आर.सी.एफ एम्प्लाईज यूनियन ने भारत सरकार / रेल प्रशासन के विरोध में विरोध दिवस मनाया

कैपशन-आर.सी.एफ एम्प्लाईज यूनियन ने भारत सरकार / रेल प्रशासन के विरोध में विरोध दिवस मनाये जाने के दृश्य

रेल कर्मचारियों को कोरोना योद्धा घोषित करे सरकार- खालसा

हुसैनपुर , ਸਮਾਜ ਵੀਕਲੀ (कौड़ा)-इंडियन रेलवे एम्प्लाईज फेडरेशन के आह्वान पर आर.सी.एफ एम्प्लाईज यूनियन ने आज वर्कशॉप गेट पर भारत सरकार / रेल प्रशासन के विरोध में जमकर नारेबाजी करते हुए विरोध दिवस मनाया।इस मौके पर बोलते हुऐ आर.सी..एफ एम्प्लाईज यूनियन के अध्यक्ष स. परमजीत सिंह खालसा ने कहा कि रेलवे फेडरेशन आई आर ई एफ के आह्वान पर समस्त रेलवे में कर्मचारियों की ज्वलंत मुद्दों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया गया है,

जिसमें मुख्य सभी रेल कर्मचारियों को कोरोना योद्धा घोषित करने, सभी रेल कर्मचारियों का 50 लाख रुपये का बीमा करने, मार्च 2020 के बाद मृतक रेल कर्मचारियों के परिवारों को 50 लाख रुपये एक्स – ग्रेसिया का भुगतान करने, एन पी एस को तुरंत रद्द कर पुरानी पेंशन योजना बहाल करके पी एफ डी आर ऐ के पास जमा राशि कर्मचारी को वापिस करने, महंगाई भत्ते की बकाया सभी किस्तें जारी करने, रात्री ड्यूटी भत्ते पर रु . 43600 / – की लिमिट हटाने, भारतीय रेलवे का निजीकरण बंद करने आदि मांगो को लेकर समस्त रेलवे में 25 मई 2021 को राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन कर भारत सरकार / रेलवे प्रशासन को चेतावनी दी गई।

आर.सी.एफ एम्प्लाईज यूनियन के सहा. अध्यक्ष तलविंदर सिंह ने कहा कि कोविड-19 की महामारी के दौरान दिन-रात अपनी जान जोखिम में डालकर फ्रंट लाइन वर्कर के रूप में भारतीय रेलवे का संचालन व रखरखाव किया है। इस दौरान लगभग दौ हजार रेल कर्मचारी अपनी जान गवा चुके हैं। देश सेवा कर रहे लगभग 12 लाख कर्मचारियों ने जब 25 मार्च 2020 के बाद पूरा देश थम गया था लेकिन रेलवे नहीं थमने दी।

दिन-रात लगातार देश के हर कोने में ऑक्सीजन, अनाज, दवाइयां और ऊर्जा संबंधित जरूरत का सामान पहुंचा रहे हैं। यह सब होने के बावजूद भी रेल कर्मचारियों की अनदेखी हो रही है। इसलिए मजबूरीवश हमें संघर्ष का रास्ता अखितयार करना पड़ रहा है, उन्होंने कहा कि यह केवल चेतावनी है अगर इसके बाद भी उपरोक्त मांगे नहीं मानी गई तो इस संघर्ष जन संघर्ष बनाने के लिए हम मजबूर हो जाएंगे।

इंडियन रेलवे एम्प्लाईज फेडरेशन व आरसीएफ एम्प्लाईज यूनियन के महासचिव का. सर्वजीत सिंह ने कहा कि यह तो केवल ट्रेल रिहर्सल है, हम कल यानी कि 26 मई को किसानों के समर्थन में केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर तीन कृषि विरोधी कानूनों को रद्द करवाने व एम एस पी पर कानून बनाने के लिए संघर्ष कर रहे अंदाताओ का जोरदार तरीके से समर्थन करते हुए 26 मई 2021 को “ब्लैक-डे (काला दिवस)” मनाएंगे।

इस कार्यक्रम में अतिरिक्त सचिव अमरीक सिंह, जॉइंट सचिव मंजीत सिंह बाजवा, बचित्तर सिंह, जसपाल सिंह सेखों, प्रदीप सिंह, नरिंदर कुमार, अवतार सिंह, आदेश कुमार, संदीप कुमार अबोहर, हरदीप ड्राइवर, रामदास, विनोद कुमार, जगदीप सिंह, शेखर, केवल सिंह आदि विशेष रूप से सामिल हुए।

 

 

 

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