“भारतीय अखबारों के संदर्भ में डॉ. आंबेडकर के उपर्युक्त कथनों का विश्लेषण करें तो पाते हैं कि इसमें उन्होंने भारतीय अखबारों (मीडिया) के लिए कुछ मानक प्रस्तुत किए हैं जो निम्न हैं–”

करन बौद्ध

“भारतीय अखबारों के संदर्भ में डॉ. आंबेडकर के उपर्युक्त कथनों का विश्लेषण करें तो पाते हैं कि इसमें उन्होंने भारतीय अखबारों (मीडिया) के लिए कुछ मानक प्रस्तुत किए हैं जो निम्न हैं–”

(समाज वीकली)-

1-पत्रकारिता को पक्षपात और पूर्वाग्रह से मुक्त होना चाहिए।

2-भारत में इसका विशेष संदर्भ जातीय पक्षपात और पूर्वाग्रह है।

3-पत्रकारिता तथ्यों पर आधारित होनी चाहिए, मनोगत धारणाओं पर नहीं।

4-पत्रकारिता मिशन होना चाहिए, व्यवसाय नहीं।

5-पत्रकारिता और पत्रकारों की अपनी नैतिकता होनी चाहिए।

6-निर्भीकता पत्रकारिता और पत्रकार का अनिवार्य लक्षण है।

7-सामाजिक हितों का पक्षपोषण करना पत्रकारिता और पत्रकार का कर्तव्य है।

8-पत्रकारिता में व्यक्ति पूजा के लिए कोई स्थान नहीं होना चाहिए।

9-सनसनीखेज खबरों की जगह पत्रकारिता का कार्य वस्तुगत रिपोर्टिंग है।

10-जनता की भावनाओं को भड़काने की जगह, उसके तर्क एवं विवेक को जाग्रत करना पत्रकारिता और पत्रकार का दायित्व है।

इसी उद्देश्य को लेकर ऑल इंडिया संपादक संघ चल रहा है।

करन बौद्ध –
ऑल इंडिया संपादक संघ
Contact – +91 70217 43161

 

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