जालंधर : आल इंडिया समता सैनिक दल (रजि) पंजाब यूनिट के प्रदेश अध्यक्ष जसविंदर वरियाणा ने एक प्रेस बयान में कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक के पारित होने के साथ ही असम, मणिपुर, त्रिपुरा, मेघालय और अरुणाचल में बंद के साथ साड़ -फूंक की खबरें हैं। कर दिया गया। देशभर में बिल का विरोध हुआ है । इस विधेयक के पारित होने से भय का माहौल बन रहा है जिसके संकेत अच्छे नहीं हैं। बिल के मौजूदा स्वरूप को वापस लेने के लिए हजारों वैज्ञानिकों और विद्वानों ने एक याचिका पर हस्ताक्षर किए हैं। याचिका पर हस्ताक्षर करने वालों में कई प्रतिष्ठित संस्थानों के विद्वान शामिल हैं, जिनमें हार्वर्ड विश्वविद्यालय, मैसाचुसेट्स विश्वविद्यालय, भारतीय व्यावहारिक संस्थान सहित कई प्रतिष्ठित संस्थानों से जुड़े विद्वान हैं।
जसविंदर वरियाणा, प्रदेश अध्यक्ष समता सैनिक दल ने कहा कि देश में अल्पसंख्यकों, दलितों और महिलाओं को निशाना बनाया जा रहा है। देश आर्थिक रूप से पतन की कगार पर है, महंगाई आसमान छू रही है, उद्योग बंद हो रहे हैं, बेरोजगारी के कारण लोग मर रहे हैं। रसायन विज्ञान के नोबेल विजेता और रॉयल सोसाइटी (जिसमें दुनिया भर के प्रमुख वैज्ञानिक शामिल हैं) ने भी नागरिकता संशोधन विधेयक की कड़ी निंदा की है। वरियाणा ने आगे कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आने वाले हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैनियों, पारसियों और ईसाइयों को भारतीय नागरिकता देने की प्रक्रिया को तेज करने का प्रावधान है। यह धर्म के नाम पर है। इसमें मुस्लिम का नाम नहीं है। यह बिल देश की एकता अखंडता के लिए घातक साबित होगा। इस अवसर पर बलदेव राज भारद्वाज, एडवोकेट कुलदीप भट्टी, निर्मल बिन्जी, शुभम गौतम और सनी थापर उपस्थित थे।
जसविंदर वरियाणा, प्रदेश अध्यक्ष
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