पक्के पहचान पत्र होने के बावजूद एक्ट अप्रेंटिस को परेशान किया जा रहा है।

अप्रेंटिस एक्ट 1961 की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं- सर्वजीत सिंह

कपूरथला (समाज वीकली) (कौड़ा)- रेल कोच फैक्ट्री निश्चित तौर पर भारत की सर्वोत्तम रेलवे इकाई है, लेकिन यहां पर एक्ट अप्रेंटिस की ट्रेनिंग कर रहे प्रशिक्षकों से कोच उत्पादन का कार्य लेकर उनका शोषण किया जा रहा है वहीं उनके पास पक्के पहचान पत्र होने के बावजूद उन्हें मानसिक परेशान किया जा रहा है।

उपरोक्त मामले में आरसीएफ इंप्लाइज यूनियन के महासचिव का. सर्वजीत सिंह ने कहा कि आरसीएफ प्रशासन अप्रेंटिस एक्ट 1961 की धज्जियां उड़ाते हुए एक्ट अप्रेंटिस का प्रशिक्षण लेते प्रशिक्षकों से उत्पादन का पूर्ण कार्य लेते हैं। तथा अब तो बेशर्मी की हद पार करते हुए आरसीएफ की एंट्री व वर्कशॉप एंट्री गेट पर उन्हें रोककर, लाइन लगवाकर रजिस्टर में एंट्री करवा कर उन्हें जलील व मानसिक परेशान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इन प्रशिक्षुकों के पास पक्के पहचान पत्र होते हैं जो आर सी एफ प्रशासन द्वारा ही जारी किए जाते हैं, जिसके चलते उन्हें एंट्री गेट या वर्कशॉप गेट पर एंट्री डालने की कोई जरूरत नहीं है, और ना ही अब से पहले कभी ऐसा हुआ है। लेकिन पिछले कुछ दिनों से पता नहीं किसके कहने पर एक्ट अप्रेंटिस प्रशिक्षकों को जलील और परेशान करने का काम किया जा रहा है।

सर्वजीत सिंह ने बताया कि यह सरासर निंदनीय कार्य है हम अपने साथियों को ऐसे परेशान और जलील नहीं होने देंगे। इस मामले में हमने पीसीपीओ के द्वारा आई जी आरपीएफ तक बात की है व अगर जल्द इसका निपटारा कर इन नौजवानों को तंग करना बंद नहीं किया तो यूनियन अन्य रणनीति पर विचार करने को मजबूर होगी।

 

 

 

 

 

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