अंबेडकर पीठ के अध्यक्ष डॉ. अविनाश फुलझेले ने एलआर बाली से जानकारी जुटाई

फोटो कैप्शन: डॉ फुलझेले का सम्मान करते बलदेव राज भारद्वाज और जसविंदर वरियाना, साथ हैं एल आर बाली।

जालंधर (ਸਮਾਜ ਵੀਕਲੀ): अंबेडकर मिशन सोसाइटी पंजाब (रजि) के महासचिव बलदेव राज भारद्वाज ने एक प्रेस बयान में कहा कि सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली, द्वारा संचालित राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय, नागपुर में स्थापित डॉ अंबेडकर चेयर के अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. अविनाश फुलझेले ने अंबेडकर लेखक आयु एल.आर. बाली से मुलाकात की। उनसे पंजाब में भूमि आवंटन मामले पर चर्चा की। 1964 में भूमिहीन आंदोलन अंबेडकर के आंदोलन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था। बलदेव भारद्वाज ने कहा कि डॉ. फुलझेले की यात्रा, अनुसूचित जातियों को भूमि आवंटन का अंबेडकर आंदोलन (वर्तमान संदर्भ में स्वरूप और सफलता को समझना) पर एक शोध परियोजना के लिए थी। एलआर बाली ने 1964 में भूमिहीन आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लिया था।

इस आंदोलन में उनकी पत्नी, दो बच्चे और वे स्वयं जेल गए थे। इस भूमिहीन आंदोलन का नेतृत्व एलआर बाली ने किया था। यह सत्याग्रह अंबेडकर आंदोलन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था। इस विषय पर डॉ. अविनाश फुलझेले ने एल.आर. बाली से विस्तृत चर्चा की। इस आंदोलन में उनकी भूमिका के बारे में उनसे जानकारी ली गई। भारद्वाज ने आगे कहा कि वर्तमान विषय पर अभी ठीक से शोध नहीं किया गया है। इस शोध का असली मकसद नई पीढ़ी तक यह जानकारी पहुंचाना है। डॉ फुलझेले को बाली जी ने अपनी आत्मकथा ‘अंबेडकरी होने का अर्थ’ और ‘डॉ अंबेडकर लाइफ एंड मिशन’ पुस्तक भेंट की। बाली जी से बातचीत के बाद डॉ. फुलझेले अंबेडकर भवन पहुंचे और वहां बुद्ध की मूर्ति देखकर बहुत प्रभावित हुए। बलदेव राज भारद्वाज और ऑल इंडिया समता सैनिक दल (रजि.) पंजाब इकाई के महासचिव जसविंदर वरियाना ने डॉ. अविनाश फुलझेले को गुलदस्ता देकर सम्मानित भी किया।
बलदेव राज भारद्वाज
महासचिव
अंबेडकर मिशन सोसाइटी पंजाब (रजि)

 

 

 

 

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