गुजरात केंद्रीय विश्वविद्यालय में सामजिक न्याय सप्ताह का आयोजन

गाँधीनगर – गुजरात केंद्रीय विश्वविद्यालय गाँधीनगर में बिरसा आंबेडकर फुले छात्र संगठन (BAPSA-CUG) के द्वारा विश्वविद्यालय में “सामजिक न्याय सप्ताह” का आयोजन किया जा रहा है| यह कार्यक्रम 9 अप्रैल से 15 अप्रैल तक चलेगा जिसमें बहुजन नायकों के सामाजिक न्याय संबधी विचार पर विभिन्न कार्यक्रम की रुपरेखा तैयार की गई है| कार्यक्रम के पहले दिन 9 अप्रैल को मान्यवर कांशीराम साहेब की जीवनी पर बनी फिल्म “द ग्रेट लीडर कांशीराम” का प्रदर्शन किया जाएगा| कार्यक्रम के दुसरे दिन 10 अप्रैल को व्हिसल ब्लोवर थियेटर ग्रुप द्वारा “उर्फ़े आलो” नाटक का आयोजन किया जाएगा जो मुख्य रूप से सफाई कामगारों के दयनीय जीवन पर आधारित हैं| कार्यक्रम में तीसरे दिन गुरुवार 11 अप्रैल को राष्ट्रपिता ज्योतिबा फुले के जन्मदिवस पर दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एन. सुकुमार ज्योतिबा फुले-आंबेडकर और उनके सामाजिक न्याय पर बात करेंगे| वहीं शुक्रवार 12 अप्रैल को सामाजिक न्याय के परिप्रेक्ष्य में महिलाओं और आदिवासियों के सामाजिक न्याय को लेकर एक खुली परिचर्चा का भी आयोजन किया गया है जिसमें गुजरात केंद्रीय विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और छात्र आपस में चर्चा-परिचर्चा करेंगे|

13 अप्रैल शनिवार को बिंदेश्वरी प्रसाद मंडल की जयंती के अवसर पर डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर मराठवाड़ा विश्वविद्यालय औरंगाबाद, महाराष्ट्र के राजश्री शाहू महाराज अनुसंधान केंद्र के निदेशक डॉ. उमेश आर. बागडे होंगे जो ज्योतिबा फुले के शिक्षा वादी सिद्धांत और उसके महत्व पर बात करेंगे साथ ही गुजरात केन्द्रीय विश्वविद्यालय के शोधार्थी आकाश कुमार रावत ओबीसी आरक्षण से संबधित मंडल कमीसन सिफ़ारिश की पुनरवलोकन पर बात करेंगे| कार्यक्रम में 14 अप्रैल रविवार को बाबा साहेब के जन्मदिवस विशेष ‘एक शाम संविधान के नाम’ पर गीत-संगीत तथा छात्रों द्वारा “संविधान बचाओ” नामक एक नाटक का मंचन किया जाएगा| कार्यक्रम के अंतिम दिन 15 अप्रैल को मौलाना असीम बिहारी के जन्म जयंती के उपलक्ष्य में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय दिल्ली के शोधार्थी जुबैर आलम का व्याख्यान रखा गया है जो ‘सामाजिक न्याय और पसमांदा मुस्लिम’ पर बात करेंगे| साथ ही जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के ही अन्य शोधार्थी विश्वंभर नाथ प्रजापति द्वारा “अत्यंत पिछड़ा वर्ग और राज्य सरकार की नीति” पर व्याख्यान देंगे| सभी कार्यक्रम का आयोजन विश्वविद्यालय के सेक्टर-30 कैंपस के मल्टीपरपस हॉल में शाम 5 बजे से रखा गया है|

बिरसा आंबेडकर फुले छात्र संगठन के अध्यक्ष हवलदार भारती ने बताया कि बापसा इस विश्वविद्यालय में 15 नवंबर 2017 को स्थापित हुआ था जो डॉ भीमराव आंबेडकर, शाहूजी महाराज, ज्योतिबाफुले, माता सावित्रीबाई फुले, फ़ातिमा शेख़, पेरियार, गुरु घासीदास, गुरु रविदास और कबीरदास जैसे उन तमाम बहुजन नायकों की विचारधारा पर चलती है और आज उन तमाम सामाजिक न्याय पसंद छात्रों की आवाज बनकर काम कर रही हैं| यह हमारा विश्वविद्यालय में दूसरा बड़ा कार्यक्रम है, पिछले साल भी संगठन ने विश्वविद्यालय में ‘फुले अम्बेडकर सप्ताह’ का आयोजन किया था|

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