भारतीय रेल यात्रियों की यात्रा को आरामदायक बनाने में विशेष भूमिका निभाई – महाप्रबंधक
हुसैनपुर , 17 अगस्त (कौड़ा)- रेल कोच फैक्टरी,कपूरथला आज अपना 36वां स्थापना दिवस मना रहा है। आज से 35 वर्ष पूर्व 17 अगस्त 1985 को इसका शिलानयास तत्काूलीन प्रधानमंत्री श्री राजीव गॉंधी द्वारा रखा गया था। उस समय पंजाब में आंतकवाद अपनी चरम सीमा पर था और युवा शक्ति को साकारात्मतक दिशा में बढ़ने को प्रेरित करने के लिए इस फैक्ट री की स्थाीपना की गई थी। पंजाब जोकि मुल रूप से कृषि प्रधान प्रदेश है, में रेल कोच फैक्टररी की स्थाटपना से औद्यौगिक क्रांति की शुरूआत हुई थी।
अपने प्रथम प्रभावी अधिकारी श्री जी एस कंग के मार्ग दर्शन में फैक्टरी के 1178 एकड़ क्षेत्र में से 340 एकड़ में वर्कशाप का निर्माण बड़े ही प्रभावी ढंग से शुरू हुआ और 19 सितंबर 1987 को रेल डिब्बोंे का निर्माण कार्य शुरू हुआ। 31 मार्च 1988 को तत्कारलीन गवरनर पंजाब श्री सिद्धार्थ शंकर रे और महाप्रबन्धकक श्री एस एन महन्तम की उपस्थिति में प्रथम रेल डिब्बार तैयार होकर राष्ट्रक को समर्पित किया गया।
पिछले साड़े तीन दशकों ने आर सी एफ कपूरथला को भारतीय रेलवे में परिवर्तन के लिए प्रभावशाली तकनीक के अग्रदूत के रूप में विकसित किया है। इसने भारतीय रेल यात्रियों की यात्रा को आरामदायक बनाने में विशेष भूमिका निभाई है। प्रीमियर डिब्बों की निर्माणकर्ता इकाई होने के कारण आर सी एफ, भारतीय रेलवे में रोलिंग स्टॉाक को अपग्रेड करने में अग्रणी रहा है और इसने बड़ी संख्या में आधुनिक डिब्बेल जैसे ए सी-थ्री टियर, शताब्दी , राजधानी ट्रेनों के डिब्बे तेजस,डबल डैकर डिब्बेे इत्याजदि दिए हैं, जिससे यात्रा आरामदायक बनी।
आर सी एफ कपूरथला को एल एच बी जर्मनी के साथ तकनीक हस्तांडतरण समझौते के तहत करीब दो दशक से विश्व स्त रीय स्टेडनलेस स्टीकल डिब्बों् का निर्माण आरंभ करने का गौरव प्राप्तड है। इन डिब्बों में उच्चथ गति क्षमता, वजन में हल्केस होने के कारण अधिक आरामदायक यात्रा, दिखने में सुंदर , अधिक वहन क्षमता तथा सबसे ऊपर उत्कृेष्टक संरक्षा विशेषताऍं शामिल हैं। इसके अतिरिक्ते आर सी एफ की निर्माण क्षमताओं को अंतराष्ट्रीएय बाजार में भी पहचान मिली है और यह बेहद गर्व की बात है कि आर सी एफ ने विभिन्न एशियाई और अफ्रीकी देशों को डिब्बोंच का निर्यात भी किया है।
आर सी एफ को अधिक विश्व्सनीय , सुरक्षित तथा तीव्र गति वाली एल एच बी डिब्बोंं युक्तो आधुनिक गाडि़यों के निर्माण करने का श्रेय हासिल हैं। जैसे लंबी दूरी की ए सी-थ्री टियर डिब्बोंं वाली ए सी ट्रेन, तीव्र गति “तेजस” जिसमें मनोरंजन, ताजा भोजन और वाई फाई की सुविधा है, उदय डबल डैकर ट्रेन जिसकी व्यस्तक रूट पर वहन करने की क्षमता 40% अधिक है, अंत्योलदय एक लंबी दूरी की पूर्णत : अनारक्षित, सुपरफास्टक ट्रेन, जोकि भीड़ वाले रूट पर आम लोगों के लिए है, और दीन दयालु डिब्बे जिन्हेंप लंबी दूरी की ट्रेन में अनारक्षित यात्रा में वहन क्षमता बढ़ाने के लिए जोड़ा गया है।
आर सी एफ इस प्रकार के डिब्बों का निर्माण करने वाली भारतीय रेल की प्रथम व एकमात्र इकाई है। आर सी एफ द्वारा निर्मित तेजस डिब्बोंर का संचालन अब आई आर टी सी द्वारा भी किया जा रहा है, जो कि रेलवे के लाभ में बढ़ौतरी करने के साथ – साथ यात्रियों को हवाई जहाज जैसे ठाठ का अनुभव भी दे रहा है।
आर सी एफ ने भारतीय रेलवे के लिए पहली बार उच्चा क्षमता वाली एल एच बी पार्सल वैन का निर्माण किया है जो 130 किमी प्रति घंटा की गति पर 24 टन वहन क्षमता रखती है। इसे दिनॉंक 30.01.2020 से सेवा में लगाया गया। यह पार्सल वैन भारतीय रेलवे के लिए यातायात व्यामपार के माध्येम से राजस्वा पैदा करेगी। समस्तव भारतीय रेल में केवल आर सी एफ ही इनका निर्माण कर रही है।
आर सी एफ ने अब तक 37000 रेल डिब्बों का निर्माण किया है। अब आर सी एफ अपने डिब्बोंन की निर्माण क्षमता बढ़ाने को प्रयत्न3शील है। इस जुलाई में आर सी एफ ने 151 एल एच बी डिब्बे बनाये जो की किसी भी रेल इकाई द्वारा सर्वोत्तम उत्पादन है । आर सी एफ द्वारा बनाए गए यात्री डिब्बे अपनी गुणवत्ता के लिए सारे विश्व में प्रख्यात हैं। इसी का परिणाम है कि जनवरी 2020 में आर सी एफ कपूरथला को “आई आर आई एस 3.01 ब्रोंज केटेगरी का सर्टिफिकेशन” प्राप्त हुआ जो दुनिया में आई आर आई एस का सबसे प्रतिष्ठित सर्टिफिकेट है। इसे प्राप्त करने वाली आर सी एफ भारतीय रेल की पहली व एकमात्र उत्पादन इकाई है ।
स्थापना दिवस के मौके पर आर सी एफ के महाप्रबन्ध क श्री रवीन्द्र गुप्ता ने सभी रेल कर्मचारियों और उनके परिवारों को अपनी शुभकामनाऍं भेंट की उन्होनें कहा कि रेल कोच फैक्टरी न सिर्फ उत्पा दन बल्कि गुणवत्तान के क्षेत्र में भी बहुत ख्यानति अर्जित की है । कड़ी मेहनत के बाद अब आर सी एफ ने एक दिन में सात से अधिक एल एच बी कोच बनाने की दर हासिल की है, जो की सभी के लिए गर्व की बात है ।
भंयकर महामारी कोरोना के खिलाफ युद्व में आर सी एफ के कोरोना योद्धाओं ने जिस प्रतिबद्वता से लड़ाई लड़ी है वह निश्चकय ही प्रशंसा के काबिल है। उन्हो नें कहा कि आर सी एफ को इस वर्ष 1916 डिब्बेस बनाने हैं और इस लक्ष्यण की प्राप्ति के लिए समस्त आर सी एफ प्रतिबद्ध है ।आर सी एफ की प्राथमिकता न सिर्फ अपना उत्पादन बढ़ाना है बल्कि काम वज़न वाले उच्च क़्वालिटी के कोचों का निर्माण करना है जिसके डिज़ाइन पर काम आखरी चरण पर है ।