के प्रति निष्ठावान बनाना है क्योंकि आज हमारे अधिकारों पर हमला है. बाबा साहेब ने जो अधिकार हमें संविधान में दिए उन्हें हमसे छीन लेने के प्रयास हो रहे है और इसके लिए बहुजन समाज को पुनः बहुजन मिशन और धम्म के मार्ग पर चलने की आवश्यकता है.
मुझे भी इस अवसर पर अपनी बात रखने का मौका मिला और मैंने सभी से यही कहा के कांशीराम साहेब हमेशा जनता के संपर्क में रहे और उन्होंने मिशन की खातिर अपने परिवार को भी छोड़ दिया और फिर बहुजन समाज ही उनका परिवार बन गया. आज हम सभी को जनता से जुड़ने की जरुरत है और उन समाजो को बहुजन मिशन से जोड़ना होगा जो हमेशा हाशिये पर रहे है और उनके भीतर इस मिशन के लिए जुड़ने की भावना का विकास करना होगा.
क्षेत्र के बुजुर्गो से बात करके पता चलता है के मान्यवर कांशीराम साहेब ने उनके जीवन को कितना प्रभावित किया है और आज वह कैसे उनकी कमी को महसूस कर रहे है. सभी ये जानते है के बहुजन मिशन पर आज चारो और से हमला है और बहुत से लोगो ने मिशन से भटकर कमीशन का रास्ता अपना लिया है. लोग ये महसूस करते है के बहुत से बामसेफ या बहुजन मिशन के नाम पर नए नए दल केवल बसपा को नुक्सान पहुचाने के लिए है लेकिन वे ये भी जानते है बसपा उनकी उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पा रही है फिर भी मिशन के नाम पर अभी भी लोगो की सहानुभूति सुश्री मायावती के साथ ही है और वो इसलिए क्योंकि उन्हें ये लगता है के बहुजन समाज को सत्ता तक पहुचाने की ताकत अभी भी बहुजन समाज पार्टी में ही है और ये के वह अभी ख़त्म नहीं हुई है. कांशीराम साहेब के मिशन के सिपाही बसपा से नाराज हो सकते है लेकिन टूटे नहीं है. पार्टी को चाहिए के इन लोगो की भावनाओं को समझे और ऐसी स्थिति न खडी होने दे के ये प्रोपगंडा का शिकार होकर दूसरी और चले जाए क्योंकि ये भी हकीकत के मीडिया या सोशल मीडिया के बड़े बड़े हीरो अभी उत्तर प्रदेश में बहुत करने की स्थिति में नहीं है और वे वोट कटुआ की भूमिका में ही रहेंगे.
इस अवसर पर प्रेरणा केंद्र की सयोजंक सुश्री संगीता कुशवाहा ने भी सभी महापुरुषों को श्रधांजलि दी. कार्यक्रम में बाद में स्थानीय कलाकारो ने संगीत का कार्यक्रम प्रस्तुत किया जिसमे बहुजन मिशन और बाबा साहेब, कांशीराम साहेब के जीवन मिशन से सम्बंधित गीत थे.
देवरिया की राम गुलाम बस्ती के सभी लोगो को इस बड़े कार्य के लिए शुभकामनाये. बहुजन आन्दोलन के नायको की उपस्थिति उन्हें हमेशा ताकत और प्रेरणा देती रहेगी.
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