फेडरेशन की रेलवे बोर्ड में हुई बातचीत पर गौर करें आरसीएफ जीएम -जसवंत सिंह सैनी
प्रशासनिक पीठुओं द्वारा कर्मचारियों को गुमराह करने का षड्यंत्र -सर्वजीत सिंह
कपूरथला , (कौड़ा )– रेल कोच फैक्ट्री के दिल्ली स्थित तिलक ब्रिज ऑफिस तथा वहां पर कार्यरत कर्मचारियों को वहां से विस्थापित करने के लिए रेलवे बोर्ड ने 22 फरवरी 2012 को फरमान जारी किया, जिसके विरोध में आरसीएफ के तमाम मान्यता प्राप्त तथा गैर मान्यता प्राप्त संगठन एक मंच पर एकत्रित होकर निरंतर संघर्ष कर रहे हैं।
प्रेस बयान जारी करते हुए सर्वजीत सिंह व जसवंत सिंह सैनी ने कहा कि रेलवे प्रशासन मनमानी तरीके से फरमान जारी कर रहा है जो कभी भी स्वीकार योग्य नहीं है। आरसीएफ के दिल्ली स्थित तिलक ब्रिज ऑफिस को बंद कर वहां के कर्मचारियों को विस्थापित करने के विरोध में 9 मार्च 2022 को रेलवे फेडरेशन की रेलवे बोर्ड के आला अधिकारियों के साथ मीटिंग हुई जिसके मिंट्स भी जारी हो चुके है, मैं फेडरेशन लीडरों ने उस फरमान का विरोध करते हुए इसे तुरंत प्रभाव से रद्द करने को कहा गया है, जिस पर आरती एसडीएम को तुरंत कार्यवाही करनी चाहिए।
सिविल विभाग में कार्यरत कर्मचारियों को वर्कशॉप में ट्रांसफर करने के मामले में नेताओं ने कहा कि यह आरसीएफ/रेलवे का दुर्भाग्य ही है कि अति सुरक्षा से जुड़े कार्य आउटसोर्सिंग के द्वारा अनस्किल्ड लेबर से करवाए जा रहे हैं व अधिकारियों को चाय इत्यादि पिलाने के लिए आईटीआई/डिप्लोमा पास टेक्निकल कर्मचारियों को लगा रखा है, जो सरासर गलत है।
इन टेक्निकल योग्यता प्राप्त कर्मचारियों को जल्द से जल्द वर्कशॉप में ट्रांसफर कर रेलवे डिब्बों की सुरक्षा के साथ हो रहे खिलवाड़ को रोका जा सकता है वह आउटसोर्सिंग को कम किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अभी कुछ कर्मचारियों को वर्कशॉप में स्थानांतरण किया गया है लेकिन कुछ अधिकारी इस में अड़चन पैदा कर रहे हैं जो कि कती भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने इस कार्य में अड़चन पैदा करने वाले अधिकारियों से गुजारिश की है कि उपरोक्त कर्मचारियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ ना किया जाए, इन्हें जल्द से जल्द वर्कशॉप में ट्रांसफर कर इनकी योग्यता का लाभ उठाकर देश हित में कार्य करने का काम करें।
दोनों नेताओं ने कहा कि संघर्ष करने से जब किसानों द्वारा मोदी सरकार को काले कानूनों को वापस लेने के लिए मजबूर किया जा सकता है, राजस्थान तथा छत्तीसगढ़ में एनपीएस को रद्द कर पुरानी पेंशन बहाल करवाई जा सकती है, तो आरसीएफ/रेलवे ही नहीं पूरे देश में नई भर्ती करवाई जा सकती है, बस इसके लिए जरूरत है तो सब कर्मचारियों की एकता तथा संघर्षशील जज्बे की। नेताओं ने आगे कहा कि कर्मचारियों की इसी एकता व जज्बे को तोड़ने के लिए कुछ प्रशासनिक पिठू सीएमई व जीएम के चेंबरों में बैठकर षड्यंत्र करते हैं व कर्मचारियों को अलग-अलग तरीके से गुमराह कर संघर्ष से अलग करने की साजिशें कर रहे हैं, जिसका पर्दाफाश करना जरूरी है।
रणजीत सिंह व तालिब मोहम्मद ने कहा की उपरोक्त मुद्दों को लेकर आरसीएफ बचाओ संघर्ष कमेटी का निरंतर संघर्ष जारी रहेगा। आरसीएफ बचाओ संघर्ष कमेटी के नेतृत्व में आरसीएफ इंप्लाइज यूनियन, आरसीएफ मेंस यूनियन, आरसीएफ मजदूर यूनियन, ओबीसी एसोसिएशन, एससी एंड एसटी एसोसिएशन, यूरिया, आईआरटीएसए, ईयर इत्यादि संगठन निरंतर संघर्ष कर रहे हैं।
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