फ्रंट अगेंस्ट एनपीएस इन रेलवे पैनपसार द्वारा पैंशन संविधानिक मार्च निकाला गया।

कपूरथला (ਸਮਾਜ ਵੀਕਲੀ) (कौड़ा)- फ्रंट अगेंस्ट एनपीएस इन रेलवे पैनपसार व नैशनल मूवमैंट फार ओल्ड पैंशन एन एम ओ पी एस के आह्वान पर भारतीय रेलवे व सभी स्टेट के कर्मचारियों द्वारा पैंशन संविधानिक मार्च निकाला गया।
इसी कार्यक्रम के तहत पैनपसार रेल कोच फैक्ट्री कपूरथला में भी बड़ी संख्यां मे कर्मचारियों ने एकत्रित होकर विशाल संवैधानिक पैंशन यात्रा निकाली जो कि आरसीएफ के ( वर्कर क्लब) साहिबज़ादा अजीत सिंह संस्थान से शुरु होकर जो “पैंशन की बात करेगा , वही देश पर राज करेगा,” “एनपीएस गो बैक ” के नारों की गूंज के साथ आवासीय कॉलोनी के टाईप वन, टू व टाईप 3 कर्वाटरों से होते हुए भीमराव अंबेदकर चौंक पर एक रैली के रूप मे तबदील होकर व रेलवे के अधिकारियों को माग पत्र देकर समाप्त हुआ !

फ्रंट के आरसीएफ के प्रधान श्री तरलोचन सिंह व जनरल सैक्ट्री अरविंद शाह ने रैली को संबोधित करते हुए कहा कि आज जो सरकार निजीकरण के रथ पर सवार है, इसी सरकार ने 2004 में फैमली पेंशन यानी पुरानी पेंशन का निजीकरण किया था और केंद्रीय व स्टेट के कर्मचारियों पर NPS जैसी शेयर बाजार पर आधारित पेंशन योजना थोपी थी। उन्होंने बताया कि कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाली की मांग के दबाव में आकर वित मंत्री ने पेंशन की समीक्षा करने के लिए एक कमेटी गठित की है, जो महज एक ड्रामा है। उन्होंने कहा कि हमें सिर्फ और सिर्फ पुरानी पेंशन ही चाहिए। इस के बिना हमें कुछ भी मंजूर नहीं है।पैनपसार के अतिरिक्त सचिव भरत राज ने कहा कि अब कर्मचारी जाग चुका है और किसी भी बहकावे में नहीं आयेगा। पैनपसार के द्वारा दिए गए प्रोग्राम जैसे”पेंशन संविधानिक मार्च” ,”घंटी बजाओ पेंशन पाओ” के बाद 10 अक्टूबर 2023 को दिल्ली में पेंशन शंखनाद रैली की जाएगी जिसमें सभी कर्मचारियों ने बढ चढ कर भाग लेना है ।

पैनपसार के राष्ट्रीय अध्यक्ष व आर सी एस इंप्लाइज यूनियन के अध्यक्ष कामरेड अमरीक सिंह ने बताया कि”मिशन 2024″के तहत कर्मचारी “वोट की चोट” करेगा। राजनेता अगर एक दिन के लिए भी विधायक या सांसद बन जाता है तो वो ताउम्र पेंशन का हकदार है तो कर्मचारी क्यों नहीं ? उन्होने अपने संबोधन मे बताया कि किस तरह 2013 से आरसीएफ इम्पलाईज यूनियन की सूझवान लीडरशिप के सहयोग से एनपीएस को स्टडी कर इसके खिलाफ लोगों को जागरूक किया और इसके लिए आरसीएफ इम्पलाईज यूनियन के सहयोग से ही पूरे भारतीय रेलवे मे एनपीएस के नुक्सान व भविष्य में इसके दुष्परिणाम के बारे में पैम्फलट प्रकाशित करके वितरित किया था ! आज उसी का नतीजा है कि हम पुरानी पैंशन बहाली से मात्र कुछ कदम दूर है ! यदि हम पैनपसार के मिशन 2024 पर ईमानदारी से इन संगठनो के पैंशन / निजीकरण के सभी कार्यक्रमों मे भाग लें तो हम 110% एक अक्टूबर की दिल्ली की शंखनाद रैली में पुरानी पैंशन बहाल करवाकर ही वापिस होंगे ये हमारा वादा है !

आज के पैंशन संवैधानिक यात्रा में आरसीएफ की कई सहयोगी एसोशिएशनो ने भी भाग लिया जिसमे मुख्य रूप में आरसीएफ एसी एसटी ऐसोसिएशन व ओबीसी ऐसोशिएशन रहे । एसी एसटी एसोशिएशन से श्री सोहन बैठा जी ने कहा कि आई आर ई एफ के महासचिव श्री सर्वजीत सिंह जी के नेतृत्व मे फ्रंट अगेंस्ट एनपीएस के प्रधान अमरीक सिंह जी आज पैंशन की लडाई को भारतीय रेल सहित पूरे देश में फैलाने मे कामयाब रहे जिसके चलते लगभग पाच राज्यों में पुरानी पैंशन या तो बहाल हो चुकी है या प्रोसेस मे है । ओबीसी ऐसोशिएशन से श्री अशोक कुमार जी ने भी पैंशन बहाली की लड़ाई मे हर सम्भव सहयोग देने का वादा किया और फ्रंट अगेंस्ट एनपीएस इन रेलवे के पेंशन बहाली आंदोलन की सराहना की ! कार्यक्रम मे स्टेज संचालन का कार्य नौजवान साथी तलविदर सिंह ने बखूबी निभाया । पैंशन यात्रा मे आरसीएफ इम्पलाईज यूनियन के सरपरस्त श्री परमजीत खालसा, जसपाल सिंह शेखों, श्री सरनजीत सिंह व मुख्य रूप में नौजवान साथी गुरविदर सिंह, जगदीप, विनोद कुमार, अनिल कुमार, गुरुदेव सिंह, बलजिंदर पाल, अवतार सिंह, सुरिंदर कुमार, संजीव कुमार, चंद्रभान, बूटा राम , अश्वनी कुमार, साकेत यादव, हरप्रीत सिंह, परविंदर सिंह, हरपाल सिंह, नवज्योत, जितेंद्र कुमार सहित सैंकड़ो रेलवे कर्मचारी शामिल रहे ।

 

 

 

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