जालंधर (समाज वीकली): ऑल इंडिया समता सैनिक दल (रजि.), पंजाब इकाई के महासचिव बलदेव राज भारद्वाज ने एक प्रेस बयान में कहा कि ‘पूना-पैक्ट’ मोहन दास करम चंद गांधी और बाबासाहब डॉ. भीम राव अंबेडकर द्वारा हस्ताक्षरित एक ऐतिहासिक समझौता है जो 24 सितंबर, 1932 को पूना की यरवदा जेल में हुआ था। इस समझौते के फलस्वरूप दलित पहली बार विश्व के राजनीतिक मानचित्र पर आये। बाबासाहब के अथक प्रयासों से ब्रिटिश सरकार ने एक कम्यूनल अवार्ड जारी किया जिसमें दलितों के लिए अनेक सुविधाएँ थीं। इन सुविधाओं पर एक संयुक्त बैठक में चर्चा और कार्यान्वयन किया जाना था, लेकिन दलितों को अलग निर्वाचन क्षेत्रों का अधिकार मिलने के खिलाफ, गांधीजी ने यरवदा जेल में आमरण अनशन कर दिया, जहां वे पहले से ही गिरफ्तार थे। बलदेव भारद्वाज ने कहा कि पूना-पैक्ट के समझौते में अछूतों के लिए अलग निर्वाचन क्षेत्रों का अधिकार छोड़ने के बावजूद बाबा साहब ने पूना-पैक्ट के समझौते में कम्युनल अवार्ड में घोषित सुविधाओं से कहीं अधिक प्राप्त कर लिया, जिससे दलितों का बहुमुखी विकास हुआ। इस संबंध में ऑल इंडिया समता सैनिक दल (रजि.) पंजाब इकाई ने अपनी कार्यसमिति की प्रदेश अध्यक्ष श्री जसविंदर वरयाणा की अध्यक्षता में हुयी बैठक में ‘पूना पैक्ट- दलितों के बहुमुखी विकास का दस्तावेज़’ विषय पर 24 सितंबर 2023 (रविवार) को सेमिनार आयोजित करने का निर्णय लिया है। इस सेमिनार में बहुत ही विद्वान प्रो. राजेश कुमार, प्रमुख, स्नातकोत्तर राजनीति विज्ञान विभाग, जीकेएसएम शासकीय महाविद्यालय टांडा उरमुर एवं डॉ. जी.सी. कौल, पूर्व प्रमुख, स्नातकोत्तर पंजाबी विभाग, डीएवी कॉलेज जालंधर मुख्य वक्ता होंगे । इस मौके पर हरभजन निमता, चमन लाल, निर्मल बिनजी व एडवोकेट कुलदीप भट्टी मौजूद रहे।
बलदेव राज भारद्वाज
महासचिव,
ऑल इंडिया समता सैनिक दल (रजि.), पंजाब इकाई।