रेल कर्मचारीयों ने की विशाल गेट रैली
हुसैनपुर (समाज वीकली) (कौड़ा)- नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्शन एनजीए केंद्रीय कर्मचारियों का संयुक्त मंच के कन्वीनर कामरेड शिव गोपाल मिश्रा द्वारा सभी घटकों के आह्वान पर बजट की घोषणा के दिन फरवरी 2021 को एनजीसी में शामिल सभी केंद्रीय कर्मचारियों के संगठन संयुक्त रूप से एक मंच के साथ देश भर में सभी केंद्रीय संस्थानों मुख्यालय शाखा और कार्यालयों पर अटेंशन डे ध्यान आकर्षण दिन मना कर सरकार द्वारा निगमीकरण निजीकरण और डीए फ्रिज आउटसोर्सिंग नाइट ड्यूटी एलाउंस कॉविड के दौरान अनुपस्थिति के साथ 13 सूत्रीय केंद्रीय कर्मचारियों की मांगे ना मानने का जोरदार विरोध करें
केंद्रीय श्रमिक संगठनों के आह्वान पर श्रम कानूनों में सिरे से बदलाव देश के बड़े बड़े उद्योगों को कौड़ी के भाव बेचना श्रम- कानून उद्योगपतियों के हितों के लिए बनाना/ निगमीकरण/ निजीकरण के खिलाफ ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के आह्वान पर आर सी एफ मेंस यूनियन ने दिनांक 1.02. 2021 को सुबह 7:00 से 7:50 तक फैक्ट्री गेट के भीम राव अंबेडकर चौक पर समाजिक दूरी को पूरी तरह अपनाते हुए एक विशाल गेट रैली का आयोजन किया ।
अपने हक के लिए जारी संघर्ष में गेट रैली को संबोधित करते हुए यूनियन के प्रधान राजवीर शर्मा एवं यूनियन के महासचिव जसवंत सिंह सैनी की अगुवाई में कर्मचारी विरोधी नीतियों के कारण भारत सरकार, रेल मंत्रालय ,वित्त मंत्रालय, के विरुद्ध नारेबाजी की गई। रैली को संबोधित करते हुए यूनियन के प्रधान राजवीर शर्मा ने वह वर्किंग प्रेसिडेंट श्री हरि दत्त शर्मा ने कहा कि कोविड-19 जैसी आपदा को अवसर में बदलते हुए वर्तमान केंद्रीय सरकार कर्मचारियों के विरुद्ध मनमर्जी से फैसले लिए जा रहे हैं जो बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे भारत सरकार द्वारा श्रम संगठनों के प्रबल विरोध के बावजूद संसद द्वारा चार लेबर कोड पारित किए जाने का डटकर विरोध किया उन्होंने भारत सरकार एवं रेलवे मंत्रालय से केंद्रीय कर्मचारियों के फ्रिज किए गए महंगाई भत्ते को तुरंत रिलीज करने की मांग की ।
गेट रैली को संबोधित करते हुए यूनियन के महासचिव श्री जसवंत सिंह सैनी ने कहा कि भारत सरकार की मजदूर विरोधी नीतियां के कारण आज कर्मचारियों का भविष्य दांव पर लग गया है क्योंकि केंद्र सरकार आज सभी केंद्रीय उद्योग जिसमें रेलवे ,बैंकिंग , एयरलाइन इत्यादि भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने वाली इकाइयों को कारपोरेट घरानों के हाथों औने पौने दामों में बेचने की घिनौनी साजिश रच रही है जिसके कारण धीरे-धीरे करके सभी केंद्र के उपक्रमों को बेचा जा रहा है । उन्होंने कहा कि न्यू पेंशन स्कीम को खत्म करके गारंटीड पेंशन स्कीम को लागू करना चाहिए वह एफ आर 56 का दुरुपयोग कर सरकारी कर्मचारी को प्रताड़ित करके एआईआरएफ के विरोध के बावजूद निजी करण और निगमीकरण की नीति को जोर-शोर से लागू करने का विरोध किया इतना ही नहीं अब तो केंद्र सरकार की नजर भारतीय किसानों की जमीनों के ऊपर भी है ।
जिसके परिणाम स्वरूप वर्तमान केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए काले कृषि कानूनों को जबरदस्ती किसानों के ऊपर थोपा जा रहा है जिससे केवल किसान ही नहीं बल्कि आम जनमानस, मज़दूर, गरीब वर्ग बुरी तरीके से प्रभावित होंगे। उन्होंने कहा कि आज आवश्यकता है कि सभी प्रकार के कर्मचारी, मजदूर वर्ग ,किसान एवं बेरोजगार युवा वर्तमान सरकार की मजदूर मारू नीतियों का विरोध करने के लिए एकजुट हो जाएं।*
*उन्होंने बताया की भारत सरकार के मंसूबे कर्मचारियों के प्रति कितने खराब है जैसे कर्मचारियों के काम करने के घंटे 8 से बढ़ाकर 12 घंटे करने की साजिश रचने की योजना हो रही है जिसको कदापि बर्दाश्त नहीं किया जाएगा कहा कि आज सभी कर्मचारियों को एवं मजदूर वर्ग, किसान , बेरोजगार युवा जो पूरी तरह से भारतीय नीतियों से त्रस्त है उनको एक प्लेटफार्म पर इकट्ठे होकर अपनी एकता का प्रदर्शन करके सोई हुई भारत सरकार को जगाना होगा व यह बताना होगा कि कर्मचारियों ,मजदूरों, किसानों, बेरोजगारों के विरुद्ध आपके द्वारा लिए गए फैसले कभी भी फलीभूत नहीं होने दिए जाएंगे*
*अंत में रैली में शामिल सभी कर्मठ आरसीएफ कर्मचारियों का हार्दिक आभार एवं अभिनंदन व्यक्त किया*
*इस मौके पर भारी संख्या में लोग ने डट कर नारेबाजी की जिन में प्रमुख रूप से उपस्थित यूनियन के राजेंद्र सिंह जोनल सेक्ट्री, सतनाम सिंह, कमलजीत सिंह, अरविंद कुमार, जसविंदर सिंह सिंह ,ऋषि पाल सुखदीप सिंह बाजवा, इंद्रजीत रुपवाली, राजेश नैयर करमजीत सिंह व युवा नेता नरेश कुमार, आशुतोष कुमार,रविंद्र कुमार ,इंदरजीत सिंह , राजेंद्र कुमार प्रमुख रूप से उपसिथत थे।