साल 2009 से ईवीएम के विरोध में उठ रही आवाज साल 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद से और तेज हो चुकी है। इसके खिलाफ प्रदर्शनों का सिलसिला बढ़ता चला आ रहा है। वहीं, अब एक ऐसी घटना भी हो गई है, जो आज तक नहीं हुई थी।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान 21 अक्टूबर ईवीएम का खुले तौर पर विरोध करते हुए एक बसपा नेता ने मतदान केंद्र के अंदर ईवीएम पर स्याही फेंक दी। भारतीय चुनाव प्रणाली पर सवाल उठाने वाली यह बड़ी घटना मानी जा रही है।
सुनील खंबे नाम के बसपा नेता ने महाराष्ट्र के ठाणे में ईवीएम का खुलकर विरोध किया। ईवीएम पर स्याही फेंकने के बाद उन्होंने मतदान केंद्र के अंदर ही ईवीएम मुर्दाबाद और ईवीएम जलाओ के नारे भी लगाए। उनका कहना था कि ईवीएम के जरिये धांधली की जा रही है।
खबरों के मुताबिक, बसपा नेता सुनील खंबे ने ईवीएम पर अविश्वास व्यक्त किया। मतदान केंद्र के अंदर ईवीएम पर जब उन्होंने स्याही फेंककर इसके खिलाफ नारेबाजी की तो मौके पर तैनात पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।
इस दौरान सुनील ने ईवीएम के विरोध में नारेबाजी शुरू कर दी। उन्होंने लोगों को चेताते हुए कहा कि ईवीएम के कारण लोकतंत्र खतरे में है।
पुलिस जब गाड़ी में बैठाकर सुनील को ले जा रही थी, तब उन्होंने मीडिया को कहा कि ईवीएम लोकतंत्र को नष्ट कर रही है। इससे छेड़छाड़ की जा रही है। हमें ईवीएम नहीं चाहिए। लोगों को अहसास होना चाहिए कि क्या चल रहा है। ईवीएम को जला दिया जाना चाहिए।
Video link ?????