रेल कर्मियों के साथ-साथ सभी कर्मचारियों का मनोबल तोड़ने का काम कर रही है सरकार-सैणी
हुसैनपुर , 8 जून (कौड़ा) (समाज वीकली)-ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन की स्टैंडिंग कमेटी में लिए गए फैसले के अनुसार 1 जून से 6 जून तक जन जागरण अभियान के तहत आज अखिल भारतीय विरोध दिवस के रूप में आज फैक्ट्री गेट पर मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ काले झंडों के साथ जोरदार नारेबाजी की गई ।
इस दौरान अपनी मांगे सरकार के गलत फैसले डेढ़ साल तक डीए फ्रीज कर देने के आदेश वापस लो, निगमीकरण/ निजीकरण की नीति बंद करो, मल्टी स्किलिंग और मर्जर आफ केडर को खत्म किया जाए ,एनपीएस खतम करके पुराने ग्रंटेड फैमिली योजना बहाल करो , सुधार के नाम पर श्रम कानूनों में संशोधन बंद करो घोषित ,आर्थिक पैकेज में कर्मचारियों के लिए योजना प्रस्तावित करो ,करोना काल में ड्यूटी कर रहे रेल कर्मचारियों को भी 50 लाख का इंश्योरेंस दो, गृह मंत्रालय के अधीन निर्देश अनुसार ही कर्मचारियों को ड्यूटी पर बुलाना सुनिश्चित करो ,पास पीटीओ की अवधि बढ़ाकर सभी स्पेशल ट्रेनों में रेल कर्मचारियों की यात्रा की सुविधा दो व स्थानीय स्तर पर मार्च महीने का इंसेंटिव ठीक करके दिया जाए ।
इसके साथ प्रोटेक्टिव क्लॉथ सेफ्टी शूज पगड़ी टॉवल जो बकाया रहते हैं वह भी जल्द से जल्द दिया जाए सभा के अंत में प्रधान राजवीर शर्मा व महासचिव श्री जसवंत सिंह सैनी ने* संबोधित किया कि इस समय पूरा विश्व करोना जैसी महामारी से जूझ रहा है देश में पिछले 22 मार्च से ही लोक डाउन चल रहा है सारा ट्रांसपोर्ट सिस्टम बंद था पर इस महामारी के समय भी हमारे रेलकर्मी साथियों ने दिन रात एक कर सभी खाद्य सामानों और जरूरतों की वस्तुओं को माल गाड़ियां पार्सल एक्सप्रेस द्वारा पूरे देश में पहुंचाने के काम किया ।
इसके साथ साथ रेल कर्मियों ने इसके साथ-साथ इस आपदा की घड़ी में मास्क सैनिटाइजर वेंटिलेटर पीपी किट के अलावा 24 घंटे के अंदर ट्रेन में को आइसोलेशन वार्ड में तब्दील करने का काम किया जो वाकई काबिले तारीफ है । उन्होंने कहा कि इन कार्यों के एवज में जहां रेल कर्मियों को शाबाशी और इंसेंटिव मिलना चाहिए था उसकी जगह सरकार ने रेल कर्मचारियों का महंगाई भत्ता ही डेढ़ साल के लिए बंद कर दिया जिससे रेल कर्मियों को साथ-साथ सभी कर्मचारियों का मनोबल को तोड़ने का काम किया जोकि अत्यंत निंदनीय है उन्होंने साफ किया कि सरकार हर हाल में सरकारी क्षेत्र का निजी करण करना चाहती है लेकिन एआईआरएफ ने पहले भी रेल को निगमीकरण/ निजीकरण से बचाया है फिर बचाएंगे इतना ही नहीं सरकार की कोशिश यह भी है कि किसी किसी तरह रेल कर्मचारियों की संख्या 13 .26 लाख से कम करके 8 लाख कर दिया जाए इसको कभी भी होने नहीं दिया जाएगा सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए मीटिंग के अंत एनपीएस को खत्म कर पुरानी पेंशन को बहाल करने के साथ ही भारतीय रेल को निगमीकरण/निजीकरण से बचाने की लड़ाई हम पहले भी से लड़ते आ रहे हैं और लड़ते रहेंगे किसी भी सूरत में भारतीय रेल का निगमीकरण/ निजीकरण नहीं होने दिया जाएगा
उपस्थित सदस्य गण वर्किंग प्रेसिडेंट श्री हरि दत्त शर्मा श्री तालिब मोहम्मद जोनल सेक्टरी राजेंद्र सिंह के अलावा नरेश कुमार ,गोल्डी ,अमन नोटा ,सतनाम सिंह, इंदरजीत सिंह , सुखदीप बाजवा, रविंदर सिंह ,अरविंद कुमार ,इंद्रजीत रुपवाली, सुरजीत सिंह ,कमलजीत सिंह, हरचरण सिंह ,राजेंद्र कुमार ,तेजवीर सिंह, बलबीर मलिक ,केवल सिंह ,रामपाल आदि ने अपने विचार रखे।