आजादी में बहुमूल्य योगदान देने वाले सुरवीरों को समर्पित नाटक मेला करवाया गया

बेमिसाल किसानी संघर्ष से सबक लेते हुए सब को एकजुट होने की जरूरत- तलविंदर सिंह

नौजवानों का भविष्य तबाह कर रही मौजूदा सरकार -भरत राज

झंडे के गीत व नाटकों की रही अद्भुत पेशकारी

कपूरथला (समाज वीकली) (कौड़ा )- रेल कोच फैक्ट्री कपूरथला स्थित वर्कर क्लब में शहीद भगत सिंह के जन्मदिवस व देश की आजादी में बहुमूल्य योगदान देने वाले तमाम सुरवीरों को समर्पित इंकलाबी नाटक मेला शहीद भगत सिंह विचार मंच, आरसीएफ द्वारा सचिव चंद्रभान वह अध्यक्ष धर्मपाल की अगुवाई में करवाया गया जिसमें आरसीएफ के सैकड़ों परिवारों ने भाग लिया।

इंकलाबी नाटक मेले में मुख्य वक्ता के रूप में पहुंचे भारतीय किसान यूनियन (एकता) उगराहा के जिला प्रचार अध्यक्ष कामरेड तलविंदर सिंह ने कहा कि मौजूदा समय में हम सदी के सबसे चुनौतीपूर्ण दौर से गुजर रहे हैं। देश के हुक्मरानों द्वारा थोपी जा रही मजदूर, आमजन व देश विरोधी नीतियों के चलते देश तबाही के कगार पर खड़ा है। इन परिस्थितियों का सामना करने के लिए हमारे पास एकमात्र रास्ता संयुक्त संघर्ष का है हमें ला मिसाल किसानी संघर्ष से शिक्षा लेते हुए मजदूरों, नौजवानों, किसानों, कर्मचारियों, बेरोजगारों को एकजुट करते हुए मौजूदा नीतियों के विरुद्ध संघर्ष करना ही एकमात्र रास्ता है। यह इस देश में ही हो सकता है कि देश का सबसे बड़ा कर्जदार दुनिया के सबसे अमीर लोगों की लिस्ट में दूसरे स्थान पर है, देश की 67 प्रतिशत इकॉनमी के बराबर मात्र एक आदमी धनसंपदा एकत्रित करके, नाग कुंडली मारकर बैठा है।

नौजवान साथी भरत राज ने कहा कि 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था का सपना दिखाने वाली सरकार ने देश को सचमुच बेरोजगारी, भुखमरी, ना-बराबरी, फिरकाप्रस्ती, जातिवादी, सरकारी क्षेत्रों के निजीकरण, आईएमएफ/वर्ल्ड बैंक से लोन लेने, अपने यारों के लाखों करोड़ों रुपए के कर एनपीए में डालने, भ्रष्टाचारी इत्यादि मामलों में नंबर वन पर लाकर खड़ा कर दिया है। एक तरफ देश को विश्व गुरु बनाने की बातें तो दूसरी तरफ जिन्होंने आने वाले समय में देश की बागडोर अपने हाथों में लेनी है, नौजवानों का भविष्य तबाह करने के लिए नामवार कॉलेजों, यूनिवर्सिटीयों को निशाना बनाकर उन्हें तबाह किया जा रहा है।

पीएसयू ललकार से आई छात्रा सिमरन ने कहा कि देश के तमाम नौजवानों को एकजुट होकर संघर्ष का नेतृत्व अपने हाथों में लेना होगा, क्योंकि भगत सिंह ने भी कहा था कि जो भी देश आजाद हुआ है वहां के नौजवानों की उसमें अहम भूमिका रही है। इसलिए नौजवानों, छात्रों, विद्यार्थियों को आगे आकर इन नीतियों के खिलाफ संघर्ष करना होगा। इंकलाबी नाटक मेले में डॉक्टर सोमपाल हीरा की निर्देशना में सिर्जना आर्ट ग्रुप रायकोट द्वारा बहुत ही प्रभावशाली नाटक ‘नशों की कारगिल/ सरहदें और भी हैं’ ‘भगत सिंह तू जिंदा है’ व ‘प्रवास’ नाटकों की पेशकारी ने हर एक को इंकलाब जिंदाबाद के नारे लगाने के लिए विवश कर दिया। कॉमरेड गुरजिंदर सिंह के निर्देशना में शहीद भगत सिंह विचार मंच की कल्चरल टीम द्वारा पेश किए गए ‘झंडे के गीत’ जिसमें आरसीएफ के छोटे-छोटे बच्चों, महिलाओं व कर्मचारियों सहित लगभग 40 कलाकारों ने भाग लिया, ने सभी श्रोताओं को खड़े होकर तालियां बजाने के लिए विवश कर दिया।

मंच के अध्यक्ष धर्मपाल ने धन्यवाद करते हुए कहा कि यह सोलवा इंकलाबी नाटक मेला आप सब दर्शकों के सहयोग से एक अपनी अनोखी छाप छोड़ कर समाप्त हो रहा है, आप सब के सहयोग से आगे भी शहीद भगत सिंह विचार मंच द्वारा शहीद भगत सिंह व उनके साथियों के विचारों पर चलते हुए एक सेहतमंद समाज के निर्माण में अपनी भूमिका पेश करता रहेगा।

मंच संचालन की भूमिका चंद्रभान जी ने बखूबी निभाई। इस इंकलाबी नाटक मेले को सफल बनाने के लिए विशेष तौर पर आरसीएफ एम्पलाइज यूनियन, आईआरटीएसए आरसीएफ, एससी-एसटी इंप्लाइज एसोसिएशन, डॉक्टर भीमराव अंबेडकर सोसायटी, ओबीसी एसोसिएशन शामिल रहे व रेडिका की तमाम यूनियनस/ एसोसिएशन ने भरपूर साथ दिया। इस कार्यक्रम में परमजीत सिंह खालसा, मनजीत सिंह बाजवा, तरसेम कुमार, जसपाल सीखो, बचित्तर सिंह, दर्शन लाल, बूटा राम, सुरेंद्र कुमार, बलविंदर पाल, गुरविंदर सिंह, विनोद कुमार, अमरीक सिंह, सुखविंदर सिंह, गुरप्रीत सिंह, गुरशरण गोरा, साकेत यादव, समरेश कुमार, कौशल कुमार, संजय कुमार, अनिल कुमार, संपूर्ण वर्कर क्लब कमेटी सहित महिलाओं व बच्चों की विशेष भूमिका रही।

 

 

 

 

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