देश लोकतंत्र के नाम पर तानाशाही की तरफ बढ़ रहा है-कमलजीत सिंह
कपूरथला (ਸਮਾਜ ਵੀਕਲੀ) (कौड़ा )- देश लोकतंत्र के नाम पर तानाशाही की तरफ तेजी से बढ़ रहा है। दुनिया भर की संस्थाओं द्वारा जारी रिपोर्टें इसी ओर इशारा कर रही है। देश ना सिर्फ मनुष्य विकास के अलग-अलग पर पैमाने से नीचे जा रहा है बल्कि देश का दर्जा आजादी से आंशिक आजादी में तब्दील हो चुका है यह बात साथी कंवलजीत सिंह, अध्यक्ष, एक्टू चंडीगढ़ ने रेल कोच फैक्ट्री कपूरथला के वर्कर क्लब में आर.सी.एफ एम्पलाईज यूनियन द्वारा करवाए गए *इंकलाबी समागम* को संबोधित करते हुए कही।
शहीद भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव व इंकलाबी कवि पाश के शहीदी दिवस को समर्पित प्रोग्राम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि शहीद भगत सिंह को देश की ऐसी हालत बनने का पहले ही अंदेशा था। उन्होंने कहा कि आज देश बहु तरफा संकट की मार के नीचे है। जिससे निकलने का सही रास्ता शहीद भगत सिंह व उनके साथियों की विचारधारा व जीवन संग्राम से मिलता है। देशभर में चले किसान आंदोलन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि देश को बचाने तथा शहीद भगत सिंह के सपनों का देश बनाने जिसमें मनुष्य के हाथों मनुष्य की लूट असंभव हो जाए के लिए एकजुट संघर्ष ही एकमात्र रास्ता है। उन्होंने आरसीएफ व भारतीय रेलवे के कर्मचारियों को 28-29 मार्च की देशव्यापी आम हड़ताल का पुरजोर समर्थन करने की अपील की।
पंजाब के प्रसिद्ध नाटककार डॉक्टर साहब सिंह जी ने अपना बेहतरीन नाटक *सम्मा वाली डांग* पेश किया। देश के किसानों तथा मेहनतकश लोगों के दुख, दर्द, पीड़ा तथा उनके सवालों को देश के हुक्मरानों के सामने उठाता नाटक दर्शकों को कई बार भावुक कर गया और अंत जब उनकी बात को व उनकी दलीलों को अनसुना कर दिया जाता है तो नाटक *सम्मा वाली डांग* उठा लेने का आह्वान करता है। लगभग एक घंटें के नाटक के दौरान बहुत सारे दर्शकों को रोते हुए देखा गया। यह इस नाटक की नाटक के लेखक, निर्देशक, अदाकार की सख्त मेहनत का नतीजा है और नाटक की ताकत है। उल्लेखनीय है डॉ. साहब सिंह जी इस नाटक को पंजाब के गांव-गांव लेकर जा रहे हैं और प्रबंधकों से कोई मेहनताना नहीं लेते बल्कि दर्शक जो भी उनकी झोली में डाल देते हैं उसी को कुबूल कर रहे हैं।
इंकलाबी समागम में साथी अमरीक सिंह, अध्यक्ष, आर सी एफ ई यूनियन ने आए हुए सभी मेहमानों व दर्शकों जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल थी का धन्यवाद किया। स्टेज संचालित की भूमिका नौजवान नेता साथी तलविंदर सिंह ने बखूबी निभाई। प्रोग्राम में छोटी बच्ची कनुप्रिया, रिंपलप्रीत कौर और उभरते हुए बेहतरीन गायक अमन गरेवाल, बरजिंदर सिंह, अवतार सिंह, सुखविंदर सिंह आदि ने इंकलाबी कविताएं व गीत संगीत पेश किया। प्रोग्राम में आर.सी.एफ इम्प्लाईज यूनियन की लीडरशिप जिसमें साथी सर्वजीत सिंह, महासचिव, परमजीत सिंह खालसा, संरक्षक, हरविंदर पाल, मनजीत सिंह बाजवा, बचितर सिंह, संजीव वर्मा, अरविंद कुमार शाह, बाबू सिंह, जसपाल सेखों, सुखविंदर सुखी, नौजवान नेता बलजिंदर पाल, संदीप सिंह, अश्विनी कुमार, जगदीप सिंह, आर.सी.एफ एससी/एसटी एसोसिएशन से साथी जीत सिंह सोहन लाल बैठा, ओबीसी एसोसिएशन से साथी उमा शंकर, अशोक कुमार आदि बड़ी संख्या में साथी हाजिर थे।
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