ऐतिहासिक स्थल अंबेडकर भवन में ‘बूटा मंडी – नर्व सेंटर ऑफ़ दलित चेतना’ पुस्तक का विमोचन किया गया
जालंधर (समाज वीकली)- बाबा साहब डॉ. अंबेडकर जी की चरण-स्पर्श ऐतिहासिक भूमि अंबेडकर भवन में, श्री रमेश चन्द्र सेवानिवृत्त राजदूत द्वारा लिखित एवं संपादित पुस्तक ‘बूटा मंडी – नर्व सेंटर ऑफ दलित चेतना ‘ का विमोचन उत्तर भारत में चमड़ा उद्योग के प्रसिद्ध केंद्र बूटा मंडी के शताब्दी वर्ष पर किया गया। दलित चेतना के केंद्र बूटा मंडी के 100 साल के इतिहास को उजागर करने वाली इस पुस्तक के विमोचन समारोह में बूटा मंडी से जुड़े पंजाब के दो शीर्ष अधिकारी श्रीमती बबीता कलेर आईएएस, श्रीमती अनुपम कलेर पीसीएस और श्री ओंकार नाथ भारत सरकार के सेवानिवृत्त उप महानियंत्रक मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।
इस अवसर पर प्रो. महेश चंद्र ने मंच संचालन किया और प्रमुख हस्तियों सहित पंजाब भर से इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले सभी सहयोगियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि यह राजदूत श्री रमेश चंद्र की अनूठी विशेषता है कि सेवानिवृत्ति के बाद उन्होंने दिल्ली, चंडीगढ़ या किसी अन्य बड़े शहर में रहने की बजाय अपने क्षेत्र, अपने शहर और अपने लोगों में रहकर जन कल्याण के लिए जन जागरूकता पैदा करना पसंद किया। पुस्तक के लेखक रमेश चंद्र ने कहा कि यह पुस्तक विमोचन समारोह उनकी पत्नी श्रीमती विद्या चंद्र, जिनका पिछले दिनों निधन हो गया था, की स्मृति और नारी शक्ति को समर्पित है। उन्होंने बूटा मंडी से संबंधित पंजाब की प्रशासनिक शीर्ष महिलाओं और नई व्यवस्था से संबंधित उच्च पदों पर आसीन अन्य उच्च अधिकारी महिलाओं का भी उल्लेख किया। इस स्मृति समारोह को संबोधित करते हुए श्रीमती बबीता कलेर आईएएस ने कहा कि बूटा मंडी दलित विकास की जड़ है जिसने दलितों के बहुमुखी विकास में बहुत बड़ा योगदान दिया है और डॉ. अंबेडकर जी के नेतृत्व में बूटा मंडी की प्रमुख हस्तियों ने दलित निर्माण किया, पूरे पंजाब में चेतना जागृत करने में अग्रणी भूमिका निभाई। श्रीमती अनुपम कलेर पीसीएस ने बूटा मंडी के 100 साल के इतिहास और इसके योगदान को पुस्तक के रूप में प्रकाशित करने के लिए राजदूत साहब की सराहना की और कहा कि वर्तमान पीढ़ी विशेषकर युवा इस पुस्तक से भविष्योन्मुखी विकास के लिए रचनात्मक मार्गदर्शन और प्रेरणा ले सकते हैं।
भारत सरकार के सेवानिवृत्त डिप्टी सीएजी श्री ओंकार नाथ ने लेखक को बधाई दी और कहा कि यह उनकी तीसरी पुस्तक है जिसमें उन्होंने दलित चेतना के उत्थान में बूटा मंडी की ऐतिहासिक भूमिका को रेखांकित किया है। उन्होंने कहा कि अपने इतिहास के प्रति जागरूक रहकर ही इतिहास रचा जा सकता है और यह पुस्तक लेखक की अनूठी उपलब्धि है। इस अवसर पर दोआबा कॉलेज, जालंधर के राजनीति विज्ञान के पूर्व प्रमुख प्रोफेसर बलबीर ने कहा कि अच्छी किताबें आत्मा के लिए भोजन हैं। उन्होंने अंबेडकर जी को उद्धृत करते हुए कहा कि अच्छी किताबें और अच्छे विचार व्यक्ति के पूरे जीवन को बदलने की क्षमता रखते हैं। उन्होंने इस प्रेरक पुस्तक के प्रकाशन के लिए लेखक को बधाई दी। इन प्रमुख वक्ताओं के अलावा अंबेडकर भवन ट्रस्ट के महासचिव डाॅ. जीसी कौल, सरब श्री हरबंस विर्दी यूके, हरमेश जस्सल और मनोहर लाल महे सहित अन्य ने भी पुस्तक पर अपने विचार प्रस्तुत किए। कार्यक्रम के अंत में सामाजिक कार्यकर्ता परमजीत महे ने पुस्तक विमोचन समारोह में शामिल सभी सहयोगियों को धन्यवाद दिया। इस समारोह में सर्बश्री चरण दास संधू, बलदेव राज भारद्वाज, डॉ. महिंदर संधू, निर्मल बिंजी, राम लाल दास, पीडी शांत, श्रीमती गुरदेव शांत, जसविंदर वरियाणा, हरीश महे, रूपेश चंद्र, कृष्ण लाल, विनोद कौल, परषोतम लाल सरोय आदि ने विशेष रूप से भाग लिया। यह जानकारी बलदेव राज भारद्वाज, महासचिव, अंबेडकर मिशन सोसायटी पंजाब (रजि.) ने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से दी।
बलदेव राज भारद्वाज, महासचिव
अंबेडकर मिशन सोसायटी पंजाब (रजि.)