भारतीय संविधान की रक्षा ही बाबा साहब को सच्ची श्रद्धांजलि: सुशील रिंकू
रमाबाई अंबेडकर यादगार हॉल का हुआ उद्घाटन
जालंधर (समाज वीकली): अंबेडकर भवन ट्रस्ट (रजि.) की ओर से अंबेडकर मिशन सोसाइटी पंजाब (रजि.) और अखिल भारतीय समता सैनिक दल (रजि.) पंजाब इकाई के सहयोग से भारतीय संविधान के निर्माता, विश्व प्रसिद्ध दार्शनिक, सामाजिक समानता के प्रणेता, डॉ. अंबेडकर जी की चरण स्पर्श भूमि, अंबेडकर भवन पर बाबा साहब डॉ.भीमराव अंबेडकर जी के 68वें परिनिर्वाण दिवस पर श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन किया गया। इस समारोह में सांसद श्री सुशील कुमार रिंकू ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। उन्होंने अंबेडकर भवन में नवनिर्मित रमाबाई अंबेडकर यादगार हॉल का उद्घाटन किया। याद रहे कि इस हॉल के निर्माण और अंबेडकर भवन के सौंदर्यीकरण के लिए श्री रिंकू ने 2021 में पंजाब सरकार से 39.57 लाख रुपये मंजूर करवाए थे, जबकि श्री शमशेर सिंह दूलो, राज्य सभा के तत्कालीन सदस्यद्वारा 20 लाख रुपये की ग्रांट जारी की गई थी। इस अवसर पर श्री सुशील रिंकू ने अपने भाषण में बाबा साहब द्वारा शुरू किये गये जनसंघर्ष में रमाबाई अंबेडकर के योगदान को याद किया और उनकी सराहना की। उन्होंने कहा कि वर्तमान परिस्थिति में डाॅ. अंबेडकर साहब की विचारधारा पर चलने की सख्त जरूरत है, अन्यथा बचे हुए संवैधानिक अधिकार भी पूरी तरह से खतरे में पड़ सकते हैं। श्री रिंकू ने इस बात पर जोर दिया कि संविधान बचाना ही बाबा साहब को सच्ची श्रद्धांजलि है।
इस श्रद्धांजलि समारोह के मुख्य वक्ता अंबेडकरी बौद्ध विचारक और दर्जनों पुस्तकों के लेखक डॉ. सुरिंदर अजनात ने सामाजिक समानता और न्याय के लिए बाबा साहब के अथक और निरंतर संघर्ष की चर्चा करते हुए कहा कि भारतीय जाति व्यवस्था के तहत जाति व्यवस्था के प्रभाव में अपमान और तिरस्कार सहकर वह दुनिया के महान सामाजिक क्रांतिकारी बने। उनके असाधारण प्रयासों से सदियों बाद मानव अधिकारों से वंचित भारतीय महिलाओं और शोषित वर्ग को संविधान के माध्यम से स्वतंत्रता और समानता का अधिकार मिला। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अंबेडकर साहब की विचारधारा को अपने जीवन में उतारना और उनके द्वारा स्थापित आदर्शों का पालन करना ही उन्हें सही मायने में याद करना है।
यूके से आये विशिष्ट अतिथि फेडरेशन ऑफ अंबेडकराइट्स एंड बुद्धिस्ट ऑर्गेनाइजेशनज़ (एफएबीओ) के अध्यक्ष श्री रामपाल राही ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि हमें रूढ़िवादी विचारधारा द्वारा फैलाए गए भ्रम, कर्मकांड, अंधविश्वास, पाखंड और अहंकार को त्यागने की जरूरत है। विज्ञान की सोच और तर्कसंगत सोच बननी चाहिए। राही जी ने मरहूम श्री एलआर बाली जी को याद किया और पिछले छह दशकों से उनके नेतृत्व में बाबासाहेब की विचारधारा के प्रचार-प्रसार के लिए अंबेडकर भवन ट्रस्ट द्वारा किए गए योगदान की सराहना करते हुए अपनी ओर से और श्रीमती निर्मला चाहल पत्नी मरहूम श्री चानन चाहल की ओर से अंबेडकर भवन ट्रस्ट को 2 लाख रुपये दान देने की घोषणा की। श्रद्धांजलि समारोह से पहले अंबेडकर मिशन सोसायटी पंजाब के उपाध्यक्ष डाॅ. रवि कांत पाल और दैनिक जनतक लहर के प्रमुख सहयोगी श्री जरनैल सिंह को श्रद्धांजलि देने के लिए एक मिनट का मौन रखा गया। समारोह की अध्यक्षता अंबेडकर भवन ट्रस्ट के अध्यक्ष, सेवानिवृत्त डीपीआई (कॉलेजों) श्री सोहन लाल ने की।
इस अवसर पर ट्रस्ट द्वारा सर्बश्री मदन लाल बैंक मैनेजर (रिटा.), एक्सियन श्री बीएस तुली और श्री सेवा सिंह काजला आर्किटेक्ट को सम्मानित किया गया।दूसरों के अलावा, डॉ. जीसी कौल, सर्बश्री बीआर भारद्वाज, मैडम सुदेश कल्याण, हरमेश जस्सल, चरण दास संधू, डॉ. टीएल सागर, जसविंदर वरियाणा, निर्मल बिंजी, पशौरी लाल संधू, डॉ. महेंद्र संधू, डॉ. कमलशील बाली, कर्नल (सेवानिवृत्त) डॉ. करम सिंह, अनिल महे उप निदेशक (सेवानिवृत्त), जगदीश डालिया, चौधरी हरि राम, सूरज प्रकाश बिर्दी , प्रोफेसर बलबीर, प्रोफेसर अरविंदर सिंह, यूएसए से एडवोकेट शशिकांत पॉल, मदन बधन और चरणजीत कौल, मुलखराज, मास्टर अश्वनी कुमार,सोहन लाल कौल, चिरंजी लाल कंगनीवाल, परमजीत कुमार, ओम प्रकाश बैंक मैनेजर, मास्टर चमन सांपला, एडवोकेट हरभजन सांपला, अमरीक महे, हरि सिंह थिंद, डाॅ. मदन लाल, एसआर कौल, कमल कुमार बैंक मैनेजर, तरसेम लाल ड्रोली, मलकीत सिंह बैंक मैनेजर, विशाल गोरका, हुकुम सिंह उप्पल, जुगिंदर पाल, नरिंदर लेख, हरदयाल बंगड़, गुरदयाल जस्सल, रामनाथ सुंडा सहित बड़ी संख्या में बाबा साहेब के श्रद्धालु इस समागम में मौजूद थे। यह जानकारी अंबेडकर भवन ट्रस्ट (रजि.) के वित्त सचिव बलदेव राज भारद्वाज ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से दी.
बलदेव राज भारद्वाज
वित्त सचिव
अंबेडकर भवन ट्रस्ट (पंजीकृत), जालंधर
फोटो कैप्शन : कार्यक्रम की कुछ झलकियाँ