रेल कर्मचारी किसानों के साथ है- सर्वजीत सिंह

तीनों कृषि व देश विरोधी कानून वापिस ले मोदी सरकार – परमजीत सिंह खालसा

हुसैनपुर , ਸਮਾਜ ਵੀਕਲੀ (कौड़ा)- किसानों के समर्थन में केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर तीन कृषि विरोधी कानूनों को रद्द करवाने व एम एस पी पर कानून बनाने के लिए संघर्ष कर रहे अंदाताओ का जोरदार तरीके से समर्थन करते हुए इंडियन रेलवे एम्प्लाईज फेडरेशन से संबंधित आरसीएफ एम्प्लाईज यूनियन द्वारा 26 मई को “ब्लैक-डे (काला दिवस)” ब्लैक झंडे अपने घरों में लगाकर, हाथों पर पट्टी बांध कर व आरसीएफ वर्कशॉप चौक में सरकार के विरोध में नारेबाजी करते हुए मनाया गया।

प्रेस बयान जारी करते हुए प्रेस सचिव अमरीक सिंह ने कहा कि किसान आंदोलन के 6 महीने पूरा होने और केंद्र की मोदी सरकार के 7 साल पूरे होने पर सयुंक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर आरसीएफ एम्प्लाईज यूनियन ने विरोध दिवस का समर्थन किया है। 26 मई का विरोध दिवस सरकार की दमनकारी नीतियों के खिलाफ आवाज तेज करेगा। जहां एक तरफ किसान हर मौसम में हर स्थिति में अपने आप को मजबूत रखते हुए दिल्ली की सीमाओं पर 6 महीनों से संघर्ष कर रहे हैं, उसके विपरीत केंद्र की मोदी सरकार पिछले 7 सालों से किसानों समेत समाज के हर वर्ग का गहरा शोषण कर रही है। 26 मई का दिन देश के तमाम जनवादी संगठन विरोध दिवस के तौर पर मनाएंगे व केंद्र सरकार को एक सीधा संदेश देंगे कि लोकतंत्र में लोक बड़े होते हैं तंत्र नहीं।

आई आर ई एफ व आरसीएफ एम्प्लाईज यूनियन के महामंत्री का. सर्वजीत सिंह ने कहा पिछले 6 महीनों से अपने हक़, इंसाफ की लड़ाई लड़ रहे किसानों को दिल्ली की सरहदों से जबरदस्ती उठाने के लिए केंद्र की बेशर्म मोदी सरकार ने हर एक हतियार चला रही है, लेकिन दृढ़संकल्प के साथ अपने हक़ों की लड़ाई लड़ रहे किसानों व उनके संगठनों को लाख-लाख सलाम है कि इतने जुल्मों-सितम के बावजूद वे वहाँ पर डटे हुए हैं।

सर्वजीत सिंह ने कहा कि उनके इस संघर्ष में वो अकेले नहीं हैं, देशभर के मज़दूर संगठन उनके साथ खड़े हैं व हम रेलवे के कर्मचारी भी हमेशा से उनके साथ थे व साथ रहेंगे, क्योंकि हम भी अपने वजूद की लड़ाई लड़ रहे है व हमारे किसान साथी भी अपने वजूद की लड़ाई लड़ रहे है, इसीलिए आज हमने इंडियन रेलवे एंप्लाइज फेडरेशन के आह्वान पर आरसीएफ इम्प्लाइज यूनियन के नेतृत्व में आरसीएफ के वर्कशाप गेट पर काले बिल्ले लगाकर व काले झंडे लेकर किसानों का समर्थन करते हुए भारत सरकार के विरोध में जबरदस्त नारेबाजी की।

आर सी एफ इम्प्लाइज यूनियन के अध्यक्ष स. परमजीत सिंह खालसा व इंडियन रेलवे एंप्लाइज फेडरेशन के सहायक सचिव भरत राज ने कहा कि केन्द्र में सत्ता में बैठी मोदी सरकार इतनी बेशर्म है कि उनके आकाओं (कारपोरेट घरानों) के ऊपर कोई छींक मारे तो वह फटाफट आंसू बहाने लगते हैं लेकिन पिछले 6 महीनों से दिल्ली की सरहदों पर पर बैठे किसानों में से लगभग 500 किसान शहीदी प्राप्त कर चुके हैं जिनके ऊपर मौन धारण कर अपनी बेशर्मी जाहिर कर चुकी है।

उन्होंने कहा कि बड़ी बड़ी चुनावी रैलियां कर देश भर में करोड़ों फैला चुकी मोदी सरकार जब कोविंद का वैक्सीन लगाते हैं तो अपना सर्टिफिकेट फोटो के साथ जारी करते हैं तो कारोना के कारण होने वाली मौतों के डेथ सर्टिफिकेट पर भी अपनी फोटो लगाकर देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को तीनों कृषि विरोधी कानून वापस करने पड़ेंगे अगर वो अपने कानूनों पर इतनी बेशर्मी के साथ ढीठ बनकर बैठी है तो हम भी पूरे दृढ़ संकल्प के साथ किसानों के साथ हैं।

इस में विशेष रूप में बचित्तर सिंह, नरिंदर कुमार, शरणजीत सिंह, प्रदीप सिंह, दलजीत सिंह थिंद, जसपाल सेखो, धरमिंदर सिंह, बाबा अजायब सिंह, अश्विनी कुमार, अनिल कुमार, निर्मल सिंह, संदीप कुमार, राजिंदर कुमार, सुरिंदर कुमार, सुखविंदर सिंह, राम दास, धर्मपाल, चन्दर भान आदि शामिल हुए।

 

 

 

 

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