हरियाणा में किसानों का खून बहाने वाली खट्टर सरकार का निषेध

किसान, नहीं सहेंगे अवमानना और हिंसा। दोषियों को देके रहेंगे सख्त सजा

हरियाणा, (समाज वीकली)- हरियाणा के किसान भाई, जो अहिंसक सत्याग्रही बनकर किसानों के मुद्दों पर आंदोलन कर रहे थे, उन पर कर्नाल में मुख्यमंत्री को ऐलान और चुनौती देने के कारण, बेरहमी से हिंसक हमला किया गया| “सर फोडे” यह आदेश देने वाले अधिकारी ‘सरफिरे’ साबित हुए हैं। साथ ही खट्टर सरकार के राज में पहले जैसे ही हिंसा और अवमानना का किसानों को सामना करना पड़ रहा है|

किसान, जो 9 महीनों से कॉर्पोरेटी घुसपैठ का विरोध कर रहे हैं, उनके अन्नदाता के रूप में पीढ़ियों से हुए योगदान को न मानते हुए जो शासक दुःशासक बनते हैं, उन्हें आने वाले समय में किसान मजदूर जरुर ही सबक सिखाएंगे|

पिछले 9 महीनों से आंदोलन में 600 से अधिक किसानों ने जबकि शहादत दी है, तब खट्टर सरकार की इस अत्याचारी हकीकत से किसान न झुकेंगे नहीं डरेंगे। हरियाणा में हुए निषेध कार्यक्रमों से यह जाहीर है।

जन आंदोलनों का राष्ट्रीय समन्वय, नर्मदा बचाओ आंदोलन, जो अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय और संयुक्त किसान मोर्चा, के बैनर तले हरियाणा की खट्टर शासन, हिंसक आदेश देने वाले अधिकारी और पुलिस प्रशासन तथा वहाँ की सत्ताधारी पार्टी की भर्त्सना करते हैं। सभी दोषियों को, इस अमानवीय हमले के लिए दोषी मानकर सजा दिलाना संभव और जरूरी मानते हैं।

हरियाणा के किसानों-मजदूरों के साथ है, हर प्रकार का सहयोग देने के लिए कटिबद्ध हैं और रहेंगे।

मुकेश भगोरिया, कमला यादव, जगदीश पटेल, मेधा पाटकर

Previous articleਭਾਸ਼ਾ ਵਿਭਾਗ ਵੱਲੋਂ ਮਨਮਰਜ਼ੀ ਨਾਲ ਦਿੱਤੇ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਸ਼੍ਰੋਮਣੀ ਪੁਰਸਕਾਰ: ਮਿੱਤਰ ਸੈਨ ਮੀਤ
Next articleCONDITIONS IN INDIA ARE WORSENING