करोना की आड़ में सरकार देश के मजदूरों, किसानों पर लगातार अत्याचार कर रही-इंपलाईज यूनियन
हुसैनपुर , 19 जून (कौड़ा) (समाज वीकली)-ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियन (एक्टू) के आह्वान पर आरसीएफ इम्पलाईज यूनियन ने वर्कशॉप गेट पर 19 जून से 26 जून तक चलने वाले देशव्यापी विरोध सप्ताह की शुरुआत की । जिसमें काफी संख्याँ में कर्मचारियों ने भाग लिया ।
कर्मचारियों को संबोधित करते हुए प्रैस सचिव आरसीएफ इम्पलाईज यूनियन एवं कार्यकारी अध्यक्ष, आईआरईएफ श्री अमरीक सिंह ने कहा कि करोना की आड़ में सरकार देश के मजदूरों, किसानों पर लगातार अत्याचार कर रही है , सैकड़ों वर्षों की लड़ाई एवं कुर्बानियाँ देकर 8 घंटे ड्यूटी एवं आराम का अधिकार प्राप्त किए थे, जिनको वर्तमान सरकार समाप्त कर 12 -12 घंटे की ड्यूटी वो भी बिना किसी ओवरटाईम को लागू कर बड़े बड़े पूजीपतियों की तिजोरिया भरने का काम कर रही है ।
अचानक बिना किसी तैयारी के लोकडाऊन ने सैंकड़ों लोगों को मौत के मुंह में धकेल दिया और जो बच गए वो भूखमरी, गरीबी, बेरोजगारी से मरने को मजबूर हैं । इन गरीब मजदूरों के लिए सरकार का खजाना हमेशा खाली बताने वाली सरकार देश के उन अरबपतियों जिन्होंने देश की 73% सम्पदा पर अधिकार जमा रखा है , का एक झटके में सैकड़ो लाख करोड़ रुपए बट्टे खाते में डाल कर माफ कर देती है ।
उन्होंने कहा कि सरकार करोना की आड़ लेकर देश के सभी सरकारी संस्थानों को बड़े -बड़े पूंजीपतियों को सौपने का कार्य कर रही है, जिसमें आडिनैस फैक्ट्रीयों के निगमीकरण का पत्र पिछले दिनों जारी किया गया । उन्होने कहा कि जब देश में ज्यादा रोजगार देने की जरूरत है तब देश का रेल मंत्री लगातार कर्मचारियों की संख्या करने की बात कर रहा है वो भी ऐसे समय में जब देश में बेरोजगारी दर 38% के रिकार्ड स्तर पर पहुँच चुकी है ।
उन्होंने कहा कि खुद लाखों रुपए पैशन लेने वाले करोड़पति सांसद कर्मचारियों की पैशन खा गए। सैंकड़ों की संख्याँ में बेरोजगार अप्रैटिस सड़कों पर घक्के खाने को मजबूर हैं । उन्होने सरकार को चेताते हुए कहा कि सरकार को इस भ्रम में नही रहना चाहिए कि करोना के चलते मजदूर,किसान,कर्मचारी एकजुट होकर संघर्ष नही कर सकते । सरकार यदि मजदूर एवं कर्मचारी विरोघी नीतियों से पीछे नही हटती तो जल्द ही पूरे देश में बडा आंदोलन छेड़ा जा सकता है ।
श्री परमजीत खालसा, प्रघान, आरसीएफ इम्पलाईज यूनियन ने अपने संबोधन में आरसीएफ प्रशासन की बेहद घटिया कर्मचारी विरोधी नीतियों के बारे में बताते हुए कहा कि आरसीएफ प्रशासन लगातार मनमर्जी से तानाशाही फैंसले लागू कर इनसैटिव पर 70% की सीलिंग एवं 50% कार्य को आरूटसोर्स करना चाह रहा है ,जबकि 10/06/20 को रेडिका की सभी यूनियन एवं एसोसिएशन ने मीटिंग में भाग लिया एवं 1937 कोच के उत्पादन लक्ष्य पर बातचीत की गई ।
जब प्रशासन से इन्सैटिव सहित बाकी मुदों पर बात की तो अगली मीटिंग में स्पष्ट करने की बात कही । परंतु अब प्रशासन ने मनमर्जी से बिना किसी सहमति के इसैंटिव सीलिंग एवं आउटसोर्सिंग पर पत्र जारी कर दिया। जिसका आरसीएफ इम्पलाईज यूनियन सख्त विरोध करती है एवं प्रशासन को चेतावनी देती है कि यदि इस प्रकार की नीति यहाँ लागू की गई तो उसके खिलाफ लगातार संघर्ष किया जाएगा जिसकी जिम्मेवारी पूर्णतया आरसीएफ प्रशासन की होगी ।
सभा में मुख्य रूप से श्री सर्वजीत सिंह, दर्शन लाल अधयक्ष आई आर टी एस ऐ,एम के भटनागर, हरविंदर पाल, बचित्तर सिंह, नरेंद्र कुमार, दलजीत सिंह थिंड, परविंदर सिंह, अमरिक सिंह गिल, मनजीत सिंह बाजवा, सुखविंदर सुखी, गुरतेज सिंह, तरलोचन सिंह, तलविंदर सिंह, अश्वनी कुमार, शरनजीत सिंह, गुरजिंदर सिंह, अवतार सिह, मारुति सिंह ने भाग लिया ।