जालंधर : अम्बेडकर भवन ट्रस्ट (रजि.) द्वारा एक बैठक के दौरान देश की वर्तमान परिस्थितियों पर चर्चा की गई। नागरिकता संशोधन विधेयक राष्ट्रपति की मंजूरी के साथ लोकसभा और राज्यसभा के पारित होने के बाद पूरे भारत में अशांति और भय का माहौल बन गया है। नागरिकता संशोधन विधेयक में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आने वाले हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैनियों, पारसियों और ईसाइयों को भारतीय नागरिकता देने की प्रक्रिया को तेज करने का प्रावधान है। इसमें मुसलामानों का नाम नहीं है। यह विधेयक धर्म पर आधारित है। ट्रस्ट के महासचिव डा. जी सी कौल ने प्रेस के नाम पर बयान जारी करके यह जानकारी दी । डॉ. कौल ने कहा कि असम और त्रिपुरा में हालात ज्यादा खराब हो गए थे जिसके कारण प्रशासन को कर्फ्यू लगाना पड़ा। मणिपुर, मेघालय, अरुणाचल और देश के अन्य हिस्सों में, विरोध के कारण स्थिति अनुकूल नहीं है। जानकारी के अनुसार केरल, बंगाल और पंजाब ने नागरिकता संशोधन विधेयक को लागू नहीं करने का फैसला किया है।
डॉ. कौल ने आगे कहा कि बाबा साहब डॉ. भीम राव अंबेडकर ने संविधान तैयार करके विभिन्न रयास्तों, राज्यों, समुदायों, भाषाओं, धर्मों के लोगों को भारत देश के रूप में एकजुट किया, लेकिन मौके की सरकारों ने संविधान को ईमानदारी से लागू नहीं किया। देश में अल्पसंख्यकों, दलितों और महिलाओं को निशाना बनाया जा रहा है, देश आर्थिक पतन की ओर बढ़ रहा है, महंगाई आसमान छू रही है, उद्योग बंद हो रहे हैं, लोग बेरोजगारी के कारण मर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ , सब का साथ सब का विकास , मेक इन इंडिया जैसे नारे दम तोड़ रहे हैं। संविधान की धज्जियां उड़ रही हैं। देश खाना जंगी की ओर बढ़ रहा है। भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है। यदि सभी का ध्यान नहीं रखा गया, तो इस के परिणाम विनाशकारी हो सकते हैं। इस अवसर पर अध्यक्ष आर सी संगर, ट्रस्टी लाहौरी राम बाली, प्रो. सोहन लाल (पूर्व डीपीआई कॉलेज) और बलदेव राज भारद्वाज उपस्थित थे।
डॉ. जी सी कौल, महासचिव
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