- विभूति मनी त्रिपाठी
देश में चुनाव का माहौल अपने चरम पर पहुंच चुका है, ऐसे में हर एक राजनीतिक दल इस कोशिश में है कि किसी भी तरह से जनता को अपनी तरफ आर्किषत किया जाये, हर एक राजनीतिक दलों द्वारा इस समय अपने अपने चुनाव प्रचार में ऐंड़ी चोटी का जोर लगाया जा रहा है और मतदाताओं को प्रभावित करने का कोई भी मौका नही छोडा जा़ रहा हैं ।
भारत एक विशाल देश है , यहां कुछ ऐसे भी मुददे हैं जो देश की एकता , सुरक्षा और संप्रुभता से संबंध रखते हैं और देश का नागरिक होने की वजह से हम सब की यह नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि हम सब जाने अंजाने में कोई भी ऐसा काम न करें जिससे देश की सुरक्षा,संप्रुभता और एकता पर विपरीत असर पड़े , लेकिन अफसोस करने वाली बात यह है कि आज के दौर में, कुर्सी और सत्ता के लालच में हमारे राजनेता सब कुछ भूल चुके हैं, ऐसे में एक सवाल उठता है कि आखिर हम सब अपने स्वार्थ के लिये और कितना नीचे गिर जायेंगे और आज कल चुनावी भाषण में हमारे राजनेता जिस तरह से अपनी बातों को रखते हैं उसको देखते हुये यह कहने में बिल्कुल भी संकोच नही हो रहा है कि अब राजनेता और राजनीतिक दल की परिभाषा बहुत हद तक बदल गई है ।
आज कल के चुनावी समर में हमारे राजनेताओं द्वारा वही मुद्देे बार बार उठाये जा रहे हैं जिसका सीधा संबंध देश की सुरक्षा,संप्रुभता और एकता से है और उनमें से एक मुद्दा है जम्मू और कश्मीर में लागू धारा 370 ।
देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी ने तो अपने चुनावी घोषणा पत्र में धारा 370 का जिक्र किया है और कहा है कि अगर उनकी सरकार केंद्र में बनी तो जम्मू और कश्मीर से धारा 370 किसी भी कीमत पर हटने नही देगें, वहीं दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में कहा है कि अगर इस बार भा.ज.पा. की सरकार केंद्र में पुनः बनती है तो जम्मू और कश्मीर से धारा 370 की हर हाल में समीक्षा की जायेगी ।
इस तरह से यह कहना बिल्कुल भी गलत नही होगा कि आज के समय में देश की लगभग सभी राजनीतिक दलों ने धारा 370 को मुख्य चुनावी मुददा बना लिया है ।
मुख्य बात यह भी है कि जम्मू और कश्मीर के क्षेत्रीय राजनीतिक दलों ने तो धारा 370 के नाम पर, आपस में ही बढत बनाने की चुनावी प्रतिस्पर्धा शुरु कर दी है, धारा 370 के नाम पर देश विरोधी बातें करने की होड़ सी मचा रखी है और सब एक सुर में धमकी दे रहे हैं कि अगर धारा 370 को खत्म किया गया या बदला गया तो जम्मू और कश्मीर भारत देश से अलग हो जायेगा ।
ऐसे में विचार करने योग्य बात यह है कि धारा 370 के नाम पर क्षेत्रीय दलों के द्वारा दी जा रही धमकी को क्या समझा जाये, ऐसे लोग जो चुनाव की आड़़ में बार बार जहर उगल रहे हैं और देश को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं, आखिर उनके खिलाफ कार्यवाई कब की जायेगी ???
कश्मीर में महबूबा मुुफ्ती और नेशनल कांफ्रेंस के नेता, इस समय जिस तरह से हर एक चुनावी रैलियों में धारा 370 के बारे में बयान दे रहे हैं, क्या वह सही है??? नही…बिल्कुल नही । महबूबा मुुफ्ती, फारुख अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला आखिर साबित क्या करना चाहते हैं ???
धारा 370 और देश को अस्थिर करने के नजर से जो भी बात आज कल मुख्य राजनीतिक दलों और क्षेत्रीय राजनीतिक दलों के नेताओं द्वारा की जा रही है इसका असर मतदाताओं पर कितना पड़ेगा…इसका जवाब समय देगा लेकिन बार बार यह कहना कि अगर भारत सरकार ने धारा 370 हटाया जो जम्मू और कश्मीर भारत देश से अलग हो जायेगा , यह कुछ ज्यादा ही है और राजनेता अपने सीमा को लांघ कर आगे जा रहे हैं ।
आजकल के चुनावी परिस्थति में दो सवाल उठ रहे हैं , पहला सवाल यह है कि आखिर महबूबा मुुफ्ती, फारुख अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और कुछ अन्य राजनेताओं को किसने यह अधिकार दिया है कि वो जम्मू और कश्मीर को भारत देश से अलग कर देने की बात कर रहे हैं और दूसरा सवाल यह है कि आखिर इस तरह की धमकी के पीछे की सच्चाई क्या है और क्या ऐसा वाकई मुमकिन है ???
यह हम सब का दुर्भाग्य है कि, हमारे यहां जान बूझकर अपने स्वार्थ के लिये हमारे राजनेताओं ने किसी ना किसी मुददे को पाल पोस रखा है जो हर बार उनकी कुर्सी और सत्ता के महत्वाकांक्षा को बलवान बनाये रखने में मदत करती हैं और धारा 370 भी उन्ही मुददों में से एक है जो अब एक नासूर में बदल चुका है और रह रह कर टीस रहा है, अब इस नासूर को जड़ से निकाल फेकने का समय आ गया है ।
अगर तथ्य और हकीकत की बात की जाये तो सत्य यह है कि धारा 370 की वजह से ही कश्मीर आज भी वहीं खड़ा है जहां वह पहले था, कश्मीर में विकास की दर वह नही है जो होनी चाहिये, धारा 370 की वजह से ही कश्मीर में भारत देश के अन्य राज्यों की तुलना में कम विकास हुआ है, इसी वजह से कश्मीर में बेरोजगारी अपने चरम पर पहुंच चुका है, आये दिन कश्मीर में हो रहे पत्थरबाजी की घटना के पीछे भी बेरोजगारी ही मुख्य वजह है , ऐसे में यह कहना बिल्कुल भी गलत नही होगा कि धारा 370, जंजीर की बेड़ियों की तरह हो गया है और इसी बेड़ी में जम्मू और कश्मीर फंस कर रह गया है ।
यह एक अकाटय सत्य है कि, जम्मू और कश्मीर हमारे देश का एक अभिन्न अंग है और कोई भी ताकत जम्मू और कश्मीर को भारत देश से अलग नही कर सकती । जम्मू और कश्मीर हमारे भारत माता का मुकुट है और हमारे राजनेताओं ने भारत माता के मुकुट को रक्त रंजित कर के रख दिया है और शायद इससे ज्यादा तकलीफ की बात और कोई नही हो सकती ।
हम सभी यह जानते हैं कि हमारे राजनेता आपस में ही आरोप प्रत्यारोप करते रहते हैं, चुनाव के समय अलग अलग तरह की बातें करेगें लेकिन सत्ता मिलते ही सब कुछ भूल जाते हैं, राजनेताओं का ऐसा व्यवहार देश के लिये बिल्कुल भी सही नही है इसलिये अब समय आ गया है कि देश की जनता अपने मत का सदुपयोग करके जितने भी ऐसे राजनेता हैं जो देश में बिखराव की बात करते हैं, उनको उनके सही जगह पहुंचायें और यह सबक दें कि किसी भी राजनेता और किसी भी राजनीतिक दल में इतनी हिम्मत नही जो जम्मू और कश्मीर को भारत देश से अलग कर सके और भारत माता के टुकड़े कर सके, क्यूंकि भारत माता के सवा सौ करोड़ रक्षक, माता की रक्षा के लिये तैयार खड़े हैं ।
……………………….भारत माता की जय…..जय हिंद……………………………………