देवरिया में प्रेमचंद्र के परिजनों से मिला किसान नेताओं और रिहाई मंच का प्रतिनिधिमंडल

(समाज वीकली)

देवरिया 15 अक्टूबर 2023. देवरिया में प्रेमचंद्र यादव की पत्नी, बच्चे-बच्चियों और परिजनों से किसान संगठनों और रिहाई मंच ने मुलाकात की. प्रतिनिधिमंडल को सत्य प्रकाश दुबे के परिवार के बारे में प्रशासन ने बताया कि वो गांव में नहीं हैं. वहीं गांव वालों ने कहा कि विधायक शलभ मणि त्रिपाठी के साथ हैं. गांव में तैनात पुलिस ने पूरे गांव में जगह-जगह न सिर्फ बैरिकेटिंग की है वहीं मुश्किल से मिलने दिया. मिलने से रोकने के सवाल पर कहा कि ऊपर से आदेश है.

प्रतिनिधिमंडल को परिजनों ने बताया कि उन्हें कैद कर हाउस अरेस्ट की स्थिति में रखा गया है. बच्चियों ने कहा कि वे प्रशासन से अपनी बात रखना चाहते हैं. कल बहुत मुश्किल से मुलाकात हुई भी तो वे अपनी ही गाड़ी में ले जाते हैं. उनपर ऐसे दबाव बनाया जाता है जैसे वे अपराधी हैं. बच्चियां पूर्व सैनिक अपने दादा रामभवन यादव को लेकर चिंतित हैं जिन्हें जेल भेज दिया गया है. उन्होंने कहा कि दादा और चाचा घर पर नहीं थे पापा की हत्या के बाद आए पर उन्हें भी गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया है. जमीन की मापी पर सवाल उठाते हुए कहा कि गैरकानूनी ढंग से जबरन हमारा घर गिराने की साजिश हो रही है. ये घर उनके दादा जो की फौजी रहे हैं उन्होंने बनवाया है. बच्चियों ने मुख्यमंत्री, मंत्री और विधायक पर पक्षपातपूर्ण व्यवहार का आरोप लगाते हुए सरकार और समाज से इंसाफ की गुहार लगाई.

प्रतिनिधिमंडल के सामने एक पत्रकार जो प्रेमचंद्र के परिजनों से मिलने आए थे उनको न सिर्फ मिलने नहीं दिया गया बल्कि धक्का देकर पुलिस ने भगा दिया. किसान नेताओं ने इसे लोकतंत्र के चौथे स्तंभ का अपमान बताया.

प्रतिनिधिमंडल ने पुलिस से पूछा कि मीडिया को क्यों नहीं जाने दिया जा रहा है तो पुलिस ने कहा कि परिजन नहीं मिलना चाहते. इस बारे में प्रेमचंद्र बच्चियों ने कहा कि वो मीडिया से बात कर अपनी बात रखना चाहती हैं लेकिन उन्हें बोलने नहीं दिया जा रहा है.

प्रतिनिधिमंडल से जब प्रेमचंद्र के परिजन अपनी पीड़ा बता रहे थे तो पुलिस ने उन्हें धमकाया. जिसका प्रतिनिधिमंडल के नेताओं ने विरोध किया. नेताओं ने कहा कि शोक संतप्त परिवार को भय के साए में हाउस अरेस्ट किया गया है जो अमानवीय और गैरकानूनी है. एक तरफ सत्य प्रकाश के बेटे को लेकर शोक सभा के नाम पर विधायक शलभ मणि त्रिपाठी भड़काऊ बयानबाजी कर रहे हैं दूसरी तरफ प्रेमचंद्र के परिजनों को बोलने की भी आजादी नहीं दी जा रही है.

किसान नेताओं और रिहाई मंच के प्रतिनिधिमंडल ने मांग की है कि शासन-प्रशासन इस मसले को जातीय मामला न बनाए, ऐसा करने से समाज में उत्तेजना पैदा होगी. इनकाउंटर या बुलडोजर इंसाफ नहीं होता. प्रशासन ने जमीन विवाद को सुलझाने से ज्यादा प्रेमचंद्र के जमीन मकान की मापी कर शोक संतप्त परिवार को आतंकित किया. गैरकानूनी तरीके से की गई मापी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए. शासन-प्रशासन द्वारा प्रेमचंद्र की हत्या के आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई न करके एक पक्षीय करवाई की जा रही. प्रेमचंद्र के पिता और भाई जो घटना के समय गांव में नहीं थे उनको गिरफ्तार कर फर्जी मामले में फंसाया जा रहा है. इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए. मुख्यमंत्री सहायता कोष से दोनों परिवारों को आर्थिक सहायता दी जाए.

रिहाई मंच प्रेमचंद्र के परिवार को कानूनी सहायता देगा. प्रतिनिधि मंडल में समाजवादी नेता मनोज कृष्ण यादव, रिहाई मंच महासचिव राजीव यादव, पूर्वांचल किसान यूनियन महासचिव वीरेंद्र यादव, अधिवक्ता विनोद यादव, भारतीय किसान यूनियन के अवधेश यादव, दिनेश यादव, नंदलाल यादव शामिल थे.

द्वारा-
राजीव यादव, विरेंद्र यादव
9452800752, 9838302015

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