सामाजिक जागरूकता और उसके प्रसार के लिए System का अभाव

(समाज वीकली)- भारतीय संविधान से पहले जिनको सरकारी and private sectors में उच्च पद पर काम करने के अवसर न के बराबर थे, आज उन्हें IAS, IPS, officers तक बनने के मौके मिल रहे हैं लेकिन वे भी सामाजिक रूप से अज्ञानी दिखाई देते हैं l
इसका सबसे बड़ा कारण है सामाजिक संस्थाओ और जागरुकता फैलाने वाले संगठनों का अभाव

बहुजन महापुरुषों के movement के कारण दोनों Ambedkarite and मनुवादी लोगों मे जागरुकता आई है But Dr Ambedkar की महान कुर्बानी से लाभान्वित होने वाला ग्रुप आज भी सामाजिक संस्थाओं और संगठन के बुनियादी काम में रुचि नहीं लेता है l
वह केवल वहाँ रुचि दिखाता है जहां उसे तुरंत लाभ मिले जो घातक है l
कुछ रुचि लेते हैं तो सिर्फ कुछ घंटे की Meeting और कुछ चंदा देकर अपना फर्ज पूरा समझ लेते हैं Jabki उन्हें अपने सामाजिक और Corporate सेक्टर के अनुभव के साथ संघठन को मजबूत बनाने के लिए आगे आना चाहिए l

इसलिए हम सब की जिम्मेदारी है कि सामाजिक जागरूकता के लिए सामाजिक संस्थान, Guru घर, बौद्ध विहार जैसी संस्थाओं के निर्माण से और नेतृत्व की मजबूती के लिए तन और मन से सहयोग जारी रखें l
सामाजिक संस्थान और संघठन के वृक्ष जो फल देंगे उसका फायदा आपकी आने वाली पीढ़ी को जरूर मिलेगा l

भारतीय सद्भावना समिति Faridabad

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