पंचायतें खेत मजदूरों के खिलाफ अवैध प्रस्ताव पारित करने बंद करें- समता सैनिक दल

 जालंधर (समाज वीकली) : ऑल इंडिया समता सैनिक दल (रजि.) की पंजाब इकाई के प्रदेश अध्यक्ष जसविंदर वरियाणा ने एक प्रेस बयान में कहा कि कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया में लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। विशेष रूप से इसका ज्यादा प्रभाव श्रमिक वर्ग पर पड़ा है। देश के कई हिस्सों में, कानूनी बदलाव करके  सरकारों द्वारा श्रमिकों के अधिकारों को छीन लिया गया है।

वित्तीय नुकसान के अलावा, कई प्रवासी श्रमिकों ने अपने पैतृक गांवों और कस्बों में लौटकर अपनी जान गंवा दी। प्रवास के कारण पंजाब में श्रमिकों की कमी हुयी  है। वरियाणा  ने कहा कि प्राप्त जानकारी के अनुसार, पंजाब के मालवा क्षेत्र की ग्राम पंचायतों ने निष्पक्ष और कानूनी तरीके से श्रमिकों की समस्याओं से निपटने के बजाय तानाशाही रवैया अपनाया है।

पंचायतों के आदेशों के अनुसार, गांवों में रहने वाले दलित मजदूरों को गाँव के जमींदारों के खेतों में काम करना पड़ता है और पंचायत के आदेशों के अनुसार उन्हें मजदूरी लेनी होती है। पंचायतें अवैध प्रस्तावों को पारित करके दलित श्रमिकों का बहिष्कार कर रही हैं। इससे भी अधिक दुर्भाग्यपूर्ण तथ्य यह है कि पंचायतों के आदेश और दलित कार्यकर्ताओं के बहिष्कार की घोषणा भी गुरुद्वारों से लाउडस्पीकर के माध्यम से की जाती है।

वरियाणा ने आगे कहा कि ऑल इंडिया समता सैनिक दल इसकी कड़ी निंदा करता है और सरकार से जल्द से जल्द इस मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध करता है ताकि श्रमिकों के मुद्दे को हल किया जा सके और अवैध फैसले लेने वाले पंचायतों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सके।

इस संबंध में, समता सैनिक दल ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को एक ई-मेल भेजा है और उनसे अनुरोध किया है कि वे जल्द से जल्द गरीब श्रमिकों की समस्या का समाधान करें।

 

जसविंदर वरियाणा 

प्रदेश अध्यक्ष

अखिल भारतीय समता सैनिक दल (रजि।), पंजाब इकाई

मोबाइल: 75080 80709

 

 

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