गढ़शंकर (समाज वीकली) (बलवीर चोपड़ा) दिन-ब-दिन गढ़शंकर शहर में सड़कों पर घूमने वाले आवारा पशुओं की संख्या इतनी बढ़ गई है। इन आवारा पशुओं के कारण जहां मुख्य सड़कों पर भयंकर दुर्घटनाएं होती रहती हैं, वहीं गढ़शंकर शहर में रहने वाले लोग और शहर से आने-जाने वाले लोग खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करते हैं। अब सड़कों पर आवारा घूमते नजर आ रहे हैं और बाजार में दो पुरुषों की लड़ाई में एक बूढ़ी महिला और एक बच्चा बाल-बाल बच गए। जिसमें किस तरह बेखौफ होकर आवारा संधा सड़कों पर बुरी तरह घायल हो गया, एक वृद्ध महिला इस आवारा संधा की चपेट में आने से बाल-बाल बच गई और एक भयानक हादसा होने से टल गया। गढ़शंकर वासियों का कहना है कि जहां नगर निगम और प्रशासन द्वारा काऊ सेस के माध्यम से लाखों रुपये की वसूली की जाती है, वहीं इस नरम वसूली के बावजूद नगर निगम और प्रशासन आवारा पशुओं को पकड़ने में सफल साबित हो रहा है और इसका श्रेय इन आवारा पशुओं को जाता है। जहां भयानक हादसे हुए हैं. जहां शहरवासी इन आवारा जानवरों से परेशान नजर आ रहे हैं, वहीं किसान भी इन आवारा जानवरों से काफी परेशानी में नजर आ रहे हैं. क्योंकि उनके द्वारा लगाए गए हरे चारे और फसलें आवारा जानवरों से बुरी तरह प्रभावित होती हैं, यहीं नहीं पर्यावरण को हरा-भरा बनाने के लिए हर साल सरकार द्वारा लगाए गए लाखों पौधे भी इन आवारा जानवरों की भेंट चढ़ जाते हैं। नगर निगम और जिला प्रशासन तथा सरकार को आवारा पशुओं पर नियंत्रण कर उन्हें सरकारी गौशालाओं में पहुंचाना चाहिए ताकि भयानक दुर्घटनाएं न घटें। ये अपनी भूख मिटाने के लिए पूरा दिन शहर के अलग-अलग इलाकों में पड़े कूड़े के ढेरों में बिताते हैं जिससे वे स्वयं बीमारियों का शिकार हो जाते हैं, चारों ओर गंदगी के ढेर फैलने से बदबू के अलावा मक्खियां भी बहुतायत में हो जाती हैं। अपनी भूख को संतुष्ट करने के लिए, वे अक्सर हिंसक हो जाते हैं, इस बीच, वे किसी भी खाद्य या पेय पदार्थ को छीनने के लिए सड़क बाजारों से गुजरने वाले लोगों पर भी हमला करते हैं। इसके अलावा ये जानवर अक्सर आपस में लड़ते रहते हैं, जिसके कारण अक्सर लोगों को जान-माल का नुकसान उठाना पड़ता है।
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