समाज वीकली यू के
मित्र! मैं क्या हूँ उसे छोड़िए! आप हिन्दू हो तो हिन्दू की परिभाषा बता दीजिए, यह क्या बला है, क्या यह धर्म है? तो उसकी स्थापना कब हुई? उसके संस्थापक का नाम बताइए? उसके मौलिक ग्रंथ कौन से हैं? किस ग्रंथ में लिखा है यह हिन्दू का धर्मग्रंथ है? कहीं आप ब्राह्मण धर्म, वैदिक धर्म, वर्णाश्रम धर्म को तो हिन्दू धर्म नहीं मान रहे हैं? वह तो वर्ण पर आधारित एक अमानवीय सामाजिक कुव्यवस्था है उसमें आप किस वर्ण में आते हैं ब्राह्मण क्षत्रिय वैश्य या तीनों वर्णों की सेवा करने वाले शूद्र वर्ण में? फिर उसमें तो धर्म की रक्षा करना आपका काम ही नहीं है आपको तो रूखा सूखा खाकर ब्राह्मण क्षत्रिय वैश्य की सेवा करनी है उसमें तो आपको शिक्षा संपत्ति शस्त्र सम्मान का भी अधिकार नहीं है!
आप हिन्दू हो तो कौन से हिन्दू हो? जनेऊ धारी कि बिना जनेऊ वाले? ऊंच हिन्दू कि नीच हिन्दू, छूत हिन्दू कि अछूत हिन्दू?
सर्व अधिकार संपन्न हिन्दू कि सर्व अधिकार विहीन हिन्दू?
देश के सभी पावर सेंटरों पर कब्जा जमाये हिन्दू कि प्रत्येक पावर सेंटर से दरकिनार किये गए हिन्दू?
आपने सरनेम साहू लिखा है जिसे हमारे यहाँ तेली कहते हैं जो ओबीसी वर्ग में आते हैं!
जिसके बारे में तुलसीदास दूबे ने रामचरितमानस में लिखा है-
जे वर्णाधम तेलि कुम्हारा
स्वपच किरात कोल कलवारा!
अधम जाति में विद्या पाएं।
भये यथा अहि दूध पिलाएं।
अर्थात वर्णों में अधम यानी नीच तेली, कुम्हार, स्वपच, कोल भील, कलवार आदि हैं।
नीच जाति के लोगों को शिक्षा देने से वे उसी तरह जहरीले हो जाते हैं जैसे दूध पिलाने से सांप।
पूजहिं विप्र सकल गुण हीना!
शूद्र न गुन गन ग्यान प्रवीना!!
यानी सभी गुणों से हीन ब्राह्मण पूज्यनीय है और सर्वगुण संपन्न शूद्र भी पूज्यनीय नहीं है!
यही है तुम्हारा धर्म जिसके लिए मरे जा रहे हो!
मित्र! धर्म के ब्राह्मणी मकड़जाल से बाहर निकलो! अपने समतावादी महापुरुषों फुले साहू अंबेडकर पेरियार को पढ़ो! महापुरुषों के संघर्षों के बदौलत ही बहुजन समाज के जीवन में सकारात्मक बदलाव आये हैं हिन्दू हिन्दू करने और घंटा बजाने से नहीं!
संविधान को पढ़ो!
जिसने तुम्हें बराबरी का अधिकार दिया है।
रामास्वामी पेरियार ने कहा है ‘उस धर्म को ठोकर मारो जो तुम्हें नीच ठहराता है’!
जिस भी ओबीसी को हिन्दू होने पर गर्व है और वह किसी भी हिन्दू संगठन से जुड़ा है उनमें छोटा या बड़ा पदाधिकारी हो, कार्यकर्ता हो, आर एस एस , विश्व हिन्दू परिषद, बजरंग दल या भाजपा में काम कर रहा हो! अपने संगठन में सिर्फ जाति आधारित जनगणना और हर क्षेत्र में संख्यानुपात हिस्सेदारी की मांग करे! मंडल कमीशन की सभी अनुशंसाओं को लागू करने की मांग करे! वहीं उसे हिन्दू धर्म में और हिन्दू संगठनों में अपनी औकात का पता चल जाएगा! फिर यदि उसका स्वाभिमान जरा भी जिन्दा होगा पूरी तरह मरा नहीं होगा तो ब्राह्मणों के उन कथित हिन्दू संगठनों से विद्रोह करके उन्हें ठोकर मारकर अपने बहुजन, ओबीसी संगठनों से जुड़कर शोषित वंचित समाज के हक अधिकार व मान सम्मान की लड़ाई में शामिल हो जायेगा!