आरसीएफ के गेट नंबर 2 पर बने नवनिर्मित रेल अंडर ब्रिज की पहली बरसात पड़ने पर मुंह बोलती तस्वीर

कपूरथला (समाज वीकली) ( कौड़ा )- रेल कोच फैक्ट्री टाउनशिप गेट नंबर 2 के बाहर जो रेलवे क्रॉसिंग बनी हुई थी वहां पर रेलगाड़ियों के आने के समय और जब भी कोई मालगाड़ी आती थी तो रेलवे क्रॉसिंग के फाटक को रेलवे के गेटमैन द्वारा काफी देर तक बंद करना पड़ता था जिसके कारण रेल कोच फैक्ट्री टाउनशिप के टाइप 1 से टाइप 5 तक के कर्मचारियों व परिवारों को बाहर जाने के लिए एवं बाहर से अंदर आने के लिए कर्मचारियों एवं अन्य दूसरे व्यक्तियों को भी काफी लंबे समय तक इंतजार करना पड़ता था और कई बार आरसीएफ हॉस्पिटल से जालंधर के प्राइवेट हॉस्पिटलों को रेफर किए हुए हुए मरीजों की एंबुलेंस को भी उसी गेट से गुजरना होता था और उपरोक्त ट्रेनों के संचालन के दौरान उन्हें भी काफी देर फाटक बंद होने की वजह से वहां पर रुकना पड़ता था।

जिस कारण कई बार मरीजों की हालत बहुत गंभीर हो जाती थी और जानी नुकसान होने का खतरा बना रहता था इन सब कारणों की गंभीरता को लेकर यहां की मान्यता प्राप्त दोनों यूनियनों ने इस मामले को आरसीएफ प्रशासन से एजेंडा मीटिंग में पूरी गंभीरता के साथ उठाया मुद्दे की गंभीरता एवं प्रतिदिन कर्मचारियों को आने वाली समस्याओं को मध्यनजर रखते हुए देखते हुए आरसीएफ प्रशासन ने उत्तरी रेलवे के जनरल मैनेजर से बातचीत एवं पत्र व्यवहार करके रेल अंडर ब्रिज बनाने की प्रपोजल तैयार करवाई जिसके तहत इस रेल अंडर ब्रिज का कार्य वर्ष 2020 के जनवरी महीने मे निर्माण आरंभ हुआ था मार्च 2020 में कोविड-19 की वजह से इस प्रोजेक्ट के पूरा होने में कुछ महीने का विलंब हुआ परंतु रेलवे अंडर ब्रिज के प्रोजेक्ट का कार्य उत्तरी रेलवे फिरोजपुर मंडल द्वारा वर्ष 2021 के अंत तक पूरा कर दिया गया था।

इस प्रोजेक्ट पर लगभग 2 करोड से भी ज्यादा खर्चा हुआ है इस रेल अंडर ब्रिज बनने के बाद आरसीएफ प्रशासन द्वारा गेट नंबर 2 को पूरी तरह बंद कर दिया गया जोकि चित्र में साफ दिखाई दे रहा है जिस कारण कर्मचारियों एवं उनके परिवारजनों को गेट नंबर 2 के बाहर पैदल एवं दो पहिया वाहन द्वारा बाहर आने और जाने के लिए बहुत बड़ी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अभी इस रेल अंडर ब्रिज के प्रोजेक्ट को पूरा हुए लगभग 9 महीने ही हुए हैं कि देखा गया है कि थोड़ी बरसात आने पर भी रेल अंडर ब्रिज के दोनों तरफ से इतनी ज्यादा slope सलोप होने के कारण पुल के बेस लेवल पर बरसात का गंदा पानी इकट्ठा हो जाता है जिसके साथ रेत, मिट्टी, वृक्षों के पत्ते एवं कूड़ा करकट आदि भी पानी के बहाव के साथ नीचे आ जाते है ।

इस सब की वजह पुल के अंदर टेक्निकल डिजाइन का नुकस साफ नजर आता है और पुल के ग्राउंड लेवल पर जो सटोरम वाटर होलस बने हुए है उन पर जो जाली लगी हुई हैं वह बंद हो जाती हैं इसी कारण पुल के नीचे पानी भारी मात्रा में इकट्ठा हो जाता है। एवं इसके कारण दोनों तरफ से आवाजाही अवरुद्ध हो जाती है यहां यह वर्णन योग्य है कि उत्तरी रेलवे फिरोजपुर मंडल के सिविल इंजीनियरिंग के अधिकारियों द्वारा खतरे का लेवल सिर्फ 1 फीट तक अंकित किया हुआ है जो कि हल्की बरसात पड़ने पर उससे कहीं ऊपर पानी चला जाता है और दोपहिया वाहनों एवं पैदल चलने वालों को बहुत ज्यादा कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है आज की बारिश के कारण वहां पर एकत्रित हुए गंदे पानी एवं कूड़ा करकट की वजह से एकत्रित हुए पानी के कारण लोगों को हुई कठिनाई का जीवंत दृश्य की मुहॅ बोलते तस्वीर है लगातार दो दिन से हो रही बारिश के कारण आज वहां पर पुल के नीचे बहुत गंभीर स्थिति बनी हुई थी ।

जिसको हमारे रेलवे सुरक्षा बल के ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों ने पुल पर अंकित नॉर्दन रेलवे के हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करने की कोशिश की परंतु किसी ने भी फोन उठाने तक की जहमत नहीं उठाई इसके बाद यह समस्या सुरक्षा बल के कर्मचारियों ने सुबह लगभग 10:00 बजे जब इंजीनियर बृजमोहन शिव मंदिर से वापस अपनी कार में वापस आरसीएफ टाउनशिप में अपने घर जा रहे थे तो उनको रोक पर यह समस्या बताई कि हमारे द्वारा फोन करने पर भी फिरोजपुर डिवीजन के किसी भी अधिकारी ने फोन तक नहीं उठाया ।इंजीनियर बृजमोहन ने तुरंत आरसीएफ के चीफ इंजीनियर को मोबाइल द्वारा सूचित किया एवं चीफ इंजीनियर महोदय द्वारा तुरंत एक्शन लेते हुए अपने अधीनस्थ श्री एस के कपिल को दिशा निर्देश दीया और श्री कपिल ने तुरंत कुछ ही मिनटों के अंदर अपने अधीन कर्मचारियों को इस कार्य को करने के लिए वहां पर लगा दिया।

इंजीनियर बृजमोहन ने संबंधित एस एस ई लोहिया को मोबाइल नंबर 9779232221 पर मामले की गंभीरता से सूचित करवाया तो उन्होंने कहा कि मुझे वहां एकत्रित हुए पानी की फोटो भेजो इंजीनियर बृजमोहन ने तुरंत 8/10 के लगभग अंडर ब्रिज के नीचे एकत्रित हुए पानी एवं पानी के बीच में से गुजर रहे लोगों की जीवंत दृश्य की फोटो उपरोक्त नंबर पर व्हाट्सएप द्वारा भेजी ।इसके उपरांत एस एस ई लोहिया ने लगभग पौने घंटे तक इंजीनियर बृजमोहन का फोन नहीं उठाया उसके बाद जब फोन उठाया तो उन्होंने कहा कि मैंने वाटर लिफ्टिंग पंप का अरेंजमेंट तो कर लिया है परंतु मेरे पास लिफ्टिंग वैन नहीं है उसका मैं इंतजाम करवा रहा हूं परंतु दोपहर 2:00 बजे तक SSE लोहिया न तो स्वयं मौके पर आए ने न ही उनका कोई कर्मचारी मौके पर इस समस्या को हल करने के लिए पहुंचा।

रेल डिब्बा कारखाना के प्रशासन को अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत पंजाब के प्रधान इंजीनियर बृजमोहन जो कि आरसीएफ स्टाफ काउंसिल के इलेक्टेड मेंबर एवं ज्वाइंट सेक्रेटरी सेक्रेटरी भी रह चुके हैं ने आरसीएफ में रहने वाले सभी कर्मचारियों एवं उनके परिवार जनों की आवाज को बुलंद करते हुए आरसीएफ प्रशासन से एवं उत्तरी रेलवे फिरोजपुर मंडल के डीआरएम एवं उत्तरी रेलवे जनरल मैनेजर से आग्रह किया है कि इस गंभीर समस्या की गहनता को गंभीरता से लेते हुए इस पर तुरंत एक्शन करते हुए पुल के नीचे बनाए गए सटोरम वाटर होलस का साइज बढ़ाया जाए एवं उनमें जो जालियां लगाई गई हैं उनका साइज़ भी बड़ा किया जाए ताकि घास फूस एवं कूड़ा करकट एवं मिट्टी उनमें ना फस सके जिसके कारण पानी का बहाव उन स्ट्रोम हॉल से ग्राउंड में जा सके और पुल के नीचे पानी जमा न हो सके।

 

 

 

 

‘ਸਮਾਜਵੀਕਲੀ’ ਐਪ ਡਾਊਨਲੋਡ ਕਰਨ ਲਈ ਹੇਠ ਦਿਤਾ ਲਿੰਕ ਕਲਿੱਕ ਕਰੋ
https://play.google.com/store/apps/details?id=in.yourhost.samajweekly

Previous articleਐਨੇ ਨਹੀ ਸੁਦਾਈ
Next articleਨਾਨੀ