कर्नाटक(समाज वीकली)- मैसूर से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, यहां कथित तौर पर दलितों के बाल काटने से खफा गांववालों ने एक नाई पर पचास हजार रूपये का जुर्माना लगाया। यहीं गांववालों के द्वारा उनके परिवार का भी सामाजिक बहिष्कार किया गया।
नानजनगुगु इलाके के हल्लारे गांव में पेशे से नाई मल्लिकार्जुन शेट्टी के मुताबिक उनके ऊपर तीसरी बार 50,000 का जुर्माना सिर्फ इसलिए लगाया गया क्योंकि उन्होंने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदाय (एससी-एसटी) के लोगों के बाल काटे थे। उन्हें धमकियां दी जा रही हैं, गांव के चन्ना नाइक और दूसरे लोग उसे प्रताड़ित कर रहे हैं।
मल्लिकार्जुन के मुताबिक उन्होंने इस मामले की शिकायत उच्च अधिकारियों से की है, उनके परिवार को जान का खतरा है। मल्लिकार्जुन ने अधिकारियों से कहा है कि अगर उनकी की मदद नहीं की गई तो वह खुद परिवार के साथ आत्महत्या कर लेंगे। मल्लिकार्जुन और उनका परिवार गांववालों से बहुत परेशान हो चुका है। उनके पास न ही जुर्माने की रकम भरने का पैसा है और न ही सामाजिक बहिष्कार झेलने का क्षमता।
बता दें कि हाल ही में कर्नाटक के समाज कल्याण विभाग ने एक प्रस्ताव बनाया है। इसमें कई स्थानों पर सरकारी सलून खोलने की मांग की गई है क्योंकि जातिगत भेदभाव के चलते दलित समुदाय के लोगों के बाल और दाढ़ी नहीं काटे जाते।