जालंधर (समाज वीकली)- ऑल इंडिया समता सैनिक दल (रजि.) के मार्गदर्शक एल. आर. बाली ने उन ताकतों की निंदा की है जिन्होंने दिल्ली सरकार में मंत्री राजिंदर पाल गौतम को इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया। बाली ने कहा कि धर्मांतरण करते समय ली गई 22 प्रतिज्ञाएं बाबासाहेब ने बनाई हैं और उन्होंने 15 अक्टूबर 1956 को नागपुर में लाखों लोगों को बुद्ध धम्म दीक्षा देते हुए दीं थीं। हम अम्बेडकरवादी 22 प्रतिज्ञाओं को दोहराएंगे क्योंकि यह हमारा संवैधानिक अधिकार है। बाली ने कहा कि किसी भी देवता की पूजा न करने का संकल्प लेना कभी भी उनका अपमान नहीं है। इस समय भारत में करोड़ों लोग नास्तिक हैं। शहीद भगत सिंह नास्तिक थे। भारतीय प्राचीन ग्रंथ नास्तिकता से भरे हुए हैं। डॉ अम्बेडकर के अनुसार ‘हिन्दू’ शब्द किसी प्राचीन धर्मशास्त्र में नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा कि हिंदू धर्म कोई धर्म नहीं है, यह एक जीवन पद्धति है। राजिंदर पाल गौतम का विरोध करने वाले लोगों ने हिंदू धर्म का अपमान किया है। 22 प्रतिज्ञाओं के विरुद्ध दुष्प्रचार बंद होना चाहिए क्योंकि ऐसा करना संविधान के अनुच्छेद 13 और अनुच्छेद 51 ए का उल्लंघन है।
एल. आर. बाली
(मार्गदर्शक)
ऑल इंडिया समता सैनिक दल (रजि.)
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