हुसैनपुर , 18 जुलाई (कौड़ा) (समाज वीकली) -राष्ट्रीय कृषि औरग्रामीण विकास बैंक ने अपने39 वां स्थापना दिवस के अवसर पर कपूरथला जिले में विभिन्न परियोजनाओं को मंजूरी दी। राकेश वर्मा, जिला विकास अधिकारी, नाबार्ड कपूरथला ने इस अवसर कि नाबार्ड ने ग्रामीण विकास के अपने जनादेश को आगे बढ़ाने के लिए जिले में तीन परियोजनाओं को मंजूरी दी है।
इन परियोजनाओंके अंतर्गत “ग्रामीण महिलाओं को कटाई और सिलाई का प्रशिक्षण कार्यक्रम” की मंजूरी तलवंडी चौधरियन सहकारी समिति को दी गईं, “पीएयू में किसानों का प्रशिक्षण-कम-एक्सपोज़र प्रोग्राम” फेडरेशन ऑफ एफपीओ को और “जैविक खेती के प्रसार के लिए कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम” की मंजूरी सार्डस नमक संस्था को दी गई। नाबार्ड कपूरथला द्वारा डिजिटल मोड के माध्यम से इनएजेंसियों को मंजूरी पत्र का विवरण समझाया गया।
राकेश वर्मा ने बताया कि प्राथमिक कृषि सहकारी समितियाँ जमीनी स्तर पर ऋण वितरण प्रणाली की रीढ़ हैं और वे किसानों व उनके परिवारों के उत्थान के लिए काम कर रही हैं। ग्रामीण महिलाओं को स्थायी आय प्रदान करने के साथ-साथ उन्हें स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से नाबार्ड ने तलवंडी चौधरियांकोआपरेटिव सोसाइटी को कटाई और सिलाई का प्रशिक्षण कार्यक्रम स्वीकृत किया गया है। प्रशिक्षण के बाद महिलाएं घर से या बाजार में बुटीक खोलकर अपनी सिलाई की दुकानें शुरू कर सकेंगी।
आगे किसानोको बाजार में लाने और उनकी सोच बदलने के लिए, नाबार्ड ने फेडरेशन ऑफ एफपीओ को 5 दिनों के प्रशिक्षण कार्यक्रम को मंजूरी दी है। किसानों को कृषि विपणन उद्योग के विशेषज्ञों और पीएयू के वैज्ञानिकों द्वारा प्रशिक्षण दिया जाएगा। कोविड -19 को ध्यान में रखते हुए किसानो को फार्म प्रोडूस की गुणवत्ता, ग्रेडिंग, पैकिंग, भुगतान के लिए ऐप का उपयोग आदि नवीनतम तकनीकों को अपनाने के लिए सिखलाई दी जाएगी।
पैकिंग के साथ हाइजीनिक स्थिति में उपभोक्ता के घर पर खेत की ताजा उपज के वितरण पर विशेष जोर दिया जाएगा। इस प्रशिक्षण में किसान को बिचौलियों के बिना सीधे रिटेल या थोक में आउटलेट स्थापित करने के लिए उत्साहित किया जाएगा । यह प्रशिक्षण उन्हें अन्य राज्यों और अन्य जिला एफपीओ कोअपनी उपज बेचनेऔर उनके माध्यम से जिला कपूरथला के लिए उनकीविशेषउपज खरीदनेमें मदद करेगा।
ग्रामीण विकास और किसानों के उत्थान के एजेंडे को आगे रखते हुए, नाबार्ड ने जैविक खेती के प्रसार के लिए एक और क्षमता निर्माण कार्यक्रम को मंजूरी दी जिसमे जीव अमृत, बीज अमृत, संजीवक आदि बनाने का प्रशिक्षण दिया जायेगा। यह कार्यक्रम जिले के सुल्तानपुर लोधी ब्लॉक के 20 गांवों के किसानों के लिए शुरू किया जाएगा।
इस परियोजना के तहत किसानों को जैविक खेती अपनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा । राकेश वर्मा ने आगे बताया कि ये परियोजनाएं कोविड-19 दिशानिर्देशों को ध्यान में रखते हुए शुरू होंगे, हालांकिएजेंसियों को इन परियोजनाओं के तहत आवश्यक बेसवर्क पूरा करने के लिए स्वीकृतिपत्र डिजिटल मोड का माध्यम से प्रदान किए गए हैं ।इस अवसर परअनुज सूद, अध्यक्ष एफएफपीओ, गुरशरण सिंह, अध्यक्ष, सार्ड्सऔर निर्मलजीत सिंह, सचिव डिजिटल मोड के माध्यम सेजुड़े थे।