बौद्ध धर्म समानता, स्वतंत्रता और भाईचारे की शिक्षा देता है – बाली
जालंधर (समाज वीकली)- बाबासाहेब डॉ. भीम राव अंबेडकर की चरण छोह धरती अंबेडकर भवन जालंधर में अंबेडकर मिशन सोसाइटी पंजाब (रजि) द्वारा धम्म-चक्र प्रवर्तन दिवस समारोह बड़ी धूमधाम और श्रद्धा के साथ मनाया गया। उसी दिन यानी 14 अक्टूबर 1956 को बाबासाहेब ने बुद्ध धम्म दीक्षा ली और अगले दिन 15 अक्टूबर 1956 को उन्होंने अपने लाखों अनुयायियों को बुद्ध धम्म दीक्षा दी और 22 प्रतिज्ञाएं दीं। भंते डॉ. चंद्रकीर्ति पीएचडी मुख्य अतिथि थे और हरबंस विरदी (यूके) विशिष्ट अतिथि थे। समारोह की शुरुआत बुद्ध की प्रतिमा को नमन और पंचशील ध्वज फहराकर हुई। हरमेश जसल ने बुद्ध वंदना की। भंते डॉ. चंद्रकीर्ति ने बौद्ध धर्म की आवश्यकता और महत्व पर धम्म देशना दी और हरबंस विरदी (यूके) ने देश और विदेश में बौद्ध धर्म के बढ़ते प्रभाव पर प्रकाश डाला। अंबेडकर भवन ट्रस्ट के संस्थापक ट्रस्टी और भीम पत्रिका के संपादक लाहौरी राम बाली ने अपने विचार प्रस्तुत करते हुए कहा कि बुद्ध धम्म करुणा, प्रज्ञा और शील सिखाता है, यह समानता स्वतंत्रता और भाईचारा भी सिखाता है इसलिए लोग इसे स्वीकार कर रहे हैं। डॉ. जीसी कौल, मैडम सुदेश कल्याण, सोहनलाल सांपला जर्मनी और जसविंदर वरियना ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए। कार्यक्रम के दौरान पाल मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल के डॉ. बीसी पाल की समाज प्रति सेवाओं के सम्मान में, अंबेडकर मिशन सोसाइटी ने उन्हें लोई और मोमेंटो भेंट कर सम्मानित किया। सोसायटी के अध्यक्ष सोहन लाल ने अतिथियों का परिचय कराया और दर्शकों सहित उनका स्वागत किया। उपाध्यक्ष डॉ. रविकांत पाल ने सभी का धन्यवाद किया। मंच का संचालन ऐडवोकेट कुलदीप भट्टी और चरण दास संधू ने किया। इस अवसर पर बलदेव राज भारद्वाज, प्रोफेसर बलबीर, परमिंदर सिंह खुटन, पिशोरी लाल संधू, डॉ. महेंद्र संधू, सुजाता सल्लन, हरमेश जसल, धनपत रत्तू (यूके), डॉ. राम लाल जस्सी, डॉ. चरणजीत सिंह, रूप लाल, मलकीत सिंह, राम लाल दास, सोम नाथ भगड़सिया, कृष्ण कल्याण, सोम लाल मल्ल, सूरज बिरडी, कमल कुमार, संत राम सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।
बलदेव राज भारद्वाज
महासचिव, अंबेडकर मिशन सोसाइटी पंजाब (रजि.)