हुसैनपुर (समाज वीकली) (कौड़ा)-1968 के रेल आंदोलन के दौरान वीर कर्मचारियों द्वारा दिये गए बलिदान को याद करते हुए आर.सी.एफ एम्प्लाईज यूनियन, रेल कोच फैक्टरी के प्रधान परमजीत सिंह खालसा , सर्वजीत सिंह, महा सचिव, मंजीत बाजवा, अमरीक सिंह और समस्त कर्मचारियों द्वारा श्रदांजलि अर्पित की गई।
परमजीत सिंह खालसा ने कहा की अपने हकों19 सितंबर 1968 के रेल आंदोलन के दौरान वीर कर्मचारियों द्वारा दिये गए बलिदान को याद करते हुए आरसीएफ एम्प्लाईज यूनियन, रेल कोच फैक्टरी के प्रधान परमजीत सिंह खालसा , सर्वजीत सिंह, महा सचिव, मंजीत बाजवा, अमरीक सिंह और समस्त कर्मचारियों द्वारा श्रदांजलि अर्पित की गई। परमजीत सिंह खालसा ने कहा की अपने हकों और मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ साथियों ने संघर्ष करते हुए अपना बलिदान दिया था। आज उसको याद करने तथा उससे प्रेरणा लेने की जरुरत है।
उन्होंने भारतीय रेल के निजीकरण और आउटसोर्सिंग के खिलाफ एकजुट होकर संघर्ष करने की जरूरत पर अपने विचार रखे। साथी अमरीक सिंह ने किसानों के खिलाफ पास हुए ऑर्डिनेंसों पर बोलते हुए कहा कि सरकारो ने किसानों का शोषण और लूटने के लिए ये ऑर्डिनेंस पास किये हैं। जिससे भारतवर्ष के किसानों और मजदूरों का भविष्य खतरे में है। साथी ने कहा के हमारे देश के युवा बेरोजगारी का दंश झेल रहें हैं। जिस कारण युवा नशे और लूटपाट के दलदल में धंसता जा रहा है।
मीटिंग को संबोधित करते हुए सर्वजीत सिंह और मंजीत बाजवा ने कहा कि भारतीय रेल को बचाने के लिए पूरे भारतवर्ष में नेशनल मूवमेंट टू सेव रेलवे (NMSR) का गठन हो चुका है।जिसके लिए इंडियन रेलवे एम्प्लाइज फेडरेशन ने अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए रेलवे के लगभग सभी अलग अलग संगठनों को एक प्लेटफार्म पर इकट्ठा करने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि रेल कर्मचारियों ने भारतीय रेल को बचाने के लिए कमरकस ली है।
उन्होंने कहा कि सभी संगठनों ने अपने अपने कैडर व कार्य क्षेत्र में संघर्ष को तेज करने के लिए आज देश भर में श्रद्धांजलि समागम किए हैं। नन्ही गुड़िया कनुप्रिया ने कविताओं से सबका मन मोह लिया और कविता के माध्यम से सरकारी तंत्र पर तंज कसा कि किस प्रकार सरकार और नेता किस प्रकार मेहनतकश जमात का शोषण कर रहें हैं। मीटिंग में विशेष रूप से हरविंदर पाल, अमरीक सिंह गिल, शरनजीत सिंह, प्रदीप कुमार, तलविंदर सिंह, रामदास, तरलोचन सिंह, अरविंद कुमार शाह, विनोद कुमार, सुनील कुमार, हरप्रीत सिंह, अवतार सिंह, संजीव कुमार, जतिंदर रवा, मखन सिंह, गुरजिंदर सिंह, बलजिंदर सिंह, बरजिंदर सिंह, संदीप कुमार, ब्रिजेश कुमार, सोनू , जयचंद, सतिन्दर पाल सिंह, चंदरभान व अन्य साथी शामिल हुए।
और मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ साथियों ने संघर्ष करते हुए अपना बलिदान दिया था। आज उसको याद करने तथा उससे प्रेरणा लेने की जरुरत है। उन्होंने भारतीय रेल के निजीकरण और आउटसोर्सिंग के खिलाफ एकजुट होकर संघर्ष करने की जरूरत पर अपने विचार रखे। साथी अमरीक सिंह ने किसानों के खिलाफ पास हुए ऑर्डिनेंसों पर बोलते हुए कहा कि सरकारो ने किसानों का शोषण और लूटने के लिए ये ऑर्डिनेंस पास किये हैं। जिससे भारतवर्ष के किसानों और मजदूरों का भविष्य खतरे में है। साथी ने कहा के हमारे देश के युवा बेरोजगारी का दंश झेल रहें हैं। जिस कारण युवा नशे और लूटपाट के दलदल में धंसता जा रहा है।
मीटिंग को संबोधित करते हुए सर्वजीत सिंह और मंजीत बाजवा ने कहा कि भारतीय रेल को बचाने के लिए पूरे भारतवर्ष में नेशनल मूवमेंट टू सेव रेलवे का गठन हो चुका है।जिसके लिए इंडियन रेलवे एम्प्लाइज फेडरेशन ने अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए रेलवे के लगभग सभी अलग अलग संगठनों को एक प्लेटफार्म पर इकट्ठा करने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि रेल कर्मचारियों ने भारतीय रेल को बचाने के लिए कमरकस ली है। उन्होंने कहा कि सभी संगठनों ने अपने अपने कैडर व कार्य क्षेत्र में संघर्ष को तेज करने के लिए आज देश भर में श्रद्धांजलि समागम किए हैं।
नन्ही गुड़िया कनुप्रिया ने कविताओं से सबका मन मोह लिया और कविता के माध्यम से सरकारी तंत्र पर तंज कसा कि किस प्रकार सरकार और नेता किस प्रकार मेहनतकश जमात का शोषण कर रहें हैं। मीटिंग में विशेष रूप से हरविंदर पाल, अमरीक सिंह गिल, शरनजीत सिंह, प्रदीप कुमार, तलविंदर सिंह, रामदास, तरलोचन सिंह, अरविंद कुमार शाह, विनोद कुमार, सुनील कुमार, हरप्रीत सिंह, अवतार सिंह, संजीव कुमार, जतिंदर रवा, मखन सिंह, गुरजिंदर सिंह, बलजिंदर सिंह, बरजिंदर सिंह, संदीप कुमार, ब्रिजेश कुमार, सोनू , जयचंद, सतिन्दर पाल सिंह, चंदरभान व अन्य साथी शामिल हुए।