आर.सी.एफ एम्पलाईज यूनियन के तीन दिवसीय रोष प्रदर्शन का अंतिम दिन

आर.सी.एफ प्रशासन के खिलाफ गुस्से में भड़के युवा कर्मचारी

कर्मचारियों के हक और जायज मांगों की जीत तक संघर्ष जारी रहेगा-सर्वजीत सिंह

हुसैनपुर (समाज वीकली) (कौड़ा)-कर्मचारियों के हक़-अधिकारों और जायज मांगों को लेकर आर.सी.एफ एम्पलाईज यूनियन के तीन दिवसीय रोष प्रदर्शन के आखिरी दिन खराब मौसम के बावजूद आरसीएफ प्रशासन की गलत नीतियों के खिलाफ जमकर गुस्सा निकाला। सुबह 7.15 से दोपहर 12 बजे तक चले धरने में चर्चा करते युवा साथियों तरलोचन सिंह, भारत राज, नरिंदर सिंह बाजवा, संदीप कुमार, हरदीप सिंह, परमजीत सिंह पम्मा, पंकज राजवंश, नवप्रीत सिंह, अरविंद शाह, अनिल कुमार, पवन कुमार. रणजीत सिंह, सन्नी कुमार, रघबीर सिंह आदि ने अपना पीड़ा और पीड़ा व्यक्त करते हुए भारत सरकार और प्रशासन की गलत नीतियों को चुनौती दी और अधिकारों की प्राप्ति तक संघर्ष जारी रखने का संकल्प लिया।

धरने के बाद खचाखच भरी गेट बैठक को आर.सी.एफ एम्पलाईज यूनियन और भारतीय रेलवे एम्पलाईज फेडरेशन के महासचिव कामरेड सर्वजीत सिंह ने कहा कि देश में ट्रेनें डेढ़ साल से बंद हैं, लेकिन आरसीएफ प्रशासन कोच उत्पादन बढ़ाने के फरमान जारी कर रहा है दूसरी ओर एक्ट अपरेंटिस (तकनीकी योग्यता) वाले हेल्परों, सिविल विभाग के कर्मचारियों और ड्राइवरों को वरियता के आधार पर उत्पादन क्षेत्र में भेजने में आनाकानी कर रहा है ताकि नौकरशाही अपनी जेब गर्म कर सके। इसे आरसीएफ एम्पलाईज यूनियन किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगी और जब तक कर्मचारियों की सभी मांगों का उचित समाधान नहीं हो जाता तब तक संघर्ष जारी रहेगा।

गेट मीटिंग को संबोधित करते हुए प्रेस सचिव अमरीक सिंह ने कहा कि प्रशिक्षित युवाओं को गैर-तकनीकी कार्य पर लगाना और उनसे योग्यता से निचले स्तर काम कराकर न केवल उनकी योग्यता का अपमान किया जा रहा है बल्कि अयोग्य ठेकेदारों, आउटसोर्स श्रमिकों का भी अपमान किया जा रहा है और कोचों की गुणवत्ता से खिलवाड़ कर यात्रियों की जान माल को खतरे में डाला जा रहा है। और देश को महाशक्ति बनाने का भ्रम पाला जा रहा है। उन्होंने कहा कि देश के युवाओं और मेहनतकश लोगों का अनादर करने से कोई भी देश महाशक्ति नहीं बन सकता। अगर देश के शासक सच में देश के विकास के, महाशक्ति बनाना चाहते हैं तो देश के युवाओं के सपनों को पंख यानी रोजगार देना जरूरी है।

उन्होंने कहा कि हमें हर साल 2 करोड़ नौकरियों या घर-घर रोजगार के जुमलों की जरूरत नहीं है बल्कि हमें वास्तव में रोजगार की जरूरत है ताकि देश के युवा देश की प्रगति और समृद्धि में अपना योगदान दे सकें।संयुक्त सचिव मनजीत सिंह बाजवा ने अपने संबोधन में कहा कि यूनियन ने लंबे विचार-विमर्श के बाद और कोरोना संकट के बावजूद कर्मचारियों की उपरोक्त मांगों के समाधान के लिए संघर्ष का बिगुल बजाया है और जब तक उपरोक्त मांगे पूरा नहीं हो जाती तब तक संघर्ष जारी रहेगा। आर.सी.एफ में सामग्री की कमी और गुणवत्ता के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि आरसीएफ प्रशासन उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री की निरंतर आपूर्ति प्रदान करने में विफल रहा है।

उन्होंने किसानों, आयुध कारखानों के कर्मचारियों और पंजाब व देश भर में अपने अधिकारों के लिए लड़ने वाले लोगों के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए कहा कि आरसीएफ‌ईयू संयुक्त संघर्ष में हमेशा शामिल रहा है और आगे भी रहेगा क्योंकि श्रमिकों और वंचित लोगों की आपसी एकजुटता एवं संघर्ष ही आत्मरक्षा का एकमात्र हथियार है। स्टेज संचालक की भूमिका युवा नेता साथी तलविंदर सिंह ने बखूबी निभाई।रोष धरने में सेवानिवृत्त श्री पी के कौशल और श्री देवेंद्र कुमार विशेष रूप में पहुंचे और दर्शन लाल, हरविंदरपाल, बचित्तर सिंह, नरिंदर कुमार, दलवाड़ा सिंह, शरणजीत सिंह, प्रदीप सिंह, दलवाड़ा सिंह, गुरतेज सिंह, बलदेव राज, अवतार सिंह, कर्ण कुमार, रवि कुमार, विनोद कुमार, ओम प्रकाश, धर्मपाल, रणधीर सिंह, हरप्रीत सिंह, मदन कुमार आदि विशेष रूप से उपस्थित थे।

 

 

 

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