लेबर कानूनों के खिलाफ 18 मार्च की कन्वेंशन में पहुंचने की अपील
नए लेबर कोड मज़दूरों को गुलामी की तरफ धकेलने की साजिश- परमजीत सिंह खालसा
हुसैनपुर (समाज वीकली) (कौड़ा)- बैंक के निजीकरण के खिलाफ चल रहे बैंक कर्मचारियों की हड़ताल के समर्थन, 17 मार्च को बीमा कंपनियों की हो रही हड़ताल के समर्थन में, लेबर कानूनों को खत्म कर 4 लेबर कोड में बदलने, सिविल में कार्यरत कर्मचारियों को वर्कशॉप में ट्रांसफर करने, कोच उत्पादन में की जा रही बेतहाशा आउटसोर्सिंग आदि के सम्बंध में आर सी एफ इंपलाईज यूनियन की जनरल कॉउन्सिल मीटिंग हुई।
मीटिंग को संबोधित करते हुए यूनियन के महासचिव का. सर्वजीत सिंह ने कहा कि 25 दिसंबर 2016 को डीएलडब्लू वाराणसी में देश के प्रधानमंत्री के वादे कि “हमारा भारतीय रेलवे का निजीकरण करने का ना कोई इरादा है, ना कोई इच्छा है, यह गलत अफवाह कोई जानबूझकर फैला रहा है” से अब “व्यापार करना सरकार का काम नहीं है तथा सरकार चार रणनीतिक क्षेत्रों को छोड़कर सभी विभागों का निजीकरण करेगी” तक पहुंच चुका है।
मतलब साफ है कि अब भारतीय रेलवे समेत तमाम सरकारी, सहकारी व सार्वजनिक क्षेत्रों क निजीकरण स्पष्ट रूप में नजर आ रहा है। इससे भी चार कदम आगे जाते हुए देश की केंद्र सरकार व राज्य सरकारें श्रम कानूनों में ‘संशोधन’ के नाम पर मजदूरों से सदियों लंबे संघर्षों से प्राप्त अधिकारों पर डाका डाल चुकी हैं। जिसको 1 अप्रैल 2021 से देश पर थोपा जाना है, जिसके खिलाफ एक विशाल संघर्ष की जरूरत है।
आज देश में कृषि ‘सुधारों’ के नाम पर थोपे कानूनों के खिलाफ देश ही नहीं बल्कि विश्व स्तर का एक ऐतिहासिक, बड़ा व लंबा संघर्ष लड़ा जा रहा है इस संघर्ष का और मजबूत, बड़ा होना व जीतना बहुत जरूरी है। जिसके लिए पिछले दिनों देश के संघर्षशील किसान संगठनों के नेताओं के साथ केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के नेताओं की महत्वपूर्ण मीटिंग हो चुकी है, जिसमें आगामी मार्च महीनो में कुछ प्रोग्राम तय हुए हैं। जिसको आरसीएफ एम्पलाईज यूनियन, इंडियन रेलवे एम्पलाईज फेडरेशन व ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियन के दिशा निर्देशों के तहत पूरी तैयारी के साथ करने जा रही है।
अध्यक्ष परमजीत सिंह खालसा ने लेबर कानूनों के विरोध में 18 मार्च को शाम 7 बजे वर्कर क्लब में किए जा रहे कन्वेंशन में सभी कर्मचारी साथियों को परिवार सहित प्रोग्राम में शामिल होने की पुरजोर अपील की। इस मीटिंग को सफल बनाने के लिए बचित्तर सिंह, नरिंदर कुमार, अतरिक्त सचिव अमरीक सिंह, प्रदीप सिंह, शरणजीत सिंह, अरविंद कुमार, अनिल कुमार, जगदीप सिंह, गुरविंदर सिंह, भरत राज, दलबारा सिंह, बुध सिंह, लखी बाबू, संदीप कुमार, छिंदर पाल, मदन, प्रदीप सहित बड़ी संख्या में नोजवान कर्मचारी मौजूद थे।