राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइप लाईन योजना के विरोध में आर.सी.एफ इंप्लाइज यूनियन द्वारा विशाल धरना

हुसैनपुर (ਸਮਾਜ ਵੀਕਲੀ) (कौड़ा)- भारत सरकार द्वारा लाई गई राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइप लाइन योजना (एन.एम.पी) जिसके तहत सरकार ने रेलवे, सड़क, नौवहन, बिजली, विमान, दूरसंचार, तेल और गैस, स्टेडियम, गोदाम जैसे क्षेत्रों को 25 सालों के लिए प्राइवेट क्षेत्र के हवाले कर 6 लाख करोड रुपए एकत्रित करने का लक्ष्य लिया गया है। भारत सरकार की एन.एम.पी योजना दरअसल नई पैकिंग में पुराना सामान है यह शब्द कहते हुए इंडियन रेलवे इंप्लाइज फेडरेशन के महासचिव कामरेड सर्वजीत सिंह ने कहा कि भारत सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र का विनिवेश (बेचने) का जो मसौदा पिछले सालों में तैयार किया था वह जमीनी स्तर पर कर्मचारी संगठनों के जबरदस्त विरोध के चलते सफल नहीं हो पाया।

जिसके चलते सरकार अब एन.एम.पी योजना का लुभावना नाम देकर सर्वजनिक क्षेत्र को पूंजीपतियों के हवाले करने जा रही है। सर्वजीत सिंह ने कहा कि यह सब भारत देश को निजी कंपनियों के हवाले का षड्यंत्र है। जिसके विरोध में किसानी संघर्ष से सीख लेते हुए सभी संगठनों को एकजुट होकर इनका मुंहतोड़ जवाब देना होगा। उन्होंने इंडियन रेलवे इंप्लाइज फेडरेशन के आह्वान पर 19 सितंबर 2021 से 28 सितंबर 2021 तक चले इस महाअभियान जिसका नाम “कंपनी राज भगाओ, देश बचाओ, कर्मचारी बचाओ” में शामिल हुए सभी संगठनों का धन्यवाद किया।

आर.सी.एफ इंप्लाइज यूनियन के अध्यक्ष सरदार परमजीत सिंह खालसा ने कथित अरोप लगाते हुऐ कहा कि प्राइवेट कंपनियां बहुत ही घटिया क्वालिटी का मटेरियल आर.सी.एफ में सप्लाई कर रही है व उस मटेरियल को जीएम खुद कार्य स्थल पर पहुंचकर कोचों में लगवा रहे हैं। जिससे रेल कोच फैक्ट्री की पूरे देश में बदनामी हो रही है परंतु जीएम आरसीएफ चीफ सिविल इंजीनियर की तरह भर्ष्टाचार में मस्त हैं। उन्होंने कहा कि वर्कशॉप में कार्यरत ठेकेदार की लेबर से 12 से 18 घंटे तक कार्य करवा कर उनका मानसिक, शारीरिक व आर्थिक शोषण किया जा रहा है।

आर.आई.ई.एफ़. के कार्यकारी अध्यक्ष व आरसीएफ इंप्लाइज यूनियन के प्रेस सचिव कामरेड अमरीक सिंह ने कहा कि देश की सीमाओं की सुरक्षा के लिए टैंक, गोला- बारूद, बंदूक, फौज की गाड़ियां, लड़ाकू विमान आदि सहित सुरक्षा से जुड़ी हर एक चीज का निर्माण करने वाली देश की 41 ऑर्डिनेंस फैक्ट्रीयों का निगमीकरण कर उन्हें 7 डी पी एस यू में बदल देना। रेलवे सहित देश के विभिन्न सार्वजनिक क्षेत्र को कारपोरेट के हवाले करना, श्रम कानूनों को खत्म करना, किसानों से जमीन छीनने के लिए तीन कृषि कानूनों को लागू करना इत्यादि कदम देश को स्पष्ट रूप में कंपनी राज के हवाले करने की साजिशें हैं।

अमरीक सिंह ने कहा कि यह पंजाब की धरती है जहां से शहीद भगत सिंह जैसे शूरवीर पैदा हुए हैं इसलिए हम प्रण करते हैं कि हजारों कुर्बानियां देने के बाद मिली आजादी को कंपनी राज के हवाले करने के षड्यंत्र के खिलाफ हम खून के आखरी कतरे तक लड़ेंगे। धरना प्रदर्शन को जसपाल सिंह सेखों, सुखमंदर सिंह जिद्दा, धर्मपाल, तरलोचन सिंह, बलजिंदर सिंह लाडी आदि ने संबोधित किया।

स्टेज सेक्रेटरी की भूमिका मनजीत सिंह बाजवा व नौजवान साथी भरत राज ने निभाई। आज के धरना प्रदर्शन में कार्यकारी अध्यक्ष दर्शन लाल, कोषाध्यक्ष हरविंदर पाल, बचित्तर सिंह, नरेंद्र कुमार, प्रदीप सिंह, शरणजीत सिंह, जगजीत सिंह, गुरविंदर सिंह, जगदीप सिंह, विनोद कुमार, सतनाम सिंह बठिंडा, अश्विनी कुमार, पवन कुमार, गुरदेव सिंह, योगेश कुमार, पवन दत्ता, नवीन कुमार आदि सहित सैकड़ों कर्मचारी शामिल हुए।

 

 

 

 

 

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