(समाज वीकली)
समन्वित ग्रामीण विकास एवं क्षेत्रीय नियोजन पर प्रकाशित यह पुस्तक ग्रामीण विकास हेतु एक आधार प्रदान करती है। जिसमें ग्रामीण विकास हेतु उपयोगी प्रमुख आयामों का सूक्ष्म स्तरीय विश्लेषण किया गया है, जो कृषि विकास तथा उद्योग-धन्धों के विकास के आपसी संबंधों को दर्शाती है। प्रस्तुत पुस्तक ग्रामीण विकास के अध: संरचनात्मक विकास, आर्थिक विकास, सामाजिक एवं सांस्कृतिक विकास हेतु एक उपयुक्त रणनीति प्रस्तुत करती है। कृषि के साथ-साथ पशुपालन का सूक्ष्म स्तरीय विश्लेषण ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास को गति प्रदान करता है। यह ग्रामीण स्तर पर विधमान गरीबी एवं बेरोजगारी जैसी समस्याओं के समाधान हेतु एक उपयुक्त रणनीति प्रस्तुत करती है।
यह पुस्तक न केवल भूगोल विषय के शोधार्थियों के लिए उपयोगी होगी, बल्कि अर्थशास्त्र के विद्यार्थियों के लिए भी उपयोगी होगी। स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर पर पढ़ाये जाने वाले नियोजन सम्बन्धित तथ्यों को समझने में यह पुस्तक उपयोगी है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को विकसित करने हेतु कृषि आधारित उद्योग-धन्धों की स्थापना तथा विकास हेतु एक रणनीति प्रस्तुत करती है। प्रस्तुत पुस्तक ‘समन्वित ग्रामीण विकास एवं क्षेत्रीय नियोजन’ प्राकृतिक एवं मानवीय संसाधनों के उचित विकास हेतु एक रणनीति प्रस्तुत करती है, ताकि इन संसाधनों का संतुलित विकास हो सके।
पुस्तक : समन्वित ग्रामीण विकास एवं क्षेत्रीय नियोजन
लेखक : डॉ. नरेन्द्र कुमार
प्रकाशक : क़लमकार पब्लिशर्स प्रा.लि. नई दिल्ली। संपर्क सूत्र : 9310562856, 9720866612, वर्ष : 2022, पृष्ठ : 352, मूल्य : ₹750 (HB)
समीक्षक
डॉ. सुरेश कुमार
सहायक प्रोफेसर, भूगोल विभाग
दिग्म्बर जैन कॉलेज, बड़ौत (बागपत) उत्तर प्रदेश
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