भीमा कोरेगांव केस में फंसाये सुधा भारद्वाज और अन्य साथियों को रिहा करो!

सुधा भारद्वाज

हैकिंग के दावों की समयबद्ध स्वतंत्र जांच हो!

सुधा भारद्वाज के मित्रों और परिवार के सदस्यों की मांग

 

(Samajweekly) अमेरिकी साइबर फोरेंसिक फर्मआर्सेनल कंसल्टिंग ने एक दूसरी रिपोर्ट जारी की है। जिसमें बाहरी मैलवेयर के उपयोग के माध्यम से रोना विल्सन (मामले में सह-अभियुक्त) कंप्यूटर में  “बरामद दस्तावेजों” के रोपण की पुष्टि की गई है।

गंभीर बात है कि सुधा भारद्वाज के खिलाफ अभियोजन पक्ष द्वारा भरोसा किए गए भ्रामक दस्तावेजों में से एक रोना विल्सन के कंप्यूटर पर पाया गया था। आर्सेनल कंसल्टिंग ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि यह दस्तावेज बाहर से स्थापित किया गया था।

यह रिपोर्ट  इस बात की पुनः पुष्टि करती है जो सुधा भारद्वाज के परिवार और दोस्त  28 अगस्त 2018 को सुधा भारद्वाज के घर में पहली बार छापा डाले जाने के बाद से लगातार और स्वतंत्र रूप से कह रहे हैं कि वह निर्दोष है और गढ़े हुए सबूतों के आधार पर लगभग तीन वर्षों से उसे कैद में रखा गया है।

इस साल फरवरी में अपनी पहली अंतरिम रिपोर्ट में मैसाचुसेट्स स्थित कंसल्टिंग फर्म ने भीमा कोरेगांव के एक आरोपी रोना विल्सन के लैपटॉप में परिष्कृत हैकर द्वारा 10 अक्षरों के “डिपॉजिट” की पुष्टि की थी।

 27 मार्च की दूसरी रिपोर्ट में रोना विल्सन के कंप्यूटर में बहुत तरीके से नेटवायर मैलवेयर का उपयोग करके उसी अज्ञात हैकर द्वारा बाहर से 22 दस्तावेजों के “रखे” की पुष्टि की है।

आर्सेनल रिपोर्ट की जांच करने वाली एक विस्तृत खबर को “द वाशिंगटन पोस्ट” ने अमेरिका में और

आर्टिकल 14″ भारत में छापा गया।

रोना विल्सन के उपकरण की जांच करते समयआर्सेनल कंसल्टिंग ने न केवल अपनी रिपोर्ट में दावा किया कि विल्सन का कंप्यूटर “22 महीनों से अधिक के लिए कम्प्रोमाइसड” था,

लेकिन भीम कोरेगांव मामले से जुड़े कई अन्य लोगों के उपकरणों के साथ छेड़छाड़ में एक ही हमलावर चार साल की निरंतर अवधि के लिए जिम्मेदार था।

इसमें कनाडाई समूहसिटीजन लैब और एमनेस्टी इंटरनेशनल द्वारा की गई 2019 और 2020 की जांच का संदर्भ हैजिसमें पाया गया था कि इस मामले में अभियुक्तों के वकीलों और सहयोगियों के कई उपकरण दुर्भावनापूर्ण मैलवेयर पेगासस के लक्ष्य थेऔर नेटवेयर मालवेयर ले जाने वाले ईमेल भी।

ऐसा दावा बेहद गंभीर है और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा करीबी परीक्षा / जांच की मांग करता हैजो फिलहाल मामले की जांच कर रहा है। एक जांच एजेंसी के रूप मेंएनआईए को आर्सेनल कंसल्टिंग द्वारा इस रिपोर्ट का स्वागत करना चाहिए था। और इसमें किए गए दावों को स्थापित करने या अस्वीकार करने के लिए तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।

इस रिपोर्ट की आगे जांच करने से इनकार करना बहुत परेशान करनेवाला और नागरिकता के लिए भयावह हैक्योंकि यह राज्य के इरादे पर गंभीर सवाल उठाता है। जबकि रिपोर्ट में परिष्कृत साइबर हमलों से संबंधित इतने व्यापक और परेशान करने वाले ऑपरेशन की जानबूझकर अनदेखी का दावा तक शामिल हैं।

यह रिपोर्ट महाराष्ट्र जेलों में बंद कोविद –19 मामलों की एक घातक दूसरी लहर के समय आई है। हाल की रिपोर्टों से पता चलता है कि बॉम्बे में बाइकुला महिला जेल की 40 कैदियों को कोविद सकारात्मक पाया गया है। जिनमें कबीर कला मंच की सांस्कृतिक कार्यकर्ता ज्योति जगताप भी शामिल हैं। जो भीमा कोरेगांव मामले में कैद 16 कार्यकर्ताओं में से एक हैं।

ट्रम्पड आरोपों के लिए सुधा और अन्य आरोपी व्यक्तियों को ऐसे दस्तावेजों के आधार पर बंदी रखना सबसे अमानवीय हैजिसका स्पष्ट मूल्य गंभीर संदेह में है।

सुधा भारद्वाज लगभग 60 वर्ष की हैं और उच्च रक्तचाप और मधुमेह की सह-रुग्णताओं से ग्रस्त हैंजिससे उन्हें कोविद के गंभीर संक्रमणों का खतरा है।

इसके बावजूदपिछले साल मेडिकल आधार पर उनकी जमानत अर्जी खारिज कर दी गई थी। उसका निरंतर कारावास एक क्रूर अपराध है।

सुधा भारद्वाज के परिवार और दोस्तों के रूप मेंहम राज्य द्वारा कार्यकारी शक्ति के कठोर दुरुपयोग का खंडन करते हैं। जोकि उनको गढ़े हुए दस्तावेजों के आधार पर कैद करती हैं।

हम आर्सेनल कंसल्टिंगअंतरराष्ट्रीय ख्याति के एक फर्म की रिपोर्ट में किए गए दावों कि एक स्वतंत्रउच्चशक्ति वाली तकनीकी समिति द्वारा तत्काल जांच पड़ताल की मांग करते हैंमामले की समयबद्ध उचित जांच हो।

जब तक इस तरह की एक स्वतंत्र परीक्षा पूरी नहीं हो जातीतब तक इन अभियुक्तों कोउनकी उम्र को देखते हुए और बढ़ते कोविद-19 वायरस के कारण छोड़ दिया जाना चाहिएजिससे उनके कीमती जीवन की रक्षा की जा सके।

दिनांक: 24–04–2020

कलादास देहरियाकविता श्रीवास्तव और विमल भाई

की ओर से : सुधा भारद्वाज के परिवार और मित्र ।

Phones: 9718479517, 8435549641

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