इंडियन रेलवे एम्प्लाईज फेडरेशन की वर्चुअल कोर कमेटी की मीटिंग में आगामी संघर्ष के लिए बनाई गई रणनीति

सभी रेल कर्मचारियों को कोरोना वारियर्स घोषित कर उनका 50 लाख का बीमा करे सरकार- सर्वजीत सिंह

कृषि व देश विरोधी तीनों कानून तुरंत रद्द कर MSP पर कानून बनाए मोदी सरकार आई आर ई एफ

हुसैनपुर ਸਮਾਜ ਵੀਕਲੀ (कौड़ा)- स्टेशन पर यात्री का सबसे पहले सामना करने वाले टिकट बुकिंग क्लर्क, टिकट जांच कर्मियों से लेकर ट्रेनों और स्टेशनों की व्यवस्था संभालने वाले स्टेशन मैनेजर, ट्रैकमैन, ड्राइवर/गॉर्ड, गैंगमैन, नए डिब्बों व इंजनों के निर्माण व रखरखाव में लगे कर्मचारियों ने कोविड-19 की महामारी के दौरान दिन-रात अपनी जान जोखिम में डालकर फ्रंट लाइन वर्कर के रूप में भारतीय रेलवे का संचालन व रखरखाव किया है।

इस दौरान लगभग दौ हजार रेल कर्मचारी अपनी जान गवा चुके हैं। देश सेवा कर रहे लगभग 12 लाख कर्मचारियों ने जब 25 मार्च 2020 के बाद पूरा देश थम गया था लेकिन रेलवे नहीं थमने दी। दिन-रात लगातार देश के हर कोने में ऑक्सीजन, अनाज, दवाइयां और ऊर्जा संबंधित जरूरत का सामान पहुंचा रहे हैं। यह सब होने के बावजूद भी रेल कर्मचारियों की अनदेखी हो रही है, यह शब्द इंडियन रेलवे एम्प्लाईज फेडरेशन (IREF) की वर्चुअल कोर कमेटी की मीटिंग में शामिल हुए पदाधिकारियों ने कहते हुए भारत सरकार/रेल प्रशासन के प्रति अपना रोष व्यक्त किया।

प्रेस को बयान जारी करते हुए इंडियन रेलवे एम्प्लाईज फेडरेशन के महामंत्री का. सर्वजीत सिंह ने कहा कि भारत सरकार/ रेल प्रशासन के उदासीन रवैये के चलते हमने एक पत्र रेल मंत्री व रेलवे चैयरमैन को भेज कर रेल कर्मचारियों को कोरोना योद्धा घोषित करने सहित अन्य मांगों से रूबरू कराया था, लेकिन रेलवे बोर्ड के उदासीन रवैये के कारण हमने मीटिंग कर उपरोक्त मांगो पर चेतावनी संघर्ष करने का निर्णय लिया है।

सर्वजीत सिंह ने कहा कि सभी रेल कर्मचारियों को कोरोना योद्धा घोषित करने, सभी रेल कर्मचारियों का 50 लाख रुपये का बीमा करने, मार्च 2020 के बाद मृतक रेल कर्मचारियों के परिवारों को 50 लाख रुपये एक्स – ग्रेसिया का भुगतान करने,नैशनल पैनशन सकीम को तुरंत रद्द कर पुरानी पेंशन योजना बहाल करके पी एफ आर डी ऐ के पास जमा राशि कर्मचारी को वापिस करने, महंगाई भत्ते की बकाया सभी किस्तें जारी करने, रात्री ड्यूटी भत्ते पर रु . 43600 / – की लिमिट हटाने, भारतीय रेलवे का निजीकरण बंद करने आदि मांगो को लेकर समस्त रेलवे में 25 मई 2021 को राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन कर भारत सरकार / रेलवे प्रशासन को चेतावनी दी जाएगी।

इसके अलावा वर्चुअल कोर कमेटी की मीटिंग में 6 महीनों से दिल्ली के बॉर्डर पर तीन कृषि विरोधी कानूनों को रद्द करवाने व एम एस पी पर कानून बनाने के लिए संघर्ष कर रहे अंदाताओ द्वारा 26 मई को “लोकतंत्र का काला दिवस” का जोरदार तरीके से समर्थन करते हुए 26 मई 2021 को समस्त रेलवे में “ब्लैक-डे (काला दिवस)” मनाया जाएगा।

 

 

 

 

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