अखिल रेल हिंदी नाट्योत्सव के दूसरे दिन आर सी एफ में नाटकों का सफल मंचन

“खुदी राम बोस” ,“मातंगिनी” ,“सूत पुत्र” और “आधी हकीकत आधा फसाना” नाटक का लोगों ने उठाया आनन्द

कपूरथला (ਸਮਾਜ ਵੀਕਲੀ) (कौड़ा)- रेल डिब्बा कारखाना के वारिस शॉल हाल में आज अखिल रेल हिंदी नाट्योत्सव में विभिन्न विषयों से सम्बंधित नाटकों का मंचन हुआ । इस नाटक उत्सव में विभिन्न क्षेत्रीय रेलों तथा उत्पादन कारखानों की 22 नाटक टीमें भाग ले रही हैं।जिसमें लगभग 320 कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन कर रहे हैं । टीमों द्वारा सुबह दस वजे से शाम छह बजे तक नाटकों का मंचन किया जा रहा है । नाट्योत्सव की समाप्ति 14 मार्च को होगी । आज अखिल रेल हिंदी नाट्योत्सव के दूसरे दिन कुल 9 नाटक खेले गए I उत्तर पश्चिम रेलवे जयपुर द्वारा निदेशक संदीप लेले के निर्देशन में “खुदी राम बोस” नाटक खेला गया जोकि युवा स्वतंत्रता संग्रामी खुदीराम बोस के जीवन पर आधारित था I

चितरंजन रेल कारखाना की नाटक टीम द्वारा श्री प्रदीप कुमार राय के निर्देशन में “मातंगिनी” नाटक खेला गया जो कि पश्चिम बंगाल की महान स्वतंत्रता सेनानी मातंगिनी हजरा के जीवन पर आधारित था जो अंग्रेजो के खिलाफ लड़ाई लड़ते हुए शहीद होकर अपना नाम इतिहास के पन्नों में अमर कर गई I बनारस रेल इंजन कारखाना वाराणसी द्वारा नीरज उपाध्याय के निर्देशन में “सूत पुत्र” नाटक खेला गया जिसमें महाभारत के पात्र करण और अन्य पात्रों के जरिए आज के समय के सवालों का जवाब तलाशने की सघन कोशिश की गई I

मध्य रेलवे मुंबई द्वारा विशाल शिंदे के निर्देशन में “आयुष्मान” नाटक खेला गया जिसमें एक नौजवान आनंद शर्मा अपनी बीमारी में मौत के डर के सामने अपने जीवन और अपने रिश्तो का मंथन करता है I सवारी डिब्बा कारखाना चेन्नई की नाटक टीम द्वारा दिव्यांग खिलाड़ी के फुटबॉल मैच खेलने की चाह को दर्शाता हुआ नाटक “द फर्स्ट गोल” प्रशोभ एम पी के निर्देशन में खेला गया I दक्षिण पश्चिम रेलवे हुबली की टीम द्वारा भानु प्रकाश के वी के निर्देशन तले “विवेक की मधुर वाणी” नाटक खेला गया जोकि धर्म, आस्था ,प्रेम और मानवता का संदेश देने वाले स्वामी विवेकानंद के जीवन पर आधारित था I एम गोपाल कृष्ण के निर्देशन में दक्षिण मध्य रेलवे विजयवाड़ा डिवीजन द्वारा “पीपीलिका” नाटक का मंचन किया गया I

इसमें दर्शाया गया कि जिंदगी का सही अर्थ जीना और मरना ही नहीं बल्कि उन दोनों के बीच कुछ कर दिखाना और हमारे हक को को हासिल करना भी है यही हमारे मानव जीवन का मकसद है I दक्षिण पूर्व रेलवे चक्रधरपुर डिवीजन द्वारा प्रदीप्त कुमार द्वारा निर्देशित “अपने पराए” नाटक खेला गया जिसमें रिश्तों की जटिलताओं को बड़े भाव पूर्ण तरीके से परिभाषित किया गया I पश्चिम मध्य रेलवे जबलपुर द्वारा संजय गर्ग के निर्देशन में “आधी हकीकत आधा फसाना” नाटक का मंचन किया गया I नाटक में भारतीय सिनेमा जगत की कालजई अदाकारा स्वर्गीय मीना कुमारी के त्रासद जीवन और उनके फिल्मी सफर का बयान किया गया I

नाटक देखने वालों में महाप्रबंधक श्री अशेष अग्रवाल , आर सी एफ महिला कल्याण संगठन की अध्यक्ष श्रीमती सुरभि अग्रवाल , रेलवे बोर्ड के राज भाषा विभाग के निर्देशक डॉ वरुण कुमार , संयुक्त निर्देशक श्री रिसाल सिंह , आर सी एफ के मुख्य राजभाषा अधिकारी श्री अखिलेश मिश्रा, आर सी एफ के वरिष्ठ अधिकारी , राज भाषा अधिकारी श्री विनोद कटोच और भारी संख्या में नाट्य प्रेमी उपस्थित थे I इस नाटक उत्सव के लिए श्री राजेंद्र सिंह ,श्री नीरज कौशिक और मैडम अमिता शर्मा निर्णायक की भूमिका निभा रहे हैं I नाट्य उत्सव के तीसरे दिन कल 8 नाटकों का मंचन किया जाएगा I

 

 

 

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