धम्मचक्र परिवर्तन दिवस धूम-धाम से मनाया गया

 

 

 

 

 

 जालंधर : अंबेडकर  मिशन सोसाइटी पंजाब (रजि ) ने 14 अक्टूबर, 2019 को अंबेडकर भवन ट्रस्ट और ऑल इंडिया समता सैनिक दल के सहयोग से धम्मचक्र परिवर्तन दिवस बड़ी धूम-धाम के साथ मनाया। आयोजन की शुरुआत पंचशील के ध्वजारोहण से हुई। जसविंदर वारियाना ने त्रिशरण और पंचशील ग्रहण कराया। बलदेव राज भारद्वाज और सोहन लाल डीपीआई कॉलेजों (सेवानिवृत्त) ने  डॉ. भिक्षु स्वरूपानंद और प्रोफेसर तारा राम जी के बारे में दर्शकों को अवगत कराया।  डॉ. भिक्षु स्वरूपानंद लखनऊ (उत्तर प्रदेश) से मुख्या  अतिथि के रूप में शामिल हुए। उन्होंने अपने प्रवचन में पंचशील के अर्थ पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि बुद्ध का धम्म ही  मानवता का भला कर सकता है और इसलिए बुद्ध के धम्म के मार्ग पर चलना चाहिए। मुख्य वक्ता प्रो. तारा राम ने अपने संबोधन में कहा कि बाबा साहब डाॅ. अंबेडकर ने 1935 में घोषणा की कि “मैं हिंदू धर्म में पैदा हुआ, यह मेरे नियंत्रण में नहीं था लेकिन मैं हिंदू धर्म में मरूंगा नहीं।” परिणामस्वरूप, उन्होंने स्वयं 14 अक्टूबर, 1956 को नागपुर में बुद्धधम्म दीक्षा ली  और अपने लाखों अनुयायियों को बुद्धधम्म दीक्षा दी । बाबासाहेब ने बुद्धधम्म दीक्षा लेकर कहा, “मैं फिर से पैदा हुआ हूँ और मैं नरक से बाहर हो गया हूँ।”

प्रो.तारा  राम ने कहा कि बाबा साहिब डाॅ. अंबेडकर के भारत को बुधमयी बनाने के सपने को साकार करना चाहिए। प्रसिद्ध अम्बेडकरी  और भीम  पत्रिका के संपादक, लाहोरी राम बाली के अपने संबोधन में कहा कि  बुद्धधम्म  एक वैज्ञानिक धर्म है जो किसी भी अंधविश्वास को स्वीकार नहीं करता है। अपने भाषण में, बाली ने यह भी कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत ने दुनिया को युद्ध  नहीं, बुद्ध दिया है लेकिन भारत में मोदी के शासन में महिलाओं को जिंदा जलाया जा रहा है,  उनकी इज्जत लूटी  जा रही  है, अल्पसंख्यकों, दलितों पर अत्याचार किये  जा रहे हैं। बुद्धधम्म  की विचारधारा को अपनाकर ही इस सभी उत्पीड़न को दूर किया जा सकता है। अपने भाषण के अंत में बाली जी ने  इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए सभी को धन्यवाद भी दिया। सोसाइटी कि ओर से दर्शन बोधि कोअंबेडकर मिशन में उनके योगदान के लिए मरणोपरांत  सम्मानित किया गया और यह सम्मान  उनकी पत्नी, श्रीमती  सुरिंदर कौर को दिया गया।

स्कूलों और कॉलेजों के छात्रों के पेंटिंग, कविता / गीत और भाषण प्रतियोगिताएं आयोजित किए गए। इन प्रतियोगिताओं में पूर्ण इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल सिद्धार्थ नगर, गुरु रविदास पब्लिक स्कूल हदिआबाद  फगवाड़ा, डॉ. बी आर मेमोरियल स्कूल बुलंदपुर, सतगुरु रविदास पब्लिक स्कूल जैतेवाली, गवर्नमेंट गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल, आबादपुरा शामिल हैं। बोधिसत्व डॉ.बी आर अम्बेडकर मेमोरियल पब्लिक स्कूल, फूलपुर,  डॉ. बी आर अंबेडकर  मेमोरियल स्कूल, नवांशहर, और डॉ. बी आर अंबेडकर पब्लिक स्कूल सूंढ़ ने भाग लिया। मास्टर चमन दास संपाला और एडवोकेट परमिंदर सिंह पेंटिंग विभाग  के प्रभारी थे। मैडम रजनी माही, राज कुमार,  परमदास हीर, जगतार वरियानवी , दलजीत हंस, जीवन सहोता, इंजीनियर जसवंत राय और एडवोकेट हरभजन सांपला ने जजों की भूमिका निभाई। विजेता छात्रों को सम्मानित किया गया। प्रतियोगिता में भाग लेने वाले छात्रों को भागीदारी प्रमाण पत्र भी दिए गए।

आयोजन की अध्यक्षता मैडम सुदेश कल्याण ने की और मंच का संचालन एडवोकेट कुलदीप भट्टी और चरण दास संधू ने  बखूबी किया। अंबेडकर भवन ट्रस्ट के अध्यक्ष आर सी संगर, डॉ. जीसी कौल, डॉ. राम लाल जस्सी, वरिंदर कुमार, तिलक राज, रमेश चंद्र गरुड़ , राम लाल दास, चैन कुमार होशियारपुर, डॉ. बलबिंदर कुमार, धनपत  रत्तू , बलवंत कटारिया यूके, डॉ. रविकांत पाल, डी पी भगत, एम एल डोगरा, रूप लाल, बी सी गिल, मलकीत सिंह, सत पाल सुमन, दिलबाग सिंह नवांशहर और चमन लाल  विशेष तौर पर समागम में हाजर हुए ।

  – वरिंदर कुमार, जनरल सेक्रेटरी

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