सामाजिक न्याय पदयात्रा
13 मार्च 2024 से मान्यवर कांशीराम जयंती 15 मार्च 2024
माचा से कठारा, कानपुर देहात
(समाज वीकली)- साथियों देश में बढ़ती जातिगत विषमता, धार्मिक भेदभाव, राजनीतिक वैमनस्यता और वैचारिक शून्यता के दौर में सिद्धांतों, सामाजिक सरोकारों और न्याय हेतु एक वैचारिक राजनीतिक विकल्प प्रस्तुत करने के उद्देश्य से सोशलिस्ट पार्टी (इंडिया) और सहयोगी संगठनों द्वारा समाजवादी राजनीतिज्ञ रामस्वरूप वर्मा और ललई सिंह पेरियार की स्मृति में एक सामाजिक न्याय पदयात्रा का आयोजन किया जा रहा है। 13 मार्च को माचा से शुरू पदयात्रा का मान्यवर कांशीराम की जयंती 15 मार्च को कठारा में समापन होगा।
इस यात्रा के माध्यम से समाजवादी राम स्वरुप वर्मा, ललई सिंह पेरियार और मान्यवर कांशीराम के विचारों, सिद्धांतों एवं उनके ऐतिहासिक कार्यों का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए, आम जन मानस को राजनीतिक व्यवस्था के खिलाफ एक सामाजिक आन्दोलन के लिए प्रेरित किया जाएगा।
जाति जनगणना के बगैर सामाजिक न्याय नहीं मिल सकता। देश में जाति जनगणना की मांग लंबे समय से की जा रही है. मंडल आयोग की सिफारिशों में भी जाति जनगणना कराने की बात कही गई। पिछले दिनों बिहार में जाति जनगणना के आंकड़ों के आने के बाद हम उत्तर प्रदेश सरकार से मांग करते हैं जाति जनगणना कराई जाए। केंद्र सरकार ने भी अन्य पिछड़ा वर्ग गणना कराने को कहा लेकिन फिर वादे से मुकर गए। 2011 में जाति जनगणना के जो आंकड़े आए उनको सार्वजनिक न करने से देश की पिछड़ी जातियों को उनका अधिकार नहीं हासिल हो पा रहा। देश में जनगणना होती है उसमें अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की गणना होती है लेकिन पिछड़ी जातियों की गणना या जाति जनगणना नहीं की जाती। आने वाले दिनों में सरकार जब जनगणना कराए तो उसके साथ ही जाति जनगणना भी कराए।
बराबरी और सत्ता-संसाधनों पर न्याय संगत बंटवारे के लिए जाति जनगणना बहुत जरूरी है। जातिवार जनगणना साफ करेगी कि देश के सत्ता संसाधनों पर किसका कितना कब्जा है, किसका हक अधिकार आजाद भारत में नहीं मिला, कौन गुलामी करने को मजबूर हैं। हक अधिकार न देकर धर्म के नाम पर जनता को विभाजित किया जा रहा है और हिन्दुत्ववादी राजनीति मुसलमानों का डर दिखा कर चाहती है कि लोग जाति के आधार पर होने वाले भेदभाव को भुला कर हिंदू के नाम पर एक हो जाएं। राजनीतिक दल जाति जनगणना कराने के मुद्दे पर सहमत हैं तो वह चुनावी घोषणा पत्र में समयबद्ध जाति जनगणना कराने की मांग को शामिल करें।
जातिवार जनगणना के साथ आरक्षण की सभी श्रेणियों व सामान्य श्रेणी में भी 50 प्रतिशत महिला की भागीदारी सुनिश्चित की जाए, मंडल आयोग की सम्पूर्ण सिफारिशों को लागू किया जाए, कोलेजियम सिस्टम जैसे न्यायिक नासूर को खत्म किया जाए, नियुक्तियों में आरक्षण के प्रावधानों पालन किया जाए और मानकों का अनुपालन न करने वाले अधिकारियों को दण्डित किया जाए, निजीकरण को समाप्त किया जाए, जो भी निजी क्षेत्र हैं उनमें आरक्षण पूर्णतः लागू किया जाए, चुनाव को निष्पक्ष कराने हेतु ई.वी.एम. जैसी अविश्वसनीय पद्धति को समाप्त किया जाए, चुनाव अनुपातिक प्रणाली पर कराए जाएं यानी जिस दल के जितने प्रतिशत मत हों उसी अनुपात में विधायिका में उसके सदस्य हों, दलितों, पिछड़ों, मुसलमानों के साथ सौतेला व्यबहार बंद किया जाए।
आप सभी से निवेदन है कि यदि आप भी वर्तमान राजनीतिक संकट दौर में सामाजिक न्याय आंदोलन की जरूरत महसूस करते हैं तो हमारी इस पदयात्रा से जरूर जुड़े और एक मजबूत राजनीतिक विकल्प बनाने हमारा सहयोग करें।
पदयात्रा मार्ग
13 मार्च 2024ः
सुबह 8 बजे, माचा में यात्रा शुभारंभ कार्यक्रम, संपर्कः राकेश सचान, 8840329858
सुबह 10 बजे, पुखरायां में कार्यक्रम, संपर्कः सी पी सिंह, 7754875864, ओम द्विवेदी, 9260984285
दोपहर 2 बजे, गौरीकरन में स्वागत कार्यक्रम एवं पदयात्रा की शुरुआत, संपर्कः अनूप वर्मा, 9125726726, शैलजा गौतम, 8860533408
रात्रि पड़ाव, मुंगीसापुर, संपर्कः सुरेन्द्र गौतम, 9956212767, राम खिलावन, 9792689742
14 मार्च 2024ः
सुबह 8 बजे, मुंगीसापुर से प्रस्थान और मंगलपुर में पड़ाव, संपर्कः सुरेन्द्र गौतम, 9956212767
15 मार्च 2024ः
सुबह 8 बजे, मंगलपुर से प्रस्थान, झींझंक में दोपहर का पड़ाव
शाम 4 बजे, कठारा में समापन कार्यक्रम, संपर्क बृजेंद्र यादव, 8528024350
यदि आप यात्रा में शामिल होना चाहें तो निम्नलिखित में से किसी से भी संपर्क कर सकते हैंः
कृष्ण मुरारी यादव उर्फ के.एम. भाई, 7985181117, 9838775508, ओम द्विवेदी, 9260984285, 9581309597, शंकर सिंह, 6306714614, 8756103481, राजीव यादव, 8210437705