– विद्या भूषण रावत
(समाज वीकली) – कल बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर प्रेरणा केंद्र में ६० से अधिक महिलाओ को मच्छरदानी दी गयी. अभी तक १५० लोगो को प्रेरणा केंद्र की और से ये दी गयी है क्योंकि इस क्षेत्र में गर्मी और बरसात में मच्छरों का बहुत प्रकोप होता है और बुजुर्ग और बच्चे इसका पहला शिकार होते है. लॉक डाउन के कारण केंद्र में बहुत लोगो को नहीं बुलाया जा सकता था पर जिले की एक अधिकारी यहाँ लोगो को वितरण करने के लिए पहुँची. इस अवसर पर केंद्र में लोगो ने वैशाख पूर्णिमा भी मनाई और लोगो को खीर पूरी भी खाने को दी गयी. प्रेरणा केंद्र ने इस क्षेत्र में मुशहर और अन्य समुदायों के बीच में एक नयी मानववादी संस्कृति विकसित करने का प्रयास किया है और हर साल यहाँ पर बाबा साहेब आंबेडकर की जयंती, ज्योति बा फुले, सावित्री माई फुले, बुद्ध पूर्णिमा, अंतराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस, अंतराष्ट्रीय महिला दिवस भी मनाये जाते है. प्रेरणा केंद्र बुद्ध की महापरिनिर्वाण क्षेत्र कुशीनगर से मात्र ३० किलोमीटर की दूरी पर है और खनुआ नदी के तट पर मालवाबर गाँव में बसा है.
प्रेरणा केंद्र की स्थापना २००९ में हुई और यह सोशल डिवेलपमेंट फाउंडेशन द्वारा संचालित है. २००७ में हासिये में रह रहे दलित समुदायों के भूमि के प्रश्नो को लेकर हमने करीब ४५० किलोमीटर लम्बी एक पदयात्रा की जो नेपाल सीमा स्थित जिले महराजगंज से शुरू हुई और २२ दिन बाद उसका समापन ऐतहासिक स्थल चौरी चौरा में हुआ. इस यात्रा के दौरान ही हमें मलावबर मुशहर बस्ती से गुजरने के अवसर मिला था और उसके बाद से ही इस गाँव के साथ मेरा रिश्ता जुड़ गया. ८ जून २००७ को जब इस यात्रा में इस गाँव में पहुंचे थे तो ८० परिवारों वाले टोले में अधिकांश के सर पर छत नहीं थी, गाँव में पूरे लोग भूमिहीन थे और जो घर थे वो घास फूस और छप्पर के बने थे. आज १० वर्षो में इस गाँव में काया कल्प हुआ है और अब गाँव में न केवल सोलर पैनल है अपितु १५० परिवारों वाले टोले में सभी के पास पक्के घर हैं. गाँव में सड़के पक्की है और एक सामुदायिक केंद्र और एक आंगनवाड़ी भवन है. अब अधिकारी लोग गाँव में आते है और लोगो की बात सुनते है. प्रेरणा केंद्र के यहाँ पर होने से गाँव के लोगो में एक आत्मविश्वास जगा है और अपने अधिकारों के प्रति जागरूकता भी आयी है.
उत्तर प्रदेश के देवरिया जनपद के पथरदेवा ब्लोक के मलवाबर मुशहर बस्ती मे स्थित प्रेरणा केंद्र ने इस इलाके के लगभग 10 गांवो के पांच सौ से अधिक अति निर्धन परिवारो को कोरोना की इस भीषण आपदा मे सरकारी अनुदान पहुचाने मे अपना सह्योग दिया है. आज मुशहर, चमार, मल्लाह, निषाद, तुरहा, कलंदर आदि समुदायो के लोगो को मदद पहुंचाने मे प्रेरणा केंद्र ने बहुत बडी भूमिका निभाई है. प्रधानमंत्री के जनता कर्फ्यू के सम्बोधन के बाद से ही केंद्र के लोगो ने मलवाबर गांव मे लोगो को कोरोना के बारे मे आगाह कराया और उन्हे सोशल डिस्टेंसिंग और साफ सफाई, मुह पर साफा या मास्क ओढने के बारे मे जागरुक किया.
जैसे ही सरकार ने लाक डाउन घोषित किया प्रेरणा केंद्र के सदस्यो ने विभिन्न गावो के लोगो को उस विषय मे जानकारी दी और नियम कानूनो का पालन करने की बात कही. देश के विभिन्न इलाको से जब लोग वापस लौट रहे थे तो उनके लिये क्वारेंटाइन की जगह पर सुविधाओ मे कोई कमी न हो, इसके लिये केंद्र की प्रभारी सुश्री संगीता कुशवाहा ने मलवबार पंचायत भवन का दौरा किया और साधनो की कमी के विषय मे जानकारी दी.
मलवाबर मुशहर बस्ती के लोग परेशान थे क्योंकि सभी को समस्या थी. गांव के कई लोगो के कार्द नही बने थे और इसके लिये उन्होने प्रेरणा केंद्र मे ही अधिकारियो को बुला लोगो की जानकारी दी. मलवाबर, बनरही और आस पास के अन्य गांवो मे प्रेरणा केंद्र मे जरुरत मंदो की मदद के लिये उन्हे राशन उपलब्ध करवाया. देवारिया जनपद के ए डी एम श्री राकेश कुमार पटेल ने इस विषय मे भरपूर सह्योग दिया ताके कोई भी व्यक्ति भूखा ना रहे. इसके लिये केंद्र ने अलग अलग प्रकार से लोगो को चिन्हित किया. मलवाबर गांव मे मुशहर समाज के लोगो को सहायता प्रदान की गयी लेकिन ऐसा नही था के दूस्ररे समाज के लोगो को छोड दिया गया. केंद्र ने आस पास के दस गांवो की विधवा महिलाओ, विक्लाग व्यक्तियो, बुजुर्गो को भी चिन्हित किया और उन्हे मदद पहुचाई. इसके अतिरिक्त निषाद, चमार, बांसफ़ोर, तुरहा आदि समाजो के भी अति निर्धन लोगो को चिन्हित कर सहयता प्रदान की गयी.
प्रेरणा केंद्र ने हमेशा ही लोगो के अधिकारो के लिये अपनी आवाज उठाई है लेकिन आपदा के समय उसने लोगो के सह्योग के लिये हमेशा कोशिश की है और इस समय भी प्रशासन के साथ पूरा सह्योग कर रहा है. देवरिया जनपद के प्रशासन की भूमिका प्रशंसनीय है क्योंकि उनके सह्योग से पिछ्ले कुछ् वर्षो मे हाशिये के समुदाय विशेषकर मुशहरो मे बहुत कार्य हुआ है और क्षेत्र मे स्थिति बहुत अच्छी है. केंद्र की प्रभारी संगीता कुशवाहा ने दिन रात एक कर गांव गांव मे लोगो की समस्याओ को प्रशासन तक पहुचाया और उनका समाधान करवाने की कोशिश की.
हमारे देश में कानूनों की कमी नहीं है। जरुरत है उनके ईमानदार पालन की और उसके लिए ऐसे अधिकारियों की जरुरत है जो दलित बहुजन समाज के हितों के प्रति संवेदनशील हों. ऐसे ही सामजिक क्षेत्र में काम कर रहे लोगो के अंदर भी हाशिये के लोगो के प्रति संवेदना होना आवश्यक है और केवल उनके नाम पर नेतृत्व करने से समस्याओ का समाधान नहीं होना. आवश्यक है के दलित पिछडे समाज की महिलाओ को नेतत्व में भागीदारी मिले और उनको लगातार वैचारिक और व्यवहारिक तौर पर मज़बूत किया जाए. ऐसा अवसर दिए बिना संभव नहीं है.
संगीता जी ने ए डी एम प्रशासन श्री राकेश कुमार पटेल के निर्देश पर जिले के एक अधिकारी के साथ मिलकर सुंदरपुर, आनंद नगर, तिरुमासावन और मलवाबर गांव मे 250 परिवारो को खाद्य सामग्री वितरित की. उनका कह्ना है के शीघ्र ही उदयपुरा और अन्य गांवो मे भी वितरण की व्यवस्था होगी. उन्होने कहा के ये कठिन समय है लेकिन ह्म सब एक जुट रह कर और ईमानदारी से अधिकारियो के आदेशो का पालन कर ही इस महामारी पर विजय प्राप्त कर सकते है. प्रेरणा केंद्र ने उम्मीदों के अनुसार काम किया है लेकिन आगे और भी लम्बी लड़ाई है और आशा है सबके सहयोग से हम समाज के वंचित समुदायों को न्याय दिला पाने में सफल होंगे.